शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में जेबीटी भर्ती मामले (JBT recruitment case) में जेबीटी टेट के बिना बीएड डिग्रीधारकों को कंसीडर न करने से जुड़े मामले में अब सुनवाई अगले साल 2 जनवरी को होगी. अदालत ने इस मामले में सुनवाई को 2 जनवरी 2023 के लिए टाला है. हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान व न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने गुरुवार को मामले की सुनवाई के दौरान सभी पक्षकारों को दो सप्ताह के भीतर जवाब व प्रतिउत्तर की कार्रवाई पूरी करने के आदेश दिए.
मामले के अनुसार हिमाचल प्रदेश में सरकारी स्कूलों में 617 जेबीटी शिक्षकों के पदों के लिए सीधी भर्ती से फिल अप करने प्रक्रिया शुरू की गई थी. इनका परिणाम भी घोषित कर दिया गया था. पूरी परीक्षा में 617 पदों के खिलाफ 613 शिक्षक ही शैक्षणिक योग्यता पूरी करने वाले पाए गए. राज्य सरकार ने 1135 बीएड डिग्री धारकों को इन पदों के खिलाफ इसलिए कंसीडर नहीं किया, क्योंकि उन्होंने जेबीटी टेट पास नहीं किया था. कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर और शिक्षा विभाग के अनुसार नियमों के तहत जेबीटी पदों के लिए जेबीटी टेट पास होना अनिवार्य था.
प्रार्थियों का कहना है कि उन्हें जेबीटी टेट में बैठने की अनुमति नहीं दी गई थी इसलिए उनके पास जेबीटी टेट पास सर्टिफिकेट नहीं था. प्रार्थियों का यह भी कहना है कि हाईकोर्ट (Himachal High court) के आदेश के अनुसार बीएड धारकों को इन पदों के लिए कंसीडर नहीं किया गया. क्योंकि कोर्ट ने एनसीटीई की अधिसूचना के आधार पर बीएड डिग्री धारक भी जेबीटी भर्ती के लिए पात्र बनाए हैं, अदालत ने यह भी स्पष्ट किया था कि यह भर्ती हाईकोर्ट में विचाराधीन पुनर्विचार याचिका और सर्वोच्च न्यायालय में लंबित विशेष अनुमति याचिका के अंतिम निर्णय पर निर्भर करेगी. फिलहाल, मामले पर सुनवाई अब 2 जनवरी 2023 को होगी.
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