शिमला: राजधानी में पानी के भारी भरकम बिलों को लेकर लोग परेशान हैं. जल निगम शहर की जनता को लाखों के बिल थमा रहा है. शहर के लोगों के साथ-साथ नगर निगम की महापौर को भी जल प्रबधंन निगम की तरफ से 18 हजार का बिल थमा दिया गया. नगर निगम महापौर को जहां पहले 17 सौ का पानी का बिल आता था, वहीं इस बार 18 हजार का बिल आया है.
बता दें कि शिमला महापौर सत्या कौंडल ने जल प्रबधन निगम पर गलत बिल आवंटित करने के आरोप लगाए है और सरकार से पानी के वितरण का जिम्मा नगर निगम को दोबारा सौंपने की मांग की है. सत्या कौंडल का कहना है कि शहर में लोगों के बिल काफी ज्यादा आ रहे हैं. शहर के कई लोगों को सात लाख के बिल आ गए हैं. जल प्रबंधन नगर निगम के अधीन न होने के चलते पानी के बिलों की समस्या को लेकर नगर निगम कोई कार्रवाई नहीं कर सकता. सत्या कौंडल ने बताया कि जल निगम ने आउटसोर्स पर जो कर्मी रखे है, उन्हें जानकरी नही है. जिसके चलते लोगों का बिल ज्यादा आ रहा है.
सत्या कौंडल ने कहा कि इस मामले को लेकर जल्द ही नगर निगम के पार्षदो के साथ जा कर वह मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और आईपीएच मन्त्री से मिल कर पानी का वितरण नगर निगम को देने या जल निगम पर चेक रखने की मांग करेंगी.
गौरतलब है कि जल प्रबधन निगम की तरफ से राजधानी शिमला में आठ महीने के बिल एक साथ जारी किए जा रहे हैं. जिससे लोगों मे हड़कम मच गया है. शहर के कई क्षेत्रों में पानी के बिल लाखों में आ रहे हैं. वहीं, अब लोग अपने बिल ठीक करवाने के लिए निगम के चक्कर काट रहे हैं. ढली पुलिस स्टेशन का बिल 7 लाख दिया गया था,जिसे ठीक करने के बाद अब 42 हजार किया गया है.
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