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सेब के बगीचों को ओलावृष्टि से बचाने का ये है आसान तरीका, उद्यान विभाग दे रहा 80 फीसदी अनुदान राशि

ओलावृष्टि से सेब के बगीचों में फलदार पेड़ो को बचाने के लिए उद्यान विभाग द्वारा एंटी हेलनैट का प्रावधान किया गया है. जिस पर उद्यान विभाग बागवानों को 80 प्रतिशत अनुदान राशि का प्रावधान है. जिससे बागवान अपने सेब के बगीचों को ओलावृष्टि की मार से बचा सकते हैं.

सेब के बगीचों को ओलावृष्टि से बचाने का तरीका
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Published : Apr 18, 2019, 8:35 PM IST

रामपुर: हिमाचल प्रदेश में बेमौसम बारिश व ओलावृष्टि से सेब बागवानों को भारी नुकसान होने की संभावना हमेशा बनी रहती है. पिछले एक दशक से मौसम में अद्भुत परिवर्तन देखने को मिल रहे हैं. पर्यावरण में बदलाव के कारण सेब उत्पाद पर प्रतिकूल परिस्थितियां पैदा हो रही है. हिमाचल प्रदेश में शिमला, चंबा, कुल्लू और किन्नौर सेब उत्पादक के प्रमुख जिले माने जाते हैं. प्रदेश में शिमला जिला का 80 फीसदी हिस्सा सेब उत्पादन में आता है.

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सेब के बगीचों को ओलावृष्टि से बचाने का तरीका

बीते कई सालों में मिडल व हाई बैल्ट में ओलों से सेब को भारी नुकसान हुआ है. ओलावृष्टि के कारण उत्पादन प्रभावित होता रहा है. ओलावृष्टि से सेब के बगीचों में फलदार पेड़ो को बचाने के लिए उद्यान विभाग द्वारा एंटी हेलनैट का प्रावधान किया गया है. जिस पर उद्यान विभाग बागवानों को 80 प्रतिशत अनुदान राशि का प्रावधान है. जिससे बागवान अपने सेब के बगीचों को ओलावृष्टि की मार से बचा सकते हैं.

स्पेशल रिपोर्ट

वहीं, उद्यान विभाग के विषयवाद विशेषज्ञों केएल कटोच का कहना है कि एंटी हेलनैट के लिए उद्यान विभाग द्वारा बागवानों को 80 प्रतिशत अनुदान राशि का प्रावधान है. इसकी सहायता से बागवान अपने सेब के बगीचों को ओलावृष्टि से बचा सकते है, ताकि ओलावृष्टि से बागवानों की सेब की फसल को नुकसान न हो.

रामपुर: हिमाचल प्रदेश में बेमौसम बारिश व ओलावृष्टि से सेब बागवानों को भारी नुकसान होने की संभावना हमेशा बनी रहती है. पिछले एक दशक से मौसम में अद्भुत परिवर्तन देखने को मिल रहे हैं. पर्यावरण में बदलाव के कारण सेब उत्पाद पर प्रतिकूल परिस्थितियां पैदा हो रही है. हिमाचल प्रदेश में शिमला, चंबा, कुल्लू और किन्नौर सेब उत्पादक के प्रमुख जिले माने जाते हैं. प्रदेश में शिमला जिला का 80 फीसदी हिस्सा सेब उत्पादन में आता है.

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सेब के बगीचों को ओलावृष्टि से बचाने का तरीका

बीते कई सालों में मिडल व हाई बैल्ट में ओलों से सेब को भारी नुकसान हुआ है. ओलावृष्टि के कारण उत्पादन प्रभावित होता रहा है. ओलावृष्टि से सेब के बगीचों में फलदार पेड़ो को बचाने के लिए उद्यान विभाग द्वारा एंटी हेलनैट का प्रावधान किया गया है. जिस पर उद्यान विभाग बागवानों को 80 प्रतिशत अनुदान राशि का प्रावधान है. जिससे बागवान अपने सेब के बगीचों को ओलावृष्टि की मार से बचा सकते हैं.

स्पेशल रिपोर्ट

वहीं, उद्यान विभाग के विषयवाद विशेषज्ञों केएल कटोच का कहना है कि एंटी हेलनैट के लिए उद्यान विभाग द्वारा बागवानों को 80 प्रतिशत अनुदान राशि का प्रावधान है. इसकी सहायता से बागवान अपने सेब के बगीचों को ओलावृष्टि से बचा सकते है, ताकि ओलावृष्टि से बागवानों की सेब की फसल को नुकसान न हो.

Intro:रामपुर बुशहर 18अप्रैल मीनाक्षी


Body:हिमाचल प्रदेश में बेमौसमी बारिश व ओलावृषटि से सेब बागवानों को भारी नुकसान होंने की संभावना होती है । पिछले एक दशक से मौसम में आश्चर्यजनक परिवर्तन देखने को मिल रहे है । पर्यावरण में बदलाव के कारण सेब उत्पाद पर प्रतिकूल परिस्थितियां पैदा हो रही है ।
हिमाचल प्रदेश में शिमला, चंबा, कुल्ला, किन्नौर सेब उत्पादक के प्रमुख जिले माने जाते हैं । हिमाचल प्रदेश में शिमला जिला का अस्सी फीसदी हिस्सा सेब उत्पादन में आता है ।
बीते कई सालों मिडल व हाई बैल्ट में ओलों से सेब को भारी नुकसान हुआ है । ओलावृषटि के कारण उत्पादन प्रभावित हुआ है । ओलावृषटि से सेब के बगीचों में फलदार पेड़ो को ओलावृषटि से बचने के लिए उद्यान विभाग द्वारा एंटी हेलनैट का प्रावधान किया गया है । जिस पर उद्यान विभाग बागवानों को 80 प्रतिशत
अनुदान राशि का प्रावधान है ।
जिससे लगाकर बागवान अपने सेब के बगीचों को ओलावृषटि की मार से बचाया जा सकता है ।
वहीं उद्यान विभाग के विषयवाद विशेषज्ञों केएल कटोच का कहना है कि एंटी हेलनैट के लिए उद्यान विभाग द्वारा बागवानों को 80 प्रतिशत अनुदान राशि का प्रावधान है । इसकी सहायता से बागवान अपने सेब के बगीचों को ओलावृषटि से बचा सकते है । ताकि ओलावृषटि से बागवानों की सेब की फसल को नुकसान न हो।


बाईट: विषयवाद विशेषज्ञों केएल कटोच उद्यान विभाग रामपुर बुशहर


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