शिमला: हिमाचल प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार आर्थिक तंगी से गुजर रही है. आलम यह है कि अब कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल रहा है. 3 तारीख होने के बावजूद भी बिजली बोर्ड के हजारों कर्मचारियों को वेतन ओर पेंशनर्स को पेंशन नहीं मिली है. जिसके चलते हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड के कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ हल्ला बोल दिया है. शिमला बोर्ड मुख्यालय कुमार हाउस के बाहर कर्मचारियों ने सैलरी में 52 साल में पहली बार देरी होने और OPS की बहाली ना होने पर विरोध प्रदर्शन किया और कहा कि सरकार ने अगर समय फरवरी से पहले OPS बहाली और बोर्ड में स्थायी एमडी की नियुक्ति नहीं की तो भविष्य में यह विरोध प्रदर्शन बड़े आंदोलन का रूप लेगा.
![Himachal Electricity Board Employees Protest](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/03-01-2024/hp-sml-electricityboardemployeesprotest-avb-hp10009_03012024163031_0301f_1704279631_305.jpg)
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हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड कर्मचारी व इंजीनियर ज्वाइंट फ्रंट के सह संयोजक हीरा लाल ने कहा कि 52 साल के इतिहास में पहली बार कर्मचारियों को 3 जनवरी होने पर तनख्वाह नहीं मिली है जो कि पहले एक तारीख को मिल जाती थी. वहीं, सरकार ने प्रदेश में ओपीएस बहाल कर दी है, लेकिन बिजली बोर्ड की कर्मचारियों को अभी तक इससे वंचित रखा गया है. जिसके कारण कर्मचारी हताश हैं.
![Himachal Electricity Board Employees Protest](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/03-01-2024/hp-mnd-hpseb-union-gate-meet-avb-hp10010_03012024150554_0301f_1704274554_253.jpg)
हीरा लाल ने कहा कि मुफ्त की बिजली देने के सरकार के फैसले और बोर्ड के कुप्रबंधन चलते बिजली की हालत खस्ता है. बोर्ड में एमडी की स्थायी नियुक्ति नहीं हुई है. वर्तमान एमडी के पास डबल चार्ज के कारण बिजली बोर्ड में समय नहीं दे रहे हैं. जिसके चलते कई प्रॉजेक्ट लटके पड़े हैं और बिजली बोर्ड घाटे में है. इसलिए कर्मचारियों को जल्द OPS बहाल की जाए और एमडी की बोर्ड में स्थायी नियुक्ती की जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की परेशानी से कर्मचारियों को जूझता ना पड़े. सरकार ने अगर जल्द मांगे न मानी तो आंदोलन इसी तरह से जारी रहेगा और जरुरत पड़ने पर इसे उग्र किया जाएगा.
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