रामपुर: शिमला जिले के ननखरी की बगलती पंचायत में एचपीएमसी द्वारा लिया गया बागवानों से सेब सड़क किनारे सड़ रहा है. जानकारी के अनुसार यह सेब 7 अगस्त को बागवानों से लिया गया था, जो यहां पर अब पूरी तरह से सड़ने की कगार पर पहुंच चुका है. जिसकी वजह भारी बारिश से सड़क बंद होना बताया जा रहा है. सड़कें बंद होने से सेब ले जाने के लिए गाड़ियां नहीं पहुंच पाई. अब इस सेब को जहां जानवर खा रहे हैं. वहीं सेब सड़ने से मक्खी और मच्छर भी पैदा हो रहे हैं. ऐसे में पंचायत में महामारी फैलने का भी खतरा बना हुआ है.
ग्राम पंचायत बगलती प्रधान श्वेता ने बताया कि एचपीएमसी द्वारा बगलती पंचायत के शीलबाग में जो सेंटर बागवानों का सेब लेने के लिए खोला गया था, वहां पर एचपीएमसी द्वारा बागवानों से लिए गए सेब की बोरियां हजारों की तादाद में सड़ चुकी है. प्रधान श्वेता ने बताया कि जहां एक और यह सेब सड़क के किनारे सड़ रहा है. वहीं इससे एचपीएमसी को भी भारी नुकसान हो रहा है.
उन्होंने बताया कि बागवानों से तो यह सेब एचपीएमसी द्वारा ले लिया गया है, लेकिन एक माह से भी ज्यादा से सेब की बोरियां सड़क किनारे पड़ी हुई है. ऐसे में इन सबों को जीव जंतु खा रहे हैं और यहां पर मक्खी, मच्छर भी पैदा हो रहे हैं.प्रधान ने कहा ऐसे में क्षेत्र में बीमारियां फैलने की भी आशंका बढ़ गई है. उन्होंने प्रशासन से आग्रह किया है कि इन सेब की बोरियों को यहां से जल्द से जल्द उठाने का प्रयास किया जाए. ताकि यहां पर लोगों को परेशानियों का सामना न करना पड़े.
एचपीएमसी सेक्टर इंचार्ज रजत ने बताया बागवानों से यह सेब 7 अगस्त को खरीदा गया, लेकिन सड़क सुविधा सही न होने के कारण यह सेब सड़क के किनारे रखा रह गया. इस सेब को उठाने से पहले एक कमेटी गठित की जाएगी, जो भी कमेटी में निर्णय लिया जाएगा. उसी के बाद इस सेब को यहां से उठाने का प्रयास किया जाएगा. उन्होंने बताया कि जल्द से जल्द कमेटी गठित की जाएगी और सेब को उठाया जाएगा.
बता दें कि सेब सीजन की शुरुआत में 7 अगस्त को बगलती पंचायत में एचपीएमसी द्वारा करीब 11 सौ सेब की बोरियां बागवानों से ली गई. एक बोरी में करीब 35 किलो सेब आता है. इन सेबों को एचपीएमसी ने बागवानों से 12 रुपये प्रति किलो के हिसाब से खरीदा. इसके भगुतान के लिए किसानों को पर्ची दी गई है. सरकार द्वारा फंड जारी होने पर इन किसानों को उनको मिले पर्ची के हिसाब से भुगतान किया जाएगा. वहीं, मानसून की मार से सड़कें बंद हो गई, जिसकी वजह से एचपीएमसी द्वारा लिए गए सेब केंद्रों तक नहीं पहुंच पाई, जो अब सड़क किनारे रखी बोरियों में सड़ने लगी है. जिससे क्षेत्र में महामारी का खतरा सताने लगा है.