शिमला: क्वारंटाइन पीरियड को खत्म करने का आईजीएमसी रेजिडेंट डॉक्टरों ने विरोध जताया है. विरोध करते हुए डॉक्टर काले बिल्ले पहनकर काम कर रहे हैं. मांग पूरी ना होने तक रेजिडेंट डॉक्टरों ने काले बिल्ले पहनकर ही काम करने की बात कही है.
क्वारंटाइन पीरियड देने की मांग
डॉक्टरों का कहना है कि पहले क्वारंटाइन पीरियड हर जगह 7 से 10 दिन का दिया जा रहा था, जबकि आईजीएमसी में यह 3 दिन का दिया जा रहा था. इसका स्वास्थ्य कर्मियों ने विरोध नहीं किया था, लेकिन अब सरकार ने क्वारंटाइन पीरियड को पूरी तरह से खत्म कर दिया है. रेजिडेंट डॉक्टर इस फैसले को वापस लेने की मांग कर रहे हैं.
क्वारंटाइन पीरियड खत्म करना गलत
एसोसिएशन के महासचिव डॉ. अक्षित पुरी का कहना है कि आईजीएमसी में प्रदेश के विभिन्न जिलों से हजारों मरीज इलाज के लिए आते हैं. अस्पताल में डॉक्टरों की कमी चल रही है, जिसके चलते 10 दिन का क्वारंटाइन 3 दिन का कर दिया गया था. वहीं, अब नए आदेशों के तहत इसे बिल्कुल खत्म कर दिया गया है, जोकि बिल्कुल गलत है.
कई डॉक्टर हो चुके हैं पॉजिटिव
डॉ. अक्षित पुरी ने बताया कि संक्रमण के कारण कई डॉक्टर अभी तक पॉजिटिव भी हो चुके हैं. कोरोना संक्रमितों का इलाज करने के लिए कोविड वार्ड में भी लगातार ड्यूटी लगाई जा रही है. इसके लिए टीमें गठित की गई हैं. हालांकि, एक टीम 7 दिन कोविड वार्ड में ड्यूटी देती है, जिसके बाद वह अपनी रूटीन ड्यूटी पर आ जाती है. ऐसे में संक्रमण का ज्यादा खतरा रहता है. कोविड वार्ड में ड्यूटी देते हुए अब तक कई कर्मचारी पॉजिटिव हो चुके हैं. इसके साथ ही कोरोना वैक्सीन लगाने के बावजूद भी कर्मचारी पॉजिटिव आए हैं. हालांकि पॉजिटिव आने के बाद उनकी ड्यूटी नहीं लगाई जाती.
36 घंटे अपनी ड्यूटी दे रहे रेजिडेंट डॉक्टर
डॉ. अक्षित पुरी ने बताया कि रेजिडेंट डॉक्टर 36 घंटे अपनी ड्यूटी दे रहे हैं. मौजूदा समय में आईजीएमसी में 375 डॉक्टर हैं, जोकि कोरोना वार्ड के अलावा अन्य वार्ड में भी ड्यूटी दे रहे हैं. उन्होंने बताया कि सरकार को आईजीएमसी प्रिंसिपल के माध्यम से पत्र द्वारा सूचित किया गया था. इसमें क्वारंटाइन पीरियड फिर से शुरू करने की मांग की गई है. उनका कहना है कि जब तक सरकार क्वारंटाइन पीरियड को फिर से शुरू नहीं करती तब तक वह काले बिल्ले लगाकर ही काम करेंगे.
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