शिमला: इस बार हिमाचल प्रदेश में मानसून सीजन आफत लेकर आया है. लगातार आसमान से बरसती आफत से राज्य को ₹6807 करोड़ का नुकसान हुआ है. वहीं, मानसून की बारिश में अब तक 255 लोगों की जान जा चुकी है. प्रदेश में हुई भारी बारिश से सड़कों, पानी की परियोजनाओं सहित निजी लोगों की संपत्तियों को काफी नुकसान पहुंचा है. प्रदेश में सड़कों और पुलों को भारी क्षति हुई है. भूस्खलन और बाढ़ की चपेट में आने से 8693 परिवारों के घर उजड़ गए हैं.
लोक निर्माण विभाग को सबसे ज्यादा नुकसान: हिमाचल प्रदेश में मानसून की बारिश से ₹6807 करोड़ का नुकसान हुआ है. इसमें सबसे ज्यादा नुकसान ₹2200 करोड़ का नुकसान लोक निर्माण विभाग को पहुंचा है. भारी बारिश से प्रदेश में सैकड़ों सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं. इनके अलावा 94 पुल भी क्षतिग्रस्त हुए हैं. बाढ़ में प्रदेश के 19 पुल बह गए. वहीं लगातार हो रही बारिश से सड़कों के बंद होने का सिलसिला जारी है.
प्रदेश की 302 सड़कें अभी भी बंद: लोक निर्माण विभाग क्षतिग्रस्त सड़कों की बहाली में जुटा है, लेकिन लगातार हो रही बारिश काम में बाधा पहुंचा रही है. इससे सड़कें फिर से बंद हो रही हैं. प्रदेश में अभी भी 302 सड़कें बंद पड़ी हुई हैं, जिनमें 103 सड़कें लोक निर्माण विभाग शिमला जोन में बंद हैं, मंडी जोन के तहत 99 सड़कें बंद हैं. कांगड़ा जोन में 21 सड़कें बंद हैं. हमीरपुर जोन के तहत भी 78 सड़कें बंद हो गई हैं.
भारी बारिश से जल परियोजनाएं क्षतिग्रस्त: भारी बारिश से जल शक्ति विभाग की जल परियोजनाएं भी क्षतिग्रस्त हो रही हैं. जल शक्ति विभाग की 5191 हैंडपंपों सहित 15,433 परियोजनाओं को मानसून में क्षति पहुंची है. इनमें 7848 पेयजल परियोजनाएं हैं, जिनमें से करीब 7801 परियोजनाओं को अस्थाई तौर पर बहाल कर दिया गया है. अन्य परियोजनाएं बंद होने से प्रदेश में कई जगह लोगों को पानी की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इसके अलावा सिंचाई की 2074 परियोजनाएं, फ्लड कंट्रोल की 198 व सीवरेज की 122 परियोजनाएं भी क्षतिग्रस्त हुई हैं.
जल शक्ति विभाग को ₹1631 करोड़ का नुकसान: अब तक जल शक्ति विभाग को करीब ₹1631 करोड़ का नुकसान आंका गया है. इसके अलावा प्रदेश बिजली बोर्ड को भी करीब ₹1505 करोड़, कृषि को करीब ₹256 करोड़ और बागवानी को करीब ₹144 करोड़ का नुकसान हुआ है. ग्रामीण विकास विभाग को ₹369 करोड़, शिक्षा विभाग को ₹118 को नुकसान हुआ है. स्वास्थ्य विभाग को ₹44 करोड़ और मत्स्य पालन विभाग को ₹13.91 करोड़, वहीं, अन्य विभागों को ₹82 करोड़ का नुकसान आंका गया है.
भूस्खलन और बाढ़ की चपेट में 8693 घर: मानसून में भारी बारिश से भूस्खलन और बाढ़ की चपेट में रिहायशी व अन्य मकान आ रहे हैं. प्रदेश के विभिन्न जिलों में 8693 परिवारों के आशियाने क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनमें 935 मकान जमींदोज हुए हैं. जबकि 7758 मकानों को भी क्षति पहुंची है. प्रदेश में 269 दुकानें और व्यापारिक संस्थान भी इस दौरान क्षतिग्रस्त हुए हैं. प्रदेश में मवेशियों की 2635 गौशालाएं भी बारिश में ढह गईं. मानसून में विभिन्न हादसों में 255 लोगों की मौत हुई. जबकि 290 लोग घायल हुए हैं.