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लॉकडाउन की हिमाचल के किसानों पर मार! इतने करोड़ का हुआ नुकसान - farmers receive 37 crore loss

प्रदेश में लॉकडाउन के चलते अब तक किसानों को 37 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. इसके लिए प्रदेश सरकार ने एक कमेटी का गठन किया है. कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद ही तय किया जाएगा कि किस प्रकार किसानों की मदद की जा सके.

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Published : May 5, 2020, 8:54 PM IST

शिमला: कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कृषि मंत्री रामलाल मार्कंडेय ने कहा कि आपदा की इस घड़ी में कांग्रेस राजनीति करने से बाज नहीं आ रही. विपक्ष वैश्विक कोरोना महामारी के समय उल्टा प्रदेश सरकार के राहत व बचाव कार्य में अड़ंगा अड़ाने का काम रहा है ताकि कांग्रेस नेताओं की राजनीति चल सके. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को कोरोना फंड पर श्वेत पत्र मांगने का कोई अधिकार नहीं है.

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प्रदेश में लॉकडाउन के चलते अब तक किसानों को 37 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. इसके लिए प्रदेश सरकार ने एक कमेटी का गठन किया है. कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद ही तय किया जाएगा कि किस प्रकार किसानों की मदद की जा सके.

किसानो से गेहूं की फसल खरीद के लिए सरकार ने मंडियों से खरीद का प्रावधान किया है. इसके अलावा सब्जियों के उत्पादन को बेचने के लिए दिल्ली की आजादपुर सब्जी मंडी में बात हुई थी, लेकिन वहां एक साथ कोरोना के 12 मामले आने के बाद व्यवस्था बदल गई.

कृषि मंत्री ने कहा कि निश्चित तौर पर प्रदेश के किसानों और बागवानों को लॉकडाउन में भारी नुकसान हुआ है, जिसकी भरपाई के लिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से चर्चा की गई है. वहीं, कोरोना से बचाव के लिए ट्रक ड्राइवरों और उनके साथ जाने वाले हेल्पर्स को सब्जी मंडी में एंट्री के दौरान गाड़ी में ही बैठने के निर्देश दिए गए हैं, जिससे कोरोना वायरस से बचाव हो सके.

शिमला: कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कृषि मंत्री रामलाल मार्कंडेय ने कहा कि आपदा की इस घड़ी में कांग्रेस राजनीति करने से बाज नहीं आ रही. विपक्ष वैश्विक कोरोना महामारी के समय उल्टा प्रदेश सरकार के राहत व बचाव कार्य में अड़ंगा अड़ाने का काम रहा है ताकि कांग्रेस नेताओं की राजनीति चल सके. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को कोरोना फंड पर श्वेत पत्र मांगने का कोई अधिकार नहीं है.

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प्रदेश में लॉकडाउन के चलते अब तक किसानों को 37 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. इसके लिए प्रदेश सरकार ने एक कमेटी का गठन किया है. कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद ही तय किया जाएगा कि किस प्रकार किसानों की मदद की जा सके.

किसानो से गेहूं की फसल खरीद के लिए सरकार ने मंडियों से खरीद का प्रावधान किया है. इसके अलावा सब्जियों के उत्पादन को बेचने के लिए दिल्ली की आजादपुर सब्जी मंडी में बात हुई थी, लेकिन वहां एक साथ कोरोना के 12 मामले आने के बाद व्यवस्था बदल गई.

कृषि मंत्री ने कहा कि निश्चित तौर पर प्रदेश के किसानों और बागवानों को लॉकडाउन में भारी नुकसान हुआ है, जिसकी भरपाई के लिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से चर्चा की गई है. वहीं, कोरोना से बचाव के लिए ट्रक ड्राइवरों और उनके साथ जाने वाले हेल्पर्स को सब्जी मंडी में एंट्री के दौरान गाड़ी में ही बैठने के निर्देश दिए गए हैं, जिससे कोरोना वायरस से बचाव हो सके.

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