शिमला: इस बार मानसून सीजन में भारी बारिश और बाढ़ ने हिमाचल को गहरे जख्म दिए हैं. प्रदेश में 24 जून से लेकर अब तक 335 लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि 38 लोग अभी भी लापता है. इसके अलावा अब तक ₹8 हजार करोड़ से ज्यादा का नुकसान हो चुका है. वही, 13 अगस्त से 15 अगस्त को शिमला, मंडी और कांगड़ा में बारिश कहर बनकर बरसी, जिससे भारी नुकसान हुआ है. 13 अगस्त से लेकर अब तक 79 लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि 15 लोग लापता हैं. प्रदेश में हुए भारी नुकसान को देखते हुए राज्य सरकार ने हिमाचल प्रदेश को प्राकृतिक आपदा क्षेत्र घोषित कर दिया है.
हिमाचल में बीते 7 जुलाई से 10 जुलाई को बारिश ने भारी कहर बरपाया. जिसकी वजह से कुल्लू और मंडी जिले में सबसे ज्यादा तबाही देखने को मिला. इस आपदा में कई लोगों की जान चली गई थी. हिमाचल प्रदेश के राजस्व सचिव ओंकार शर्मा ने कहा प्रदेश में इस बार बरसात से भारी नुकसान हुआ है. 24 जून से लेकर अब तक प्रदेश में 335 लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि 38 लोग लापता है. इसके अलावा 222 मकान पूरी तरह से ध्वस्त हो गए हैं और 10 हजार मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं.
उन्होंने बताया कि प्रदेश में अब तक ₹8000 करोड़ से ज्यादा का नुकसान आंका गया है, लेकिन यह नुकसान 10,000 करोड़ से ज्यादा तक पहुंच सकता है. प्रदेश में इस बरसात में 7 से 10 जुलाई तक भारी बारिश का जो स्पेल रहा, उसमें मंडी और कुल्लू सहित अन्य क्षेत्रों में भारी नुकसान देखने को मिला. इसके अलावा 13 अगस्त से 15 अगस्त तक भी भारी बारिश हुई और 13 अगस्त से लेकर अब तक 79 लोगों की जान जा चुकी है. शिमला शहर में 23 लोगो की मौत हुई है.
उन्होंने कहा शिमला के समरहिल शिव मंदिर पर लैंडस्लाइड होने से अब तक 17 लोगो के शव बरामद किए जा चुके हैं. जबकि फागली में 5 और कृष्णा नगर में दो की मौत हुई है. उन्होंने कहा हिमाचल सरकार मानसून से निपटने के लिए पहले से ही पूरी तैयारी कर ली थी. यही वजह है कि मानसून के दौरान जो आपदा आई, उससे निपटने में काफी ज्यादा मदद मिली और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया. कांगड़ा में ही 2000 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया. इसके अलावा मंडी में 700 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया गया था.
ओंकार शर्मा ने कहा बीते साल मानसून में 2500 करोड़ का नुकसान हुआ था. इस बार दस हजार करोड़ तक नुकसान पहुंच गया है. इस बार मानसून में प्रदेश में जान माल का भारी नुकसान हुआ है. प्रदेश के सभी जिलों में आपदा आई है. आपदा को देखते हुए राज्य सरकार ने हिमाचल को आपदा प्रभावित क्षेत्र घोषित किया है. प्रदेश का हर जिला प्रभावित हुआ है. कई लोग बेघर हो चुके हैं. ऐसे में इन लोगों की मदद के लिए सभी को आगे आना चाहिए. प्रदेश सरकार द्वारा आपदा कोष की स्थापना की गई है.लोगों को उसमें बढ़ चढ़कर का योगदान देना चाहिए. ताकि प्रदेश में आपदा प्रभावितों की हर संभव मदद हो सके.
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