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सरकार का फरमान, कोविड वार्ड में ड्यूटी के बाद अब हेल्थ वर्कर्स को क्वारंटीन होने की जरूरत नहीं

अस्पतालों में कार्य करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों को कोरोना मरीजों के प्रबंधन के दौरान व्यक्तिगत सुरक्षा में उल्लंघन होने पर इस बीमारी से संक्रमित होने का खतरा बढ़ जाता है. जिसको लेकर भारत सरकार ने 18 जून, 2020 को जारी दिशा-निर्देशों को अब वापस ले लिया है. इन आदेशों के अनुसार कम जोखिम वाले स्वास्थ्य देखभाल कार्यकर्ताओं को क्वारंटीन होने की आवश्यकता नहीं है.

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Published : May 12, 2021, 10:30 PM IST

himachal pradesh news, हिमाचल प्रदेश न्यूज
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शिमला: कोविड मरीजों की देखभाल कर रहे हेल्थ वर्कर्स के क्वारंटीन नियमों में सरकार द्वारा बदलाव कर दिया गया है. नई नोटिफिकेशन के बाद अब स्वास्थ्य देखभाल कार्यकर्ताओं को क्वारंटीन होने की आवश्यकता नहीं है

अस्पतालों में कार्य करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों को कोरोना मरीजों के प्रबंधन के दौरान व्यक्तिगत सुरक्षा में उल्लंघन होने पर इस बीमारी से संक्रमित होने का खतरा बढ़ जाता है. जिसको लेकर भारत सरकार ने 18 जून, 2020 को जारी दिशा-निर्देशों को अब वापस ले लिया है.

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क्वारंटीन की शर्त को हटा दिया गया है

इन आदेशों के अनुसार कम जोखिम वाले स्वास्थ्य देखभाल कार्यकर्ताओं को क्वारंटीन होने की आवश्यकता नहीं है, जबकि उच्च जोखिम वाले कार्यकर्ताओं को एक सप्ताह के लिए क्वारंटीन होने के बाद उनका परीक्षण किया जाता था, लेकिन अब क्वारंटीन की शर्त को हटा दिया गया है.

अधिकतर कर्मचारियों का टीकाकरण किया जा चुका है

इसके पीछे तर्क है कि स्वास्थ्य देखभाल कार्यकर्ताओं के लिए जनवरी, 2021 से टीकाकरण शुरू किया गया था और अब तक अधिकतर कर्मचारियों का टीकाकरण किया जा चुका है. दूसरी तरफ प्रदेश चिकित्सा अधिकारी संघ ने सरकार के इस फरमान पर विरोध जताया है.

संघ के महासचिव डॉ. पुष्पेंद्र वर्मा ने कहा कि सरकार की दूसरे राज्यों या बड़े महानगरों के फरमान बिना सोचे समझे लागू नहीं करने चाहिए. वो भी खासकर महामारी की इस समय में यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है.

ये भी पढ़ें- आपदा में अवसर! निजी कंपनी बार-बार बदल रही रेमडेसिवर इंजेक्शन का रेट, कम मूल्य पर सप्लाई करने से किया मना

शिमला: कोविड मरीजों की देखभाल कर रहे हेल्थ वर्कर्स के क्वारंटीन नियमों में सरकार द्वारा बदलाव कर दिया गया है. नई नोटिफिकेशन के बाद अब स्वास्थ्य देखभाल कार्यकर्ताओं को क्वारंटीन होने की आवश्यकता नहीं है

अस्पतालों में कार्य करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों को कोरोना मरीजों के प्रबंधन के दौरान व्यक्तिगत सुरक्षा में उल्लंघन होने पर इस बीमारी से संक्रमित होने का खतरा बढ़ जाता है. जिसको लेकर भारत सरकार ने 18 जून, 2020 को जारी दिशा-निर्देशों को अब वापस ले लिया है.

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क्वारंटीन की शर्त को हटा दिया गया है

इन आदेशों के अनुसार कम जोखिम वाले स्वास्थ्य देखभाल कार्यकर्ताओं को क्वारंटीन होने की आवश्यकता नहीं है, जबकि उच्च जोखिम वाले कार्यकर्ताओं को एक सप्ताह के लिए क्वारंटीन होने के बाद उनका परीक्षण किया जाता था, लेकिन अब क्वारंटीन की शर्त को हटा दिया गया है.

अधिकतर कर्मचारियों का टीकाकरण किया जा चुका है

इसके पीछे तर्क है कि स्वास्थ्य देखभाल कार्यकर्ताओं के लिए जनवरी, 2021 से टीकाकरण शुरू किया गया था और अब तक अधिकतर कर्मचारियों का टीकाकरण किया जा चुका है. दूसरी तरफ प्रदेश चिकित्सा अधिकारी संघ ने सरकार के इस फरमान पर विरोध जताया है.

संघ के महासचिव डॉ. पुष्पेंद्र वर्मा ने कहा कि सरकार की दूसरे राज्यों या बड़े महानगरों के फरमान बिना सोचे समझे लागू नहीं करने चाहिए. वो भी खासकर महामारी की इस समय में यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है.

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