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टोल टैक्स वसूली से जुड़ी याचिका पर हाईकोर्ट ने मांगा हिमाचल व केंद्र सरकार से जवाब

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने गुरुवार को सोलन जिला के सनवारा स्थित टोल प्लाजा में टोल टैक्स वसूलने से जुड़े मामले में राज्य व केंद्र सरकार सहित नेशनल हाईवे अथॉरिटी को जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं. हाईकोर्ट ने कहा कि सभी संबंधित जनहित से जुड़े इस मामले में अपना जवाब दाखिल करें.

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Published : Jun 3, 2021, 10:48 PM IST

शिमलाः हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने गुरुवार को सोलन जिला के सनवारा स्थित टोल प्लाजा में टोल टैक्स वसूलने से जुड़े मामले में राज्य व केंद्र सरकार सहित नेशनल हाईवे अथॉरिटी को जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं. हाईकोर्ट ने कहा कि सभी संबंधित जनहित से जुड़े इस मामले में अपना जवाब दाखिल करें.

22 जून को होगी अगली सुनवाई

साथ ही अदालत ने मामले में अगली सुनवाई 22 जून को निर्धारित की है. गुरुवार को मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट से आग्रह किया कि इस बीच अंतरिम राहत देते हुए टोल प्लाजा पर टोल टैक्स जमा करने से छूट दी जाए. इस पर कोर्ट कहा कि अंतरिम राहत उत्तरदाताओं का जवाब आने के बाद विचार किया जाएगा. चूंकि अब हाईकोर्ट ने टोल फीस को लेकर कोई अग्रिम आदेश पारित नहीं किए हैं, लिहाजा अब पहले की तरह फिर से नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया टोल फीस वसूल कर सकेगी. वहीं, हाईकोर्ट ने 1 जून को पारित अपने पहले आदेश में 2 जून तक टोल टैक्स वसूली पर रोक लगा दी थी. न्यायमूर्ति रवि मलिमथ और न्यायमूर्ति ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने यह आदेश जनहित याचिका पर पारित किया. इस मामले में प्रार्थी ने टोल प्लाजा को स्थापित करने पर सवाल उठाए हैं.

प्रार्थी के अनुसार सनवारा में टोल प्लाजा अवैध है और ये नियमों के खिलाफ है. राजमार्ग शुल्क (दरों और संग्रह का निर्धारण) नियम, 2008 के अनुसार कोई भी टोल प्लाजा नहीं हो सकता है. इसमें 60 किलोमीटर की दूरी के भीतर एक ही खंड में अन्य टोल प्लाजा चंडीमंदिर, जिला पंचकुला में स्थित है. ऐसे में जिला सोलन के परवाणू में 60 किलोमीटर के भीतर जो टोल प्लाजा बनाया गया है, वो नियमों के खिलाफ है. प्रार्थी ने यह भी आरोप लगाया है कि एनएचएआई ने 95 प्रतिशत कार्य परवाणू-सोलन रोड पूरा बताते हुए मेसर्स जीआर इन्फ्रा प्रोजेक्ट्स को गलत और मनमाने ढंग से कंपटीशन सर्टिफिकेट जारी किया है.

राजमार्ग का ठीक से रखरखाव न करने के लगाया आरोप

प्रार्थी का आरोप है कि काम पूरा होने से पहले टोल वसूला जा रहा है. निर्माण कार्य और फ्लाईओवर के निर्माण कार्य का बड़ा हिस्सा और इसके अंडर पास कुमारहट्टी, सपरून और टिम्बर ट्रेल रिजॉर्ट परवाणू में कार्य पूर्ण नहीं हैं. यहां काम पूरा होने में महीनों लग सकते हैं या एक वर्ष और लग सकता है. ऐसे में यह नहीं कहा जा सकता कि 95 प्रतिशत कार्य पूरा कर लिया गया है. प्रार्थी के अनुसार जनता को अधूरी सुविधाओं के लिए बेतहाशा दरों से टोल टैक्स देने को मजबूर किया जा रहा है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि राजमार्ग का ठीक से रखरखाव नहीं किया गया है.

टोल टैक्स दरों की अधिसूचना को रद्द करने का किया आग्रह

राजमार्ग के किनारे बसें कस्बे और गांव से जुड़ने वाली सड़कों के उचित बैरिकेडिंग नहीं लगाए गए हैं. याचिकाकर्ता ने भारतीय राष्ट्रीय प्राधिकरण द्वारा मेसर्स जीआर इन्फ्रा प्रोजेक्ट्स को ठेका निर्माण पूर्णता प्रमाण पत्र रद्द करने की प्रार्थना की है. साथ ही सनवारा टोल प्लाजा को पार करने वाले वाहनों द्वारा देय टोल टैक्स दरों को तय करने वाली अधिसूचना को रद्द करने का आग्रह किया है. मामले पर सुनवाई 22 जून को होगी.

