शिमला: हिमाचल में बारिश से ना केवल सड़कों, पानी की स्कीमों या अन्य संपत्तियों का नुकसान पहुंचा है, बल्कि किसानों और बागवानों की फसलें तबाह हो गई हैं. बारिश से बागवानी को भी भारी नुकसान हुआ है. बीते करीब एक हफ्ते ही हिमाचल में 26 करोड़ से अधिक का नुकसान बागवानी को हुआ है. प्रदेश में करीब डेढ़ हजार हेक्टेयर क्षेत्र में फलों की क्षति पहुंची है. सेब के साथ-साथ आम, लीची व अन्य सिट्रस फ्रूट को नुकसान पहुंचा है. सबसे ज्यादा प्रभावित जिला शिमला, मंडी और हमीरपुर हुआ है, जहां कई जगह 30 फीसदी से अधिक फसल खराब हो गई है. प्रदेश में भारी बारिश, अंधड़ किसानों पर कहर बरपा रहा है. इससे किसानों और बागवानों की उगाए फलों को भी क्षति हो रही है. प्रदेश में बीते एक हफ्ते में ही बागवानी को 26.22 करोड़ रुपए का नुकसान आंका गया है. आम, लीची के अलावा संतरा, माल्टा आदि सिट्रस फ्रूट को भी नुकसान हुआ है. कई इलाकों में सेब की फसल को भी क्षति पहुंची है. सरकार की रिपोर्ट के मुताबिक अब तक करीब 1475 हेक्टेयर क्षेत्र पर बागवानी को नुकसान हुआ है.
शिमला में सबसे ज्यादा 24.52 करोड़ की सेब की फसल तबाह: बारिश, तूफान और अंधड़ से सबसे ज्यादा नुकसान शिमला जिला में बागवानी को हुआ है. शिमला जिले में करीब 648 हेक्टेयर पर सेब की फसल की खेती को नुकसान हुआ है. जिनमें से 626 हेक्टेयर क्षेत्र में 30 फीसदी तक तक फसल बर्बाद हुई है जबकि 160 हेक्टेयर क्षेत्र पर 30 फीसदी से ज्यादा का नुकसान सेब को आंका गया है. अब तक कुल 24.52 करोड़ का नुकसान सेब को आंका गया है.
मंडी जिले में 626 हेक्टेयर क्षेत्र पर सेब व स्टोन फ्रूट खराब: मंडी जिले में भी बारिश, तूफान व अंधड़ से सेब व स्टोन फ्रूट को काफी नुकसान पहुंचा है. जिला में करीब 626 हेक्टेयर क्षेत्र पर फलों को क्षति हुई है, जिनमें से 475 हेक्टेयर पर सेब और 151 हेक्टेयर पर स्टोन फ्रूट खराब हुआ है. इन इलाकों में 30 फीसदी तक नुकसान कई जगह हुआ है. जिला में करीब 1.99 करोड़ का नुकसान बागवानी को आंका गया है. जिनमें करीब 1.42 करोड़ का नुकसान सेब और करीब 56.5 लाख का नुकसान स्टोन फ्रूट को आंका गया है.
आम, लीची, सीट्रस व अन्य फ्रूट को भी हुई क्षति: बारिश व तूफान आदि से सेब के अलावा अन्य फलों को क्षति हुई है. इससे सबसे ज्यादा प्रभावित हमीरपुर जिले हुआ है. राजस्व विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक बीते एक हफ्ते में हमीरपुर जिले में आम, लीची, सिट्रस फ्रूट व अन्य फ्रूट की करीब 21.5 हेक्टेयर क्षेत्र पर 30 फीसदी तक फसल नष्ट हुई है. इनमें सबसे ज्यादा 7.5 हेक्टेयर क्षेत्र पर आम की फसल खराब हुई है, जबकि 2.75 हेक्टेयर क्षेत्र पर लीची, 4.25 हेक्टेयर क्षेत्र पर सिट्रस फ्रूट्स के अलावा 7 हेक्टेयर क्षेत्र पर अन्य फलों को भी नुकसान हुआ है. जिले में करीब 8 लाख का नुकसान बागवानी को अब तक आंका है. इस तरह प्रदेश में प्रारंभिक रिपोर्ट 8500 मीट्रिक टन के 26 करोड़ से अधिक का नुकसान बागवानी को आंका गया है. हालांकि नुकसान का यह आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है.
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