शिमला: प्रदेश सरकार ने भंग कर्मचारी चयन आयोग की जगह हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग के गठन को कैबिनेट को मंजूरी दे दी है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में सार्वजनिक उपक्रमों, बोर्डों, निगमों, स्थानीय निकायों इत्यादि के अन्तर्गत ग्रुप-सी के विभिन्न पदों की भर्ती की परीक्षा आयोजित करवाने के लिए भंग किए गए हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर के स्थान पर हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग की स्थापना का निर्णय लिया गया.
सरकार ने पेपर लीक मामला सामने आने के बाद फरवरी माह में कर्मचारी चयन आयोग को भंग कर दिया था. इसके बाद सरकार ने पूर्व आईएएस अधिकारी दीपक शानन की अगुवाई में एक कमेटी गठित की थी, इस कमेटी की सिफारिशों के आधार पर सरकार ने प्रदेश राज्य चयन आयोग के गठन को मंजूरी दी है. नए हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग के लिए एक चीफ एडमिनिस्ट्रेटर, एडमिनिस्ट्रेटर, एक ज्वाइंट कंट्रोलर, एक डिप्टी डायरेक्टर आईटी और एक लॉ ऑफिसर का पद कैबिनेट ने मंजूर किया गया है. इसके लिए सरकार विधानसभा के मानसून सत्र में एक विधेयक लाएगी.
कैबिनेट ने मुख्यमंत्री लघु दुकानदार कल्याण योजना-2023 को स्वीकृति प्रदान की और इस योजना के तहत 40 करोड़ रुपये आबंटित करने का निर्णय लिया. इस योजना से लघु उद्यमियों और कौशल आधारित श्रमिकों जैसे मोची, दर्जी, बार्बर, मोबाइल रिपेयरिंग विक्रेता, सब्जी एवं फल विक्रेताओं को व्यवसाय के लिए ऋण प्राप्त करने के बेहतर अवसर उपलब्ध होंगे.
रेवेन्यू एक्ट में बदलाव को दी मंजूरी: बैठक में लोगों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से राजस्व न्यायालय मामलों के लंबित निर्णयों के मुद्दों का समाधान करने और तकसीम, दुरूस्ती, इन्द्राज, अपील और निशानदेही इत्यादि विभिन्न राजस्व कार्यों को सुव्यवस्थित करने के लिए हिमाचल प्रदेश विधानसभा के आगामी मानसून सत्र में हिमाचल प्रदेश भू-राजस्व (संशोधन) विधेयक-2023 लाने का निर्णय लिया गया. बैठक में ऐसे कर निर्धारण मामले जो लंबित थे व न्यायालयों में लंबित कर वसूली के मामलों के निपटारे के लिए 1 अक्तूबर, 2023 से 31 दिसम्बर, 2023 तक हिमाचल प्रदेश सद्भावना विरासत मामले समाधान योजना, 2023 के तीसरे चरण को शुरू करने का निर्णय लिया गया. कैबिनेट ने राजस्व अनुकूलन के लिए वित्त वर्ष 2024-25 से एचपीएसईबीएल, एचपीपीसीएल और ऊर्जा निदेशालय के संबंध में रणनीतिक और विद्युत के क्रय एवं विक्रय के समन्वय के लिए एकल ऊर्जा ट्रेडिंग डेस्क स्थापित करने का निर्णय लिया. बैठक में जलवायु, भौगोलिक और अन्य कारणों से मंदी की अवधि के दौरान ऊर्जा की कमी का प्रबंधन करने के लिए स्वर्ण जयंती ऊर्जा नीति-2021 में संशोधन को भी स्वीकृति प्रदान की गई. नये प्रावधान छत पर (रूफ टॉप) सौर परियोजना स्थापित करने को प्रोत्साहन प्रदान कर विद्युत उत्पादन को प्रोत्साहित करेंगे.
एसएमसी और कंप्यूटर शिक्षकों का मानदेय बढ़ाया: बैठक में एसएमसी शिक्षकों के मानदेय को 1 अप्रैल, 2023 से 2,000 रुपये प्रतिमाह बढ़ाने का निर्णय लिया गया. इस निर्णय से 2115 शिक्षक लाभान्वित होंगे.कंप्यूटर शिक्षकों का मानदेय भी 2000 हजार बढ़ाया गया है. इसके अतिरिक्त शिक्षा विभाग में कार्यरत अंशकालिक जलवाहकों के मानदेय को 1 अप्रैल, 2023 से 3900 रुपये से बढ़ाकर 4400 रुपये प्रतिमाह करने का निर्णय लिया गया, इससे 283 जलवाहक लाभान्वित होंगे.
पुलिस विभाग में कांस्टेबल के 1226 पद भरने का फैसला: उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कैबिनेट बैठक में लिए फैसलों की जानकारी देते हुए कहा कि कैबिनेट ने पुलिस विभाग में कांस्टेबल के 1226 पद भरने का निर्णय लिया, इनमें 877 पुरूष कांस्टेबल, 292 महिला कांस्टेबल तथा 57 कांस्टेबल चालक शामिल हैं. इनको ड्रग्स से निपटने के काम के लिए विशेष कमांडो की ट्रेनिंग दी जाएगी.
विभिन्न विभागों में पदों को भरने की मंजूरी: कैबिनेट ने अवैध खनन से संबंधित गतिविधियों पर रोक लगाने के दृष्टिगत उद्योग विभाग में खनन निरीक्षक के 12 पद, सहायक खनन निरीक्षक के 24 पद और खनन रक्षक के 38 पद भरने का भी निर्णय लिया. बैठक में उद्यान विभाग में उद्यान प्रसार अधिकारी के 50 पद भरने का भी निर्णय लिया गया. इसके अतिरिक्त बैठक में आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग में सांख्यिकी सहायक के 10 पद भरने को भी स्वीकृति प्रदान की गई. कैबिनेट ने लोगों को विशेषज्ञ स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने के दृष्टिगत डॉ. राधाकृष्णन मेडिकल कॉलेज हमीरपुर में विभिन्न विभागों में एसोसिएट और असिस्टेंट प्रोफेसर के आठ पद सृजित कर भरने और इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज शिमला में असिस्टेंट प्रोफेसरका एक पद भरने का निर्णय लिया.
कैबिनेट ने ऊना जिले की टाहलीवाल पुलिस चौकी को स्तरोन्नत कर पुलिस थाना बनाने और यहां विभिन्न श्रेणियों के 14 पद सृजित कर भरने को भी स्वीकृति प्रदान की. इसके अलावा जनजातीय क्षेत्र नियम, 1995 के लिए किसी एक विशेष योजना के लिए बीजक बजट में व्यय की अधिकतम सीमा को एक लाख रुपये से बढ़ाकर तीन लाख रुपये करने का भी निर्णय लिया गया. यह बजट जनजातीय क्षेत्रों में कल्याणकारी और विकासात्मक योजनाओं के लिए प्रदान किया जाता है.
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