शिमला: शीर्ष उद्योगपति और पदम विभूषण से सम्मानित रतन टाटा का बीती रात को निधन हो गया है. टाटा ने मुंबई के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली. उनका हिमाचल से भी विशेष नाता रहा है. ऐतिहासिक शहर शिमला से उनकी स्मृतियां जुड़ी हैं. ब्रिटिश हूकूमत के दौर में स्थापित शिमला के विख्यात बिशप कॉटन स्कूल यानी बीसीएस से उनके परिवार के सदस्य आरडी टाटा का नाम जुड़ा है. अलबत्ता स्कूल के एडमिन ऑफिसर परवीन धर्मा का मानना है कि 1940 के दशक में रतन टाटा ने इस स्कूल में कुछ समय तक शिक्षा ग्रहण की थी.
इसके अलावा हिमाचल से उनकी एक और याद भी जुड़ी है. टाटा समूह की कंपनी ताज होटल ने शिमला के समीप ठियोग में एक आलीशान होटल का निर्माण किया है. ये ताज ग्रुप का हिमाचल में पहला और इकलौता होटल है. इस होटल की शुरूआत फरवरी 2019 में किया गया. टाटा समूह के दि इंडियन होटल्स कंपनी लिमिटेड का ये होटल हिमाचल को हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में रतन टाटा की एक देन है.
बीसीएस शिमला के एडमिन ऑफिसर परवीन धर्मा ने बताया कि रतन टाटा चालीस के दशक में शिमला में इस स्कूल में पढ़े थे. बीसीएस स्कूल प्रबंधन को गर्व है कि यहां पढ़े लोग देश और विदेश में अपनी-अपनी फील्ड में ख्यात नाम हैं. रतन टाटा का जन्म दिसंबर 1937 में हुआ था. उन्होंने आठवीं क्लास तक की शिक्षा मुंबई में हासिल की. बीसीएस स्कूल का मानना है कि रतन टाटा कुछ समय के लिए शिमला के बीसीएस में भी पढ़े. बीसीएस स्कूल वर्ष 1859 में स्थापित किया गया था. इस स्कूल से हिमाचल के पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह सहित कई राजनेताओं ने शिक्षा ग्रहण की है.
बीसीएस स्कूल प्रबंधन का ये भी दावा है कि आजादी के बाद से टाटा परिवार के सदस्य शिमला आते रहे हैं. लेखक रस्किन बांड के संस्मरणों में भी टाटा का जिक्र आता है, लेकिन यह जिक्र आरडी टाटा का है. ये सब बहस का विषय है, लेकिन ये एक तथ्य है कि शिमला के समीप ठियोग में टाटा ग्रुप का होटल पांच साल से चल रहा है. ये हिमाचल में ताज समूह का एकमात्र होटल है. इस नाते रतन टाटा का शिमला व हिमाचल के रिश्ता बनता है.