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राजधानी में पानी के बिलों पर घमासान, मेयर को ही थमा दिया 18 हजार का बिल

शिमला शहर में पानी के बिल हजारों और लाखों में आ रहे हैं. शिमला की मेयर को भी भी जल प्रबधंन निगम की तरफ से 18 हजार रुपये का बिल थमा दिया गया है.

heavy amount of water bill in shimla
राजधानी में पानी के बिलों पर घमासान
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Published : Jan 25, 2020, 1:43 PM IST

शिमला: राजधानी में पानी के भारी भरकम बिलों को लेकर लोग परेशान हैं. जल निगम शहर की जनता को लाखों के बिल थमा रहा है. शहर के लोगों के साथ-साथ नगर निगम की महापौर को भी जल प्रबधंन निगम की तरफ से 18 हजार का बिल थमा दिया गया. नगर निगम महापौर को जहां पहले 17 सौ का पानी का बिल आता था, वहीं इस बार 18 हजार का बिल आया है.

बता दें कि शिमला महापौर सत्या कौंडल ने जल प्रबधन निगम पर गलत बिल आवंटित करने के आरोप लगाए है और सरकार से पानी के वितरण का जिम्मा नगर निगम को दोबारा सौंपने की मांग की है. सत्या कौंडल का कहना है कि शहर में लोगों के बिल काफी ज्यादा आ रहे हैं. शहर के कई लोगों को सात लाख के बिल आ गए हैं. जल प्रबंधन नगर निगम के अधीन न होने के चलते पानी के बिलों की समस्या को लेकर नगर निगम कोई कार्रवाई नहीं कर सकता. सत्या कौंडल ने बताया कि जल निगम ने आउटसोर्स पर जो कर्मी रखे है, उन्हें जानकरी नही है. जिसके चलते लोगों का बिल ज्यादा आ रहा है.

वीडियो रिपोर्ट.

सत्या कौंडल ने कहा कि इस मामले को लेकर जल्द ही नगर निगम के पार्षदो के साथ जा कर वह मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और आईपीएच मन्त्री से मिल कर पानी का वितरण नगर निगम को देने या जल निगम पर चेक रखने की मांग करेंगी.

गौरतलब है कि जल प्रबधन निगम की तरफ से राजधानी शिमला में आठ महीने के बिल एक साथ जारी किए जा रहे हैं. जिससे लोगों मे हड़कम मच गया है. शहर के कई क्षेत्रों में पानी के बिल लाखों में आ रहे हैं. वहीं, अब लोग अपने बिल ठीक करवाने के लिए निगम के चक्कर काट रहे हैं. ढली पुलिस स्टेशन का बिल 7 लाख दिया गया था,जिसे ठीक करने के बाद अब 42 हजार किया गया है.

ये भी पढ़ें: वार्षिक परीक्षा मूल्यांकन के लिए 50 परीक्षा केंद्र बनाएगा स्कूल शिक्षा बोर्ड

शिमला: राजधानी में पानी के भारी भरकम बिलों को लेकर लोग परेशान हैं. जल निगम शहर की जनता को लाखों के बिल थमा रहा है. शहर के लोगों के साथ-साथ नगर निगम की महापौर को भी जल प्रबधंन निगम की तरफ से 18 हजार का बिल थमा दिया गया. नगर निगम महापौर को जहां पहले 17 सौ का पानी का बिल आता था, वहीं इस बार 18 हजार का बिल आया है.

बता दें कि शिमला महापौर सत्या कौंडल ने जल प्रबधन निगम पर गलत बिल आवंटित करने के आरोप लगाए है और सरकार से पानी के वितरण का जिम्मा नगर निगम को दोबारा सौंपने की मांग की है. सत्या कौंडल का कहना है कि शहर में लोगों के बिल काफी ज्यादा आ रहे हैं. शहर के कई लोगों को सात लाख के बिल आ गए हैं. जल प्रबंधन नगर निगम के अधीन न होने के चलते पानी के बिलों की समस्या को लेकर नगर निगम कोई कार्रवाई नहीं कर सकता. सत्या कौंडल ने बताया कि जल निगम ने आउटसोर्स पर जो कर्मी रखे है, उन्हें जानकरी नही है. जिसके चलते लोगों का बिल ज्यादा आ रहा है.

वीडियो रिपोर्ट.

सत्या कौंडल ने कहा कि इस मामले को लेकर जल्द ही नगर निगम के पार्षदो के साथ जा कर वह मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और आईपीएच मन्त्री से मिल कर पानी का वितरण नगर निगम को देने या जल निगम पर चेक रखने की मांग करेंगी.

गौरतलब है कि जल प्रबधन निगम की तरफ से राजधानी शिमला में आठ महीने के बिल एक साथ जारी किए जा रहे हैं. जिससे लोगों मे हड़कम मच गया है. शहर के कई क्षेत्रों में पानी के बिल लाखों में आ रहे हैं. वहीं, अब लोग अपने बिल ठीक करवाने के लिए निगम के चक्कर काट रहे हैं. ढली पुलिस स्टेशन का बिल 7 लाख दिया गया था,जिसे ठीक करने के बाद अब 42 हजार किया गया है.

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Intro:राजधानी में पानी के बिलो को लेकर लोग परेशान है। जल निगम लोगो को लाखों में बिल दे रहा है। शहर के लोगो के साथ साथ नगर निगम की महापौर को भी जल प्रबधंन निगम द्वारा 18 हजार बिल थमा दिया है। नगर निगम महापौर को जहा पहले 17 सौ का पानी का बिल आता था वही इस बार 18 हजार का बिल आया है। महापौर सत्या कौंडल ने जल प्रबधन निगम पर गलत बिल आवंटित करने के आरोप लगाए है और सरकार से पानी के वितरण का जिम्मा नगर निगम को दोबारा सौंपने की मांग की है।


Body:सत्या कौंडल का कहना है कि शहर में लोगो के बिल काफी ज्यादा आ रहे है। कही तो सात लाख के बिल आ गए है जिससे लोग परेशान हो गए है। नगर निगम के अधीन न होने के चलते निगम इन पर कोई कार्यवाई नही कर सकता है। जल निगम द्वारा आउटसोर्स पर जो कर्मी रखे है उन्हें जानकरी नही है जिसके चलते ज्यादा बिल आ रहे है ओर जल निगम द्वारा सीवरेज सेस के रूप में भी पैसे पानी के बिल के साथ जोड़े जा रहे है जबकि सीवरेज कनेशन के समय भी लोगो से पैसे लिए जाते है। सीवरेज सेस के नाम पर पानी के बिलो के साथ तीस फीसदी राशि नही ली जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर जल्द ही नगर निगम के पार्षदो के साथ जा कर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और आईपीएच मन्त्री से मिल कर पानी का वितरण नगर निगम को देने या जल निगम पर चेक रखने की मांग की जाएगी।


Conclusion:बता दे जल प्रबधन निगम द्वारा आठ महीने के बिल एक साथ जारी किए है जिससे लोगो मे हड़कम मच गया है। कई क्षेत्रों में पानी के बिल लाखो में आ रहे है। वही अब लोग अपने बिल ठीक करवाने के लिए निगम के चक्कर काट रहे है। ढली पुलिस स्टेशन का बिल 7 लाख दिया गया था वही अब वे 42 हजार किया गया है।
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