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CM सुक्खू बोले- संस्थान डी नोटिफाई करने के काम रोको प्रस्ताव पर विपक्ष नहीं कर पाया सार्थक चर्चा - Discussion on denotification of institute

सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार के बजट के दूसरे दिन काम रोको प्रस्ताव पर चर्चा हुई. वहीं, सीएम सुक्खू ने कहा कि काम रोको प्रस्ताव पर विपक्ष सार्थक चर्चा नहीं कर पाया. (CM Sukhu on discussion of stop work proposal) (Himachal Budget 2nd day) (Himachal budget session)

Himachal Budget 2nd day
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Published : Mar 15, 2023, 2:07 PM IST

Updated : Mar 15, 2023, 3:05 PM IST

शिमला: हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन नियम 67 के तहत डिनोटिफाई किए गए संस्थानों के मुद्दे पर चर्चा हुई. जिसपर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि विधानसभा सदन में नियम 67 के तहत लाए काम रोको प्रस्ताव पर चर्चा की अनुमति देने के बावजूद भी विपक्ष इस पर कोई सार्थक चर्चा नहीं कर पाया. मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में सीएम सुखविंदर सिंह ने कहा कि हालांकि नियम 67 तहत उन विषयों पर चर्चा की जाती है, जो कि बहुत जरूरी है. या राज्य में किसी तरह की आपदा आई हो, लेकिन विपक्ष विधायक निधि रोकने और संस्थानों को डिनोटिफाई करने जैसे मुद्दों को लेकर काम रोको प्रस्ताव लाए, जो कि उचित नहीं है.

इसके बावजूद सरकार ने आज संस्थानों को डिनोटिफाई करने के मुद्दे पर लाए काम रोको प्रस्ताव पर चर्चा चर्चा कराने का फैसला लिया. लेकिन विपक्ष संस्थानों को बंद करने को लेकर कोई सार्थक चर्चा नहीं कर सका. विपक्ष के विधायक चर्चा में जस्टिफाई नहीं कर पाए कि उनके इलाके में बंद किए संस्थान खोलना क्यों जरूरी है. उन्होंने कहा कि चर्चा के दौरान विपक्ष के सदस्यों को यह भी बता देना चाहिए था कि इन संस्थानों के लिए पूर्व सरकार ने बजट का कितना प्रावधान किया था और इनमें कितने कर्मचारी नियुक्त किए गए थे.

उन्होंने कहा कि हम पहले ही कह चुके हैं कि जहां जरूरत होगी, वहां संस्थानों को फिर से चालू किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि वह पहले ही कह चुके हैं कि वे सत्ता के लिए नहीं बल्कि व्यवस्था परिवर्तन के लिए सत्ता में आए हैं. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि आज उन्होंने चंबा में होली में बने वैली ब्रिज का शुभारंभ शिमला से ऑनलाइन किया है, यह पुल दो माह पहले गिर गया था और दो माह में 2.50 करोड़ की लागत से पीएस पुल का निर्माण कर दिया गया है, यह व्यवस्था परिवर्तन है.

ये भी पढ़ें: Himachal Budget: सुक्खू सरकार के बजट से प्रदेश के कर्मचारियों को ढेरों उम्मीदें, जानें क्या है मांगे

शिमला: हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन नियम 67 के तहत डिनोटिफाई किए गए संस्थानों के मुद्दे पर चर्चा हुई. जिसपर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि विधानसभा सदन में नियम 67 के तहत लाए काम रोको प्रस्ताव पर चर्चा की अनुमति देने के बावजूद भी विपक्ष इस पर कोई सार्थक चर्चा नहीं कर पाया. मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में सीएम सुखविंदर सिंह ने कहा कि हालांकि नियम 67 तहत उन विषयों पर चर्चा की जाती है, जो कि बहुत जरूरी है. या राज्य में किसी तरह की आपदा आई हो, लेकिन विपक्ष विधायक निधि रोकने और संस्थानों को डिनोटिफाई करने जैसे मुद्दों को लेकर काम रोको प्रस्ताव लाए, जो कि उचित नहीं है.

इसके बावजूद सरकार ने आज संस्थानों को डिनोटिफाई करने के मुद्दे पर लाए काम रोको प्रस्ताव पर चर्चा चर्चा कराने का फैसला लिया. लेकिन विपक्ष संस्थानों को बंद करने को लेकर कोई सार्थक चर्चा नहीं कर सका. विपक्ष के विधायक चर्चा में जस्टिफाई नहीं कर पाए कि उनके इलाके में बंद किए संस्थान खोलना क्यों जरूरी है. उन्होंने कहा कि चर्चा के दौरान विपक्ष के सदस्यों को यह भी बता देना चाहिए था कि इन संस्थानों के लिए पूर्व सरकार ने बजट का कितना प्रावधान किया था और इनमें कितने कर्मचारी नियुक्त किए गए थे.

उन्होंने कहा कि हम पहले ही कह चुके हैं कि जहां जरूरत होगी, वहां संस्थानों को फिर से चालू किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि वह पहले ही कह चुके हैं कि वे सत्ता के लिए नहीं बल्कि व्यवस्था परिवर्तन के लिए सत्ता में आए हैं. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि आज उन्होंने चंबा में होली में बने वैली ब्रिज का शुभारंभ शिमला से ऑनलाइन किया है, यह पुल दो माह पहले गिर गया था और दो माह में 2.50 करोड़ की लागत से पीएस पुल का निर्माण कर दिया गया है, यह व्यवस्था परिवर्तन है.

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Last Updated : Mar 15, 2023, 3:05 PM IST
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