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Himachal Monsoon: मानसूनी सीजन में अब तक 338 लोगों की मौत, ₹8075 करोड़ का नुकसान, 562 सड़कें अभी भी बंद

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Published : Aug 19, 2023, 9:54 PM IST

हिमाचल में मानसून सीजन में आई आफत ने अब तक 338 लोगों की जान ले चुकी है. वहीं, राज्य को करीब 8075 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ है. प्रदेश में 562 से ज्यादा सडकें अभी भी बंद हैं. पढ़ें पूरी खबर... (Himachal Monsoon).

Heavy damage due to rain in Himachal
प्रदेश में आपदा से 8075 करोड़ का नुकसान

शिमला: हिमाचल प्रदेश में मानसून आफत बनकर बरस रहा है. बारिश से सड़कों, पानी, बिजली सहित अन्य संपत्ति को भारी क्षति पहुंच रही है. सार्वजनिक संपत्ति के साथ-साथ निजी संपत्ति को भी बारिश से भारी नुकसान हो रहा है. प्रदेश में मानसून की बारिश से अब तक 338 लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि ₹8075 करोड़ का नुकसान हो चुका है. भारी बारिश से अभी भी 562 सड़कें बंद हैं, जिससे लोगों को आवागमन में दिक्कतें आ रही हैं.

₹8075 करोड़ का नुकसान: दरअसल, प्रदेश में भारी बारिश से सड़कों, पानी की परियोजनाओं सहित निजी संपत्तियों को भारी क्षति हो रही है. मानसून की बारिश से अब तक 8075 करोड़ का नुकसान हो चुका है. सड़कों और पुलों को 2691 करोड़ क्षति बारिश ने पहुंचाई है. भारी बारिश से होने वाले भूस्खलन से सैकड़ों सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं, इनके अलावा 94 पुल क्षतिग्रस्त हुए हैं और 19 पुल बाढ़ में बह गए. बारिश के बाद भूस्खलन से प्रदेश में सड़कें बंद हो रही हैं. प्रदेश में अभी भी 562 सड़कें बंद हैं. लोक निर्माण विभाग ने टिप्पर, जेसीबी सहित 1074 मशीनें सड़क की बहाली के काम में लगा रखी है. बार-बार भूस्खलन होने से कई जगह सड़कें फिर से बंद हो रही हैं.

205 पेयजल परियोजनाएं बाधित: प्रदेश में बारिश से जल शक्ति विभाग की पानी की परियोजनाएं क्षतिग्रस्त हो रही हैं. बारिश के बाद आए भूस्खलन और सिल्ट से सैंकड़ों परियोजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं. इस मानसून में जल शक्ति विभाग के 5406 हैंडपंपों सहित 18048 परियोजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं. इनमें 9745 पेयजल परियोजनाएं हैं, हालांकि इनमें से करीब 9540 परियोजनाओं को अस्थाई तौर पर बहाल कर दिया गया है, मगर अभी भी 205 बंद पड़ी हैं. इससे इन परियोजनाओं पर निर्भर लोगों को पानी की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इसके अलावा सिंचाई की 2510 परियोजनाएं, फ्लड कंट्रोल की 218 व सीवरेज की 169 परियोजनाएं भी क्षतिग्रस्त हुई हैं. अब तक जल शक्ति विभाग को करीब 1860 करोड़ का नुकसान हो चुका है.

बिजली बोर्ड और कृषि को भारी नुकसान: इसके अलावा प्रदेश बिजली बोर्ड को भी करीब 1507 करोड़, कृषि को करीब 335 करोड़ और बागवानी को करीब 173 करोड़ का नुकसान हुआ है. ग्रामीण विकास विभाग को 369 करोड़, शिक्षा विभाग को 118 को नुकसान हुआ है. स्वास्थ्य विभाग को 44 करोड़ और मत्स्य पालन विभाग को 13.91 करोड़ और अन्य विभागों को 121 करोड़ का नुकसान मानसून में हुआ है.

प्रदेश में 11894 परिवारों के मकान आशियाने क्षतिग्रस्त: भारी बारिश के बाद प्रदेश के विभिन्न इलाकों में भूस्खलन और बाढ़ से रिहाय़शी व अन्य मकान इनकी चपेट में आ रहे हैं. प्रदेश के विभिन्न जिलों में अब तक 11894 परिवारों के आशियाने क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनमें 2273 मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं. जबकि 9721 मकानों को भी क्षति पहुंची 298 दुकानों के अलावा 4571 गौशालाएं भी ढह गईं. बारिश में होने वाले हादसों में 338 लोगों की जानें गई हैं जबकि 323 जख्मी हुए हैं.

