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हिमाचल में आयुष्मान-हिम केयर योजना बनी वरदान! 3 सालों में इलाज पर 811 करोड़ खर्च

Ayushman-Him Care Scheme in Himachal: हिमाचल प्रदेश में लोगों के लिए आयुष्मान व हिम केयर कार्ड बेहद लाभदायक सिद्ध हो रहा है. प्रदेश में 287 अस्पताल आयुष्मान योजना और 278 अस्पताल हिम केयर योजना के तहत रजिस्टर है. ये जानकारी स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल ने विधानसभा सत्र के दौरान सामने रखी.

Ayushman-Him Care Scheme in Himachal
Ayushman-Him Care Scheme in Himachal
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Dec 20, 2023, 11:38 AM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश में मरीजों के लिए आयुष्मान व हिम केयर कार्ड वरदान साबित हो रहा है. इसके जरिए सैकड़ों लोग निशुल्क इलाज करवा रहे हैं. प्रदेश में आयुष्मान भारत- प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत 287 अस्पताल और मुख्यमंत्री हिम केयर योजना के तहत 278 अस्पताल इलाज की सुविधा प्रदान करने के लिए रजिस्टर हैं. ये जानकारी स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल ने विधानसभा सत्र के दौरान भाजपा विधायक विपिन सिंह परमार और रणधीर शर्मा द्वारा पूछे गए प्रश्न के उत्तर दी.

आयुष्मान-हिम केयर योजना पर खर्च राशि: स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल ने बताया कि गत तीन सालों से 15 नवंबर 2023 तक आयुष्मान भारत योजना और हिम केयर योजना के जरिए इलाज पर करीब 811.25 करोड़ रुपये की धनराशि खर्च की गई है. इसके तहत साल 2021-22 में आयुष्मान भारत योजना पर 71.03 करोड़ रुपए और हिम केयर पर 96.73 करोड़ रुपए की राशि खर्च की गई है. साल 2022-23 में आयुष्मान भारत कार्ड पर 80.84 करोड़ रुपए, जबकि हिम केयर कार्ड पर 262.54 करोड़ रुपए का खर्च आया है. वहीं, 2023-24 में (15 नवंबर 2023 तक) आयुष्मान भारत योजना पर 54.10 करोड़ रुपए, जबकि हिम केयर पर 246.01 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं.

स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल ने बताया कि पिछले तीन सालों में 15 नंवबर 2023 तक आयुषमान कार्ड पर कुल 205.97 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं, जबकि हिम केयर कार्ड पर 605.28 करोड़ रुपए का खर्च आया है. वहीं, दिसंबर 2022 से 15 नवंबर 2023 तक 430.56 करोड़ रुपए की धनराशि विभिन्न बीमारियों के इलाज पर खर्च की गई. जिसमें आयुष्मान भारत योजना के तहत 79.12 करोड़ रुपए और मुख्यमंत्री हिम केयर योजना के तहत 351.44 करोड़ खर्च किए गए हैंं. दोनों योजनाओं के तहत विभिन्न बीमारियों के इलाज के लिए 430.56 करोड़ खर्च किया गया है.

योजनाओं के तहत विभाग की लंबित देनदारियां: स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि आयुष्मान भारत योजना और मुख्यमंत्री हिम केयर योजना के तहत स्वास्थ्य विभाग की 218.34 करोड़ रुपए की देनदारियां सूचीबद्ध अस्पतालों में लंबित हैं. जानकारी के अनुसार आयुष्मान भारत योजना की 28.02 करोड़ रुपए और मुख्यमंत्री हिम केयर की 190.32 करोड़ रुपए की कुल 218.34 करोड़ की देनदारियां अभी लंबित हैं. गौरतलब है कि इन योजनाओं के तहत रजिस्टर अस्पतालों द्वारा निशुल्क इलाज करना और स्वास्थ्य विभाग द्वारा इन क्लेमों की अदायगी करना एक निरंतर प्रक्रिया है.

हिम केयर-सहारा योजना का बजट और खर्च: स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल ने इस दौरान वित्तीय वर्ष 2023-24 में (15 नवंबर 2023 तक) हिम केयर और मुख्यमंत्री सहारा योजना के लिए बजट का प्रावधान व खर्च की गई राशि का ब्यौरा सामने रखा. जिसके अनुसार मुख्यमंत्री हिम केयर योजना के तहत प्रदेश सरकार द्वारा 111.86 करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान रखा गया था, जबकि अभी तक हिम केयर योजना के तहत 149.00 करोड़ रुपए की राशि खर्च की जा चुकी है. वहीं, मुख्यमंत्री सहारा योजना के तहत बजट का प्रावधान 62.22 करोड़ रुपए रखा गया था, जिसमें से विभिन्न बीमारियों के इलाज में 37.53 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं. इस साल 15 नवंबर 2023 तक हिम केयर योