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प्राइवेट स्कूलों को शिक्षा सचिव की दो टूक, 25% सीटों पर EWS कोटे के बच्चों को देना होगा एडमिशन - हिमाचल में शिक्षा

शिक्षा सचिव डॉ. अभिषेक जैन ने हिमाचल में शिक्षा से संबंधित विभिन्न विषयों पर आज स्टेकहोल्डरों के साथ एक बैठक की. उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग द्वारा सभी बच्चों के लिए समावेशी, समान और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के सरकार के निर्देशों का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित किया जा रहा है. बैठक में उन्होंने निजी स्कूलों के प्रतिनिधियों को दो टूक शब्दों में कहा कि 25 फीसदी सीटों पर आर्थिक तौर से कमजोर वर्ग के बच्चों को उन्हें दाखिला देना ही होगा.

Himachal Education Secretary Abhishek Jain
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Published : Feb 27, 2023, 10:32 PM IST

Updated : Feb 28, 2023, 6:05 AM IST

शिमला: शिक्षा के अधिकार के कानून के तहत निजी स्कूलों को 25 फीसदी सीटों पर आर्थिक तौर से कमजोर (ईडब्लयूएस) को दाखिला देना जरूरी है. सरकार इसको लेकर गंभीर है. शिक्षा सचिव डॉ. अभिषेक जैन ने निजी स्कूलों को इस कानून का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं. शिक्षा सचिव डॉ. अभिषेक जैन ने प्रदेश में शिक्षा से संबंधित विभिन्न विषयों पर आज स्टेकहोल्डरों के साथ एक बैठक की. उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग द्वारा सभी बच्चों के लिए समावेशी, समान और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के सरकार के निर्देशों का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित किया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि प्रदेश में शिक्षा का अधिकार कानून के प्रावधानों और शिक्षा के सार्वभौमीकरण के लिए सभी उचित कदम उठाए गए हैं. शिक्षा सचिव अभिषेक जैन ने प्रदेश में शिक्षा से संबंधित विभिन्न विषयों पर स्टेकहोल्डरों के साथ एक बैठक की. उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग द्वारा सभी बच्चों के लिए समावेशी, समान और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के सरकार के निर्देशों का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित किया जा रहा है. प्रदेश में शिक्षा का अधिकार कानून के प्रावधानों और शिक्षा के सार्वभौमीकरण के लिए सभी उचित कदम उठाए गए हैं.

शिक्षा सचिव ने कहा कि शिक्षा का अधिकार कानून 6-14 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों को निःशुल्क एवं अनिवार्य प्रारंभिक शिक्षा का अधिकार प्रदान करता है, ताकि कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रह पाए. उन्होंने कहा कि इस अधिनियम के अनुसार निजी स्कूल आर्थिक रूप से कमजोर व वंचित पृष्ठभूमि के बच्चों के लिए 25 प्रतिशत आरक्षित सीटें भरना सुनिश्चित करें और इसके बारे में विभिन्न माध्यमों से लोगों को जागरूक किया जाए. उन्होंने कोविड महामारी के कारण एक या दोनों अभिभावकों खो चुके बच्चों की निजी स्कूलों में शैक्षणिक फीस माफ करने बारे वस्तुस्थिति की जानकारी भी ली.

नशे से बचाने के लिए स्कूल प्रबंधन अभिभावकों के साथ मिलकर करें काम: शिक्षा सचिव ने विद्यालयों को स्कूल संबंधी विभिन्न समितियों जैसे पीटीए, नशे के विरुद्ध समिति, सड़क सुरक्षा, शिकायत निवारण और आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठों की नियमित समय पर बैठकें आयोजित करने, विद्यार्थियों का शारीरिक, मानसिक और नैतिक विकास सुनिश्चित करने के लिए कहा. उन्होंने कहा कि स्कूल प्रबंधन अभिभावकों के साथ मिलकर युवा शक्ति को नशे से बचाने के लिए नवीन पहल सुनिश्चित करें.

युवाओं और विद्यार्थियों में नशे की बढ़ती प्रवृत्ति को कम करने के लिए स्कूल प्रभावशाली इनवोटिव रणनीति बनाकर कार्य करें. उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को नशे के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक करने के लिए इस संबंधित वीडियो दिखाए जाएं. उन्होंने बच्चों को नशे से बचने के लिए प्रतिज्ञा करवाने के भी निर्देश दिए. इस बैठक में उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत शर्मा, प्रारंभिक शिक्षा निदेशक घनश्याम शर्मा, विभिन्न निजी स्कूलों के प्रिसिंपल और उनके प्रतिनिधि शामिल हुए.