ये भी पढ़ें: Himachal Weather: हिमाचल में तीन दिन रहेंगे भारी, मौसम विभाग ने जारी किया ऑरेज अलर्ट, फ्लैश फ्लड की भी चेतावनी

शिमला: हिमाचल प्रदेश में मानसून आफत बनकर बरस रहा है. बारिश से सड़कों, पानी, बिजली सहित अन्य संपत्ति को भारी क्षति पहुंच रही है. सार्वजनिक संपत्ति के साथ-साथ निजी संपत्ति को भी बारिश से भारी नुकसान हो रहा है. प्रदेश में मानसून की बारिश से अब तक 338 लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि ₹8075 करोड़ का नुकसान हो चुका है. भारी बारिश से अभी भी 562 सड़कें बंद हैं, जिससे लोगों को आवागमन में दिक्कतें आ रही हैं.

₹8075 करोड़ का नुकसान: दरअसल, प्रदेश में भारी बारिश से सड़कों, पानी की परियोजनाओं सहित निजी संपत्तियों को भारी क्षति हो रही है. मानसून की बारिश से अब तक 8075 करोड़ का नुकसान हो चुका है. सड़कों और पुलों को 2691 करोड़ क्षति बारिश ने पहुंचाई है. भारी बारिश से होने वाले भूस्खलन से सैकड़ों सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं, इनके अलावा 94 पुल क्षतिग्रस्त हुए हैं और 19 पुल बाढ़ में बह गए. बारिश के बाद भूस्खलन से प्रदेश में सड़कें बंद हो रही हैं. प्रदेश में अभी भी 562 सड़कें बंद हैं. लोक निर्माण विभाग ने टिप्पर, जेसीबी सहित 1074 मशीनें सड़क की बहाली के काम में लगा रखी है. बार-बार भूस्खलन होने से कई जगह सड़कें फिर से बंद हो रही हैं.

205 पेयजल परियोजनाएं बाधित: प्रदेश में बारिश से जल शक्ति विभाग की पानी की परियोजनाएं क्षतिग्रस्त हो रही हैं. बारिश के बाद आए भूस्खलन और सिल्ट से सैंकड़ों परियोजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं. इस मानसून में जल शक्ति विभाग के 5406 हैंडपंपों सहित 18048 परियोजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं. इनमें 9745 पेयजल परियोजनाएं हैं, हालांकि इनमें से करीब 9540 परियोजनाओं को अस्थाई तौर पर बहाल कर दिया गया है, मगर अभी भी 205 बंद पड़ी हैं. इससे इन परियोजनाओं पर निर्भर लोगों को पानी की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इसके अलावा सिंचाई की 2510 परियोजनाएं, फ्लड कंट्रोल की 218 व सीवरेज की 169 परियोजनाएं भी क्षतिग्रस्त हुई हैं. अब तक जल शक्ति विभाग को करीब 1860 करोड़ का नुकसान हो चुका है.

बिजली बोर्ड और कृषि को भारी नुकसान: इसके अलावा प्रदेश बिजली बोर्ड को भी करीब 1507 करोड़, कृषि को करीब 335 करोड़ और बागवानी को करीब 173 करोड़ का नुकसान हुआ है. ग्रामीण विकास विभाग को 369 करोड़, शिक्षा विभाग को 118 को नुकसान हुआ है. स्वास्थ्य विभाग को 44 करोड़ और मत्स्य पालन विभाग को 13.91 करोड़ और अन्य विभागों को 121 करोड़ का नुकसान मानसून में हुआ है.

प्रदेश में 11894 परिवारों के मकान आशियाने क्षतिग्रस्त: भारी बारिश के बाद प्रदेश के विभिन्न इलाकों में भूस्खलन और बाढ़ से रिहाय़शी व अन्य मकान इनकी चपेट में आ रहे हैं. प्रदेश के विभिन्न जिलों में अब तक 11894 परिवारों के आशियाने क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनमें 2273 मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं. जबकि 9721 मकानों को भी क्षति पहुंची 298 दुकानों के अलावा 4571 गौशालाएं भी ढह गईं. बारिश में होने वाले हादसों में 338 लोगों की जानें गई हैं जबकि 323 जख्मी हुए हैं.

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