शिमला: हिमाचल प्रदेश में मानसून सीजन में बारिश कहर जारी है. मानसून में हो रही लगातार बारिश से सड़कें, पुल और पानी की परियोजनाओं सहित लोगों की निजी संपत्ति को भारी नुकसान पहुंच रही है. मानसून में अब तक 201 लोगों की जान जा चुकी है. वहीं, ₹6675 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हो चुका है. भूस्खलन और बाढ़ से प्रदेश में 8365 परिवारों के मकान भी क्षतिग्रस्त हो हुए हैं. अभी भी प्रदेश में 278 सड़कें बंद हैं.
हिमाचल में 278 सड़कें अभी भी बंद: प्रदेश को अब तक मानसून से ₹6675 करोड़ का नुकसान हुआ है. इसमें लोक निर्माण विभाग को सबसे ज्यादा ₹2078 करोड़ का नुकसान हुआ है. सैकड़ों सड़कों के साथ करीब 90 पुलों को भी क्षति पहुंची है. जबकि 19 पुल अबकी बार बह गए. हालांकि, लोक निर्माण विभाग बारिश से क्षतिग्रस्त सड़कों की बहाली का काम रहा है, लेकिन बारिश से यह काम प्रभावित हो रहा है. भूस्खलन से फिर से सड़कें बंद हो रही हैं. प्रदेश में करीब 278 सड़कें अभी भी बंद हैं. इनमें 137 सड़कें लोक निर्माण विभाग शिमला जोन और 108 सड़कें मंडी जोन के तहत बंद हैं. कांगड़ा जोन में 24 और हमीरपुर जोन के तहत 8 सड़कें बंद हो गई हैं. सड़कें बंद होने से इन पर लोगों को भारी दिक्कतें उठानी पड़ रही हैं.
जल शक्ति विभाग की परियोजनाएं क्षतिग्रस्त: मानसून की भारी बारिश से पानी की परियोजनाएं बड़ी संख्या में क्षतिग्रस्त हुई हैं. जल शक्ति विभाग की करीब 15,389 परियोजनाओं को मानसून में क्षति पहुंची है. इनमें 7829 पेयजल परियोजनाएं हैं, जिनमें से करीब 7776 परियोजनाएं अस्थाई तौर पर बहाल कर दी गई हैं. सिंचाई की 2074 परियोजनाएं, फ्लड कंट्रोल की 198 व सीवरेज की 122 परियोजनाएं भी क्षतिग्रस्त हुई हैं. इसके अलावा करीब 5166 हैंडपंप भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं. भारी बारिश से जल शक्ति विभाग को करीब अब तक 1629 करोड़ का नुकसान आंका गया है.
बिजली और कृषि क्षेत्र मं भी नुकसान: इसके अलावा प्रदेश बिजली बोर्ड को भी करीब 1505 करोड़, कृषि को करीब 167 करोड़ और बागवानी को करीब 144 करोड़ का नुकसान हुआ है. ग्रामीण विकास विभाग को 369 करोड़, शिक्षा विभाग को 118 को नुकसान हुआ है. स्वास्थ्य विभाग को 44 करोड़ और अन्य विभागों को 82 करोड़ का नुकसान आंका गया है.
भारी बारिश से 8365 मकान क्षतिग्रस्त: मानसून में बड़ी संख्या में रिहायशी और अन्य भवन भूस्खलन व फ्लड की चपेट में आ गए. प्रदेश के विभिन्न जिलों में अब तक 8365 परिवारों के आशियाने बारिश से क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनमें 869 मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं. इसके अलावा 260 दुकानें भी क्षतिग्रस्त हुई हैं. 2400 से ज्यादा गौशालाएं भी बारिश में ढह गईं. बारिश से संबंधित हादसों में 200 से ज्यादा लोगों की मौत भी हुई है.