ये भी पढे़ं: फॉरेस्ट क्लीयरेंस ​​​​​​​में देरी से लटके प्रोजेक्ट, CM सुक्खू ने केंद्रीय मंत्री के समक्ष उठाया मुद्दा, हिमाचल आने का दिया न्योता

शिमला: शिक्षा के अधिकार के कानून के तहत निजी स्कूलों को 25 फीसदी सीटों पर आर्थिक तौर से कमजोर (ईडब्लयूएस) को दाखिला देना जरूरी है. सरकार इसको लेकर गंभीर है. शिक्षा सचिव डॉ. अभिषेक जैन ने निजी स्कूलों को इस कानून का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं. शिक्षा सचिव डॉ. अभिषेक जैन ने प्रदेश में शिक्षा से संबंधित विभिन्न विषयों पर आज स्टेकहोल्डरों के साथ एक बैठक की. उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग द्वारा सभी बच्चों के लिए समावेशी, समान और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के सरकार के निर्देशों का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित किया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि प्रदेश में शिक्षा का अधिकार कानून के प्रावधानों और शिक्षा के सार्वभौमीकरण के लिए सभी उचित कदम उठाए गए हैं. शिक्षा सचिव अभिषेक जैन ने प्रदेश में शिक्षा से संबंधित विभिन्न विषयों पर स्टेकहोल्डरों के साथ एक बैठक की. उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग द्वारा सभी बच्चों के लिए समावेशी, समान और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के सरकार के निर्देशों का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित किया जा रहा है. प्रदेश में शिक्षा का अधिकार कानून के प्रावधानों और शिक्षा के सार्वभौमीकरण के लिए सभी उचित कदम उठाए गए हैं.

शिक्षा सचिव ने कहा कि शिक्षा का अधिकार कानून 6-14 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों को निःशुल्क एवं अनिवार्य प्रारंभिक शिक्षा का अधिकार प्रदान करता है, ताकि कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रह पाए. उन्होंने कहा कि इस अधिनियम के अनुसार निजी स्कूल आर्थिक रूप से कमजोर व वंचित पृष्ठभूमि के बच्चों के लिए 25 प्रतिशत आरक्षित सीटें भरना सुनिश्चित करें और इसके बारे में विभिन्न माध्यमों से लोगों को जागरूक किया जाए. उन्होंने कोविड महामारी के कारण एक या दोनों अभिभावकों खो चुके बच्चों की निजी स्कूलों में शैक्षणिक फीस माफ करने बारे वस्तुस्थिति की जानकारी भी ली.

नशे से बचाने के लिए स्कूल प्रबंधन अभिभावकों के साथ मिलकर करें काम: शिक्षा सचिव ने विद्यालयों को स्कूल संबंधी विभिन्न समितियों जैसे पीटीए, नशे के विरुद्ध समिति, सड़क सुरक्षा, शिकायत निवारण और आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठों की नियमित समय पर बैठकें आयोजित करने, विद्यार्थियों का शारीरिक, मानसिक और नैतिक विकास सुनिश्चित करने के लिए कहा. उन्होंने कहा कि स्कूल प्रबंधन अभिभावकों के साथ मिलकर युवा शक्ति को नशे से बचाने के लिए नवीन पहल सुनिश्चित करें.

युवाओं और विद्यार्थियों में नशे की बढ़ती प्रवृत्ति को कम करने के लिए स्कूल प्रभावशाली इनवोटिव रणनीति बनाकर कार्य करें. उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को नशे के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक करने के लिए इस संबंधित वीडियो दिखाए जाएं. उन्होंने बच्चों को नशे से बचने के लिए प्रतिज्ञा करवाने के भी निर्देश दिए. इस बैठक में उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत शर्मा, प्रारंभिक शिक्षा निदेशक घनश्याम शर्मा, विभिन्न निजी स्कूलों के प्रिसिंपल और उनके प्रतिनिधि शामिल हुए.

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Last Updated : Feb 28, 2023, 6:05 AM IST
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