शिमला: हिमाचल प्रदेश में इस बार मानसून की बारिश सब कुछ तबाह करने पर आमादा है. अबकी बार आसमान से बरसती आफत जमकर कहर बरपा रही है. भारी बारिश से प्रदेश की सड़कों, पानी, बिजली सहित अन्य संरचनाओं को भारी नुकसान हो रहा है. लोगों की संपत्ति निजी भी भारी बारिश से तबाह हो रही है. प्रदेश में भारी बारिश ने अब तक 330 लोगों की जान ले ली है. वहीं, इस मानसून सीजन में अब तक ₹7600 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हो चुका है. बारिश के बाद बड़ी संख्या में सड़कें बंद हैं, जिससे कई हिस्सों का संपर्क प्रदेश के दूसरे इलाकों से कट गया है. अभी भी 875 सड़कें बंद पड़ी हुई हैं.
₹7659 करोड़ का नुकसान: हिमाचल प्रदेश में बीते दिनों हुई भारी बारिश से सड़कों, पानी की परियोजनाओं सहित निजी संपत्तियों को भारी क्षति हुई है. मानसून की बारिश से अब तक ₹7659 करोड़ का नुकसान आंका गया है. इनमें सड़कों और पुलों को ₹2656 करोड़ की क्षति बारिश ने पहुंचाई है. प्रदेश में सैकड़ों सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं, इनके अलावा 94 पुल क्षतिग्रस्त हुए हैं. अब तक 19 पुल बाढ़ में बह गए. बारिश के बाद भूस्खलन से प्रदेश में सड़कें बंद हो रही हैं.
प्रदेश में 875 सड़कें बंद: हिमाचल प्रदेश में अभी भी 875 सड़कें बंद हैं. इसमें सबसे ज्यादा 311 सड़कें पीडब्ल्यूडी के मंडी जोन के तहत हैं जबकि शिमला जोन की 241 सड़कें बंद हैं. वहीं हमीरपुर जोन में 106 सड़कें और कांगड़ा में 155 सड़कें बंद हो गई हैं. लोक निर्माण लोक निर्माण विभाग क्षतिग्रस्त सड़कों की बहाली में जुटा है. विभाग ने टिप्पर, जेसीबी सहित 1210 मशीनें सड़क की बहाली के काम में लगा रखी है. मगर भूस्खलन होने से कई सड़कें फिर से बंद हो रही हैं.
1235 जल परियोजनाएं ठप: लगातार हो रही बारिश से प्रदेश में पानी की परियोजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं. प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में बारिश के बाद आए भूस्खलन और सिल्ट भरने से बड़ी संख्या परियोजनाएं बंद हो गई हैं. इस मानसून में जल शक्ति विभाग के 5406 हैंडपंपों सहित 17798 परियोजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं. इनमें 9508 पेयजल परियोजनाएं हैं. हालांकि, इनमें से करीब 8273 परियोजनाओं को अस्थाई तौर पर बहाल कर दिया गया है, लेकिन अभी भी 1235 परियोजनाएं बंद हैं. लोगों को पानी की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इसके अलावा सिंचाई की 2518 परियोजनाएं, फ्लड कंट्रोल की 205 व सीवरेज की 161 परियोजनाएं भी क्षतिग्रस्त हुई हैं. अब तक जल शक्ति विभाग को करीब 1842 करोड़ का नुकसान हो चुका है. नुकसान का यह आंकड़ा और भी बढ़ने की आशंका है.
बिजली बोर्ड और कृषि को नुकसान: इसके अलावा प्रदेश बिजली बोर्ड को भी करीब 1505 करोड़, कृषि को करीब 256 करोड़ और बागवानी को करीब 144 करोड़ का नुकसान हुआ है. ग्रामीण विकास विभाग को 369 करोड़, शिक्षा विभाग को 118 को नुकसान हुआ है. स्वास्थ्य विभाग को 44 करोड़ और मत्स्य पालन विभाग को 13.91 करोड़ और अन्य विभागों को 82 करोड़ का नुकसान मानसून में हुआ है.
11301 घरों को पहुंचा नुकसान: भारी बारिश के बाद भूस्खलन और बाढ़ से विभिन्न इलाकों में रिहाय़शी व अन्य मकान इनकी चपेट में आ रहे हैं. प्रदेश के विभिन्न जिलों में अब तक 11301 परिवारों के आशियाने क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनमें 1957 मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं. जबकि 9344 मकानों को भी क्षति पहुंची है. इनके अलावा 293 दुकानें और व्यापारिक संस्थान भी क्षतिग्रस्त हुए हैं. प्रदेश में मवेशियों की 4000 से ज्यादा गौशालाएं भी ढह गईं. बारिश में होने वाले हादसों में 330 लोगों की जानें गई हैं जबकि 322 जख्मी भी हुए हैं.