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CM जयराम ने केंद्र से कहा: सेब पैकेजिंग मैटेरियल पर घटाई जाए GST, आयात शुल्क बढ़े - केंद्रीय बजट पूर्व बैठक

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर शुक्रवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय बजट पूर्व बैठक में शामिल (CM Jairam attended the Pre Budget meeting) हुए. जहां उन्होंने केंद्र के समक्ष हिमाचल का पक्ष रखा. मुख्यमंत्री ने सेब आयात शुल्क बढ़ाने के साथ ही सेब व अन्य फलों के पैकेजिंग मैटेरियल पर जीएसटी घटाने का भी आग्रह केंद्र से किया. पढ़ें पूरी खबर...

CM Jairam attended the Pre Budget meeting
CM Jairam attended the Pre Budget meeting
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Published : Nov 25, 2022, 9:21 PM IST

शिमला: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शुक्रवार को केंद्र के समक्ष हिमाचल का पक्ष रखा. मुख्यमंत्री ने सेब आयात शुल्क बढ़ाने के साथ ही सेब व अन्य फलों के पैकेजिंग मैटेरियल पर जीएसटी घटाने का भी आग्रह केंद्र से किया. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में दिल्ली में हुई केंद्रीय बजट पूर्व बैठक (CM Jairam attended the Pre Budget meeting) में शामिल हुए. बजट पूर्व बैठक (Pre Budget meeting in Delhi) में सभी राज्यों के वित्त मंत्री शामिल हुए. मुख्यमंत्री के पास वित्त महकमा भी है, ऐसे में वह इसमें शामिल हुए.

इस बैठक में फरवरी 2023 में प्रस्तावति केंद्र बजट के लिए सभी राज्यों से सुझाव मांगे गए हैं. मुख्यमंत्री ने हिमाचल की ओर से अपने सुझाव दिए. मुख्यमंत्री की ओर से इस बैठक में सेब आयात शुल्क बढ़ाने का आग्राह केंद्र से किया गया. केंद्र अभी सेब पर 50 फीसदी आयात शुल्क लगा रहा है. विदेशों से सस्ते सेब के आयात को रोकने के लिए हिमाचल की ओर से आयात शुल्क की सीमा बढ़ाने का आग्रह किया गया. इसके अलावा सेब और अन्य फलों की पैकेजिंग मैटेरियल पर लगने वाले जीएसटी को कम करने की मांग की गई.

केंद्र सरकार ने पैकेजिंग मैटेरियल पर जीएसटी 18 फीसदी किया है. मुख्यमंत्री ने इसको कम कर 12 फीसदी करने का आग्रह किया. जीएसटी कलेक्शन में हो रहे नुकसान की भरपाई के लिए जयराम ठाकुर ने केंद्र से अपनी बात रखी. कंपनसेशन की भरपाई इस साल से केंद्र सरकार ने बंद कर दी है. इस कारण हिमाचल को हर साल करीब 4 हजार करोड़ का नुकसान हो रहा है. मुख्यमंत्री ने इसको बहाल करने की मांग की. इसके अलावा मुख्यमंत्री ने मौजूदा वित्तीय वर्ष की लोन लिमिट को बढ़ाने का भी आग्रह किया.

इस वर्ष दिसंबर माह तक की लोन लिमिट 9700 करोड़ रुपए की है, उसमें से सरकार ने 7000 करोड़ रुपए लोन ले लिया है. लेकिन इस साल की अंतिम तिमाही यानी जनवरी से मार्च तक की अवधि के लिए लोन की लिमिट अलग से आएगी. अभी राज्य सरकार को पे कमीशन का एरियर का भुगतान भी करना है, जो कि कर्ज पर ही निर्भर होगा. इसके अलावा इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट स्कीम बहाली का मुद्दा भी उठाया गया. इसके तहत राज्य में स्थापित होने वाले नए उद्योगों को इन्वेस्टमेंट सब्सिडी मिलती थी, जो अब बंद हो गई है. प्रदेश में बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करने और कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए कदम उठाने का आग्रह भी केंद्र से किया गया.

ये भी पढ़ें: हमीरपुर: मासूम किरन की मौत पर भी नहीं पसीजे अधिकारी, न आर्थिक राहत, न परिजनों से मुलाकात

शिमला: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शुक्रवार को केंद्र के समक्ष हिमाचल का पक्ष रखा. मुख्यमंत्री ने सेब आयात शुल्क बढ़ाने के साथ ही सेब व अन्य फलों के पैकेजिंग मैटेरियल पर जीएसटी घटाने का भी आग्रह केंद्र से किया. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में दिल्ली में हुई केंद्रीय बजट पूर्व बैठक (CM Jairam attended the Pre Budget meeting) में शामिल हुए. बजट पूर्व बैठक (Pre Budget meeting in Delhi) में सभी राज्यों के वित्त मंत्री शामिल हुए. मुख्यमंत्री के पास वित्त महकमा भी है, ऐसे में वह इसमें शामिल हुए.

इस बैठक में फरवरी 2023 में प्रस्तावति केंद्र बजट के लिए सभी राज्यों से सुझाव मांगे गए हैं. मुख्यमंत्री ने हिमाचल की ओर से अपने सुझाव दिए. मुख्यमंत्री की ओर से इस बैठक में सेब आयात शुल्क बढ़ाने का आग्राह केंद्र से किया गया. केंद्र अभी सेब पर 50 फीसदी आयात शुल्क लगा रहा है. विदेशों से सस्ते सेब के आयात को रोकने के लिए हिमाचल की ओर से आयात शुल्क की सीमा बढ़ाने का आग्रह किया गया. इसके अलावा सेब और अन्य फलों की पैकेजिंग मैटेरियल पर लगने वाले जीएसटी को कम करने की मांग की गई.

केंद्र सरकार ने पैकेजिंग मैटेरियल पर जीएसटी 18 फीसदी किया है. मुख्यमंत्री ने इसको कम कर 12 फीसदी करने का आग्रह किया. जीएसटी कलेक्शन में हो रहे नुकसान की भरपाई के लिए जयराम ठाकुर ने केंद्र से अपनी बात रखी. कंपनसेशन की भरपाई इस साल से केंद्र सरकार ने बंद कर दी है. इस कारण हिमाचल को हर साल करीब 4 हजार करोड़ का नुकसान हो रहा है. मुख्यमंत्री ने इसको बहाल करने की मांग की. इसके अलावा मुख्यमंत्री ने मौजूदा वित्तीय वर्ष की लोन लिमिट को बढ़ाने का भी आग्रह किया.

इस वर्ष दिसंबर माह तक की लोन लिमिट 9700 करोड़ रुपए की है, उसमें से सरकार ने 7000 करोड़ रुपए लोन ले लिया है. लेकिन इस साल की अंतिम तिमाही यानी जनवरी से मार्च तक की अवधि के लिए लोन की लिमिट अलग से आएगी. अभी राज्य सरकार को पे कमीशन का एरियर का भुगतान भी करना है, जो कि कर्ज पर ही निर्भर होगा. इसके अलावा इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट स्कीम बहाली का मुद्दा भी उठाया गया. इसके तहत राज्य में स्थापित होने वाले नए उद्योगों को इन्वेस्टमेंट सब्सिडी मिलती थी, जो अब बंद हो गई है. प्रदेश में बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करने और कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए कदम उठाने का आग्रह भी केंद्र से किया गया.

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