नई दिल्ली: दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने केंद्रीय राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर और दिल्ली के सांसद प्रवेश वर्मा के हेट स्पीच के मामले में एफआईआर दर्ज करने के मामले पर आज सुनवाई टाल दी है. एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट विशाल पाहूजा ने इस मामले पर 23 अप्रैल को सुनवाई करने का आदेश दिया.
क्राईम ब्रांच ने दोनों को क्लीन चिट दी है
पिछले 26 फरवरी को दिल्ली पुलिस की क्राईम ब्रांच ने अनुराग ठाकुर और प्रवेश वर्मा को क्लीन चिट दे दी थी. कोर्ट को सौंपी एक्शन टेकन रिपोर्ट में क्राईम ब्रांच ने कहा है कि अनुराग ठाकुर और प्रवेश वर्मा के खिलाफ कोई मामला नहीं बनता है. सुनवाई के दौरान क्राईम ब्रांच के सब-इंस्पेक्टर धीरज ने कोर्ट को बताया था कि वो इस मामले पर कानूनी सलाह ले रही है. क्राईम ब्रांच ने कहा था कि बीजेपी नेताओं के बयान और हिंसा की घटनाओं में कोई संबंध नहीं है.
सीपीएम नेता वृंदा करात ने दायर की है याचिका
सीपीएम की नेता वृंदा करात ने अनुराग ठाकुर और प्रवेश वर्मा के हेट स्पीच के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की है. पिछले 11 फरवरी को सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने कोर्ट से जांच के लिए आठ हफ्ते का समय देने की मांग की थी. तब कोर्ट ने कहा था कि ये संवेदनशील मामला है आप 15 दिनों में या तो एफआईआर दर्ज करें या एक्शन टेकन रिपोर्ट दाखिल करें. कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया था कि इस मामले में जांच में तेजी लाएं. पिछले 5 फरवरी को कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से एक्शन टेकन रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था.
अनुराग ठाकुर ने जनसभा में नारेबाजी करवाई थी
आपको बता दें कि दिल्ली में विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान अनुराग ठाकुर ने एक जनसभा में नारेबाजी करवाई थी. उन्होंने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों को देश का गद्दार बताते हुए नारा लगवाया था और परवेश वर्मा ने शाहीन बाग की तुलना कश्मीर से करते हुए विवादित बयान दिया था.
निर्वाचन आयोग ने कार्रवाई की थी
दोनों के बयानों पर निर्वाचन आयोग ने भी कार्रवाई की थी. पहले तो दोनों को बीजेपी के स्टार प्रचारकों की सूची से हटाने का आदेश दिया था. बाद में अनुराग ठाकुर पर 72 घंटे और प्रवेश वर्मा पर 96 घंटे तक चुनाव प्रचार पर रोक लगा दी थी.