ये भी पढ़ें- Weather Update: केरल से देश में हुई मानसून की एंट्री, हिमाचल में इस दिन देगा दस्तक

शिमलाः हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने गुरुवार को सोलन जिला के सनवारा स्थित टोल प्लाजा में टोल टैक्स वसूलने से जुड़े मामले में राज्य व केंद्र सरकार सहित नेशनल हाईवे अथॉरिटी को जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं. हाईकोर्ट ने कहा कि सभी संबंधित जनहित से जुड़े इस मामले में अपना जवाब दाखिल करें.

22 जून को होगी अगली सुनवाई

साथ ही अदालत ने मामले में अगली सुनवाई 22 जून को निर्धारित की है. गुरुवार को मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट से आग्रह किया कि इस बीच अंतरिम राहत देते हुए टोल प्लाजा पर टोल टैक्स जमा करने से छूट दी जाए. इस पर कोर्ट कहा कि अंतरिम राहत उत्तरदाताओं का जवाब आने के बाद विचार किया जाएगा. चूंकि अब हाईकोर्ट ने टोल फीस को लेकर कोई अग्रिम आदेश पारित नहीं किए हैं, लिहाजा अब पहले की तरह फिर से नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया टोल फीस वसूल कर सकेगी. वहीं, हाईकोर्ट ने 1 जून को पारित अपने पहले आदेश में 2 जून तक टोल टैक्स वसूली पर रोक लगा दी थी. न्यायमूर्ति रवि मलिमथ और न्यायमूर्ति ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने यह आदेश जनहित याचिका पर पारित किया. इस मामले में प्रार्थी ने टोल प्लाजा को स्थापित करने पर सवाल उठाए हैं.

प्रार्थी के अनुसार सनवारा में टोल प्लाजा अवैध है और ये नियमों के खिलाफ है. राजमार्ग शुल्क (दरों और संग्रह का निर्धारण) नियम, 2008 के अनुसार कोई भी टोल प्लाजा नहीं हो सकता है. इसमें 60 किलोमीटर की दूरी के भीतर एक ही खंड में अन्य टोल प्लाजा चंडीमंदिर, जिला पंचकुला में स्थित है. ऐसे में जिला सोलन के परवाणू में 60 किलोमीटर के भीतर जो टोल प्लाजा बनाया गया है, वो नियमों के खिलाफ है. प्रार्थी ने यह भी आरोप लगाया है कि एनएचएआई ने 95 प्रतिशत कार्य परवाणू-सोलन रोड पूरा बताते हुए मेसर्स जीआर इन्फ्रा प्रोजेक्ट्स को गलत और मनमाने ढंग से कंपटीशन सर्टिफिकेट जारी किया है.

राजमार्ग का ठीक से रखरखाव न करने के लगाया आरोप

प्रार्थी का आरोप है कि काम पूरा होने से पहले टोल वसूला जा रहा है. निर्माण कार्य और फ्लाईओवर के निर्माण कार्य का बड़ा हिस्सा और इसके अंडर पास कुमारहट्टी, सपरून और टिम्बर ट्रेल रिजॉर्ट परवाणू में कार्य पूर्ण नहीं हैं. यहां काम पूरा होने में महीनों लग सकते हैं या एक वर्ष और लग सकता है. ऐसे में यह नहीं कहा जा सकता कि 95 प्रतिशत कार्य पूरा कर लिया गया है. प्रार्थी के अनुसार जनता को अधूरी सुविधाओं के लिए बेतहाशा दरों से टोल टैक्स देने को मजबूर किया जा रहा है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि राजमार्ग का ठीक से रखरखाव नहीं किया गया है.

टोल टैक्स दरों की अधिसूचना को रद्द करने का किया आग्रह

राजमार्ग के किनारे बसें कस्बे और गांव से जुड़ने वाली सड़कों के उचित बैरिकेडिंग नहीं लगाए गए हैं. याचिकाकर्ता ने भारतीय राष्ट्रीय प्राधिकरण द्वारा मेसर्स जीआर इन्फ्रा प्रोजेक्ट्स को ठेका निर्माण पूर्णता प्रमाण पत्र रद्द करने की प्रार्थना की है. साथ ही सनवारा टोल प्लाजा को पार करने वाले वाहनों द्वारा देय टोल टैक्स दरों को तय करने वाली अधिसूचना को रद्द करने का आग्रह किया है. मामले पर सुनवाई 22 जून को होगी.

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