शिमला: राजधानी शिमला में अतिक्रमण (encroachment in Shimla city) को लेकर जारी कोर्ट के आदेशों की अनुपालना न करने पर हिमाचल हाईकोर्ट (Himachal High Court ) ने कड़ा संज्ञान लिया है. न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान (Justice Tarlok Singh Chauhan ) ने जनहित से जुड़ी अवमानना याचिका की सुनवाई के दौरान कहा कि शिमला नगर से अतिक्रमण हटाने के संदर्भ में पहले ही एक मामले में आदेश पारित किए गए हैं. अदालत ने कहा कि निश्चित रूप से इन आदेशों ने परिपक्वता हासिल कर ली है.
कारण बताओ नोटिस जारी
हालांकि इन आदेशों को पारित हुए बहुत देर हो चुकी है, फिर भी इन आदेशों से प्रभावित लोगों के पास हाईकोर्ट के समक्ष आने का ही विकल्प खुला था, लेकिन किसी भी परिस्थिति में नगर निगम ने कोर्ट के आदेशों की अनुपालना करवाने में कोई कार्रवाई नहीं की. कोर्ट के आदेशों की अवहेलना करने पर न्यायालय ने अशोक कुमार, दुकान संख्या 146/1, लोअर बाजार और राजपाल एंड संस, लोअर बाजार शिमला के मालिक कमल को कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा है कि क्यों न उनके खिलाफ कोर्ट के आदेश की अवमानना करने पर कार्रवाई अमल में लाई जाए.
पुलिस थाना सदर को निर्देश
इसके अलावा, पुलिस थाना सदर को इनके खिलाफ प्राथमिकी रिपोर्ट दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं क्योंकि उन्होंने कार्यवाही के दौरान लोक सेवकों के कार्य में बाधा डाली. न्यायालय ने कहा कि 3 जनवरी 2020 को पारित आदेशों के मुताबिक न्यायालय ने निर्देश दिया था कि खलिनी में पार्किंग (Parking in Khalini) को तत्काल चालू किया जाए. जिसके लिए 15 जनवरी 2020 को पहले ही निविदाएं आमंत्रित की जा चुकी थीं. बता दें कि आज तक पार्किंग को चालू नहीं किया गया है.
2 जुलाई को होगी अगली सुनवाई
सुनवाई के दौरान नगर निगम को यह आदेश दिए गए कि वह इस न्यायालय को इस बारे में सूचित करें कि कोर्ट के आदेश के बावजूद उक्त पार्किंग क्यों नहीं शुरू की जा रही है और यह कब शुरू होगी. श्रम निरीक्षक, शिमला को भी कोर्ट के समक्ष हाजिर होने के आदेश जारी किए गए हैं. मामले की अगली सुनवाई 2 जुलाई, 2021 को होगी.
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