शिमला: हिमाचल विधानसभा के स्पीकर कुलदीप पठानिया ने बजट सत्र के पहले ही दिन सदन के संचालन में जिस कुशलता का परिचय दिया, उसकी दिन भर खूब चर्चा हुई. स्पीकर कुलदीप पठानिया ने न केवल सदन की मर्यादा का पाठ पढ़ाया, बल्कि विधायक निधि रोके जाने के मामले में जवाब देते समय मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू तक को टोक दिया.
दरअसल, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू जब विधायक क्षेत्रीय विकास निधि रोके जाने से संबंधित प्रस्ताव पर सरकार का पक्ष रख रहे थे तो उन्होंने अपने पक्ष को विस्तार से समझाने के लिए राज्य की आर्थिक स्थिति का बयान करना शुरू कर दिया. इस पर स्पीकर कुलदीप पठानिया ने सीएम को दो बार टोका और कहा कि अतीत की बात न करें और कृपया आप विधायक क्षेत्रीय विकास निधि पर बोलें. इस पर सीएम सुखविंदर सिंह बोले कि विधायक निधि पर बोलने से पहले अतीत का ज्ञान होना भी जरूरी है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू जब सरकार का पक्ष रख रहे थे तो चुराह के विधायक हंसराज बीच में बोल रहे थे. इस पर स्पीकर ने उन्हें भी टोका और कहा कि आई एम लाइकली टू गिव स्ट्रांग रूलिंग. उन्होंने हंसराज को ये भी कहा कि आप अच्छे लग रहे हैं.
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू इस बीच अपनी बात रख रहे थे. उन्होंने प्रदेश की आर्थिक स्थिति का हवाला दिया और कहने लगे कि यदि पूर्व सरकार के समय बिना बजट खोले गए संस्थान जारी रखते तो पांच हजार करोड़ का अतिरिक्त खर्च पड़ता. इसी दौरान विपक्ष की तरफ से फिर हल्ला होने लगा तो स्पीकर कुलदीप पठानिया ने सीएम से कहा कि प्लीज डोंट टेक ए नोट ऑफ दिस, यू प्लीज एड्रेस दि चेयर. सदन की कार्यवाही के दौरान कृषि मंत्री चंद्र कुमार कहीं और व्यस्त थे तो स्पीकर ने उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान से कहा कि कृपया कृषि मंत्री को सतर्क करें.
इसके अलावा भोजन अवकाश से पहले जब सदन की कार्यवाही चल रही थी तो मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू एक विषय पर अपनी बात रख रहे थे और कह रहे थे कि हमने क्या-क्या किया है. इस पर भी स्पीकर ने उन्हें तुरंत टोका और कहा कि हमने नहीं सरकार ने कहिए कि सरकार ने ये किया है. कुल मिलाकर स्पीकर कुलदीप पठानिया ने अपनी हाजिर जवाबी और संसदीय कार्यप्रणाली के ज्ञान का पहले ही दिन खूब परिचय दिया. जब उन्हें स्पीकर चुना गया था तो सदस्यों ने कहा था कि कानून के ज्ञाता होने के कारण वे सदन भी अच्छे से चलाएंगे और कुलदीप पठानिया ने इसे सही साबित करके दिखाया.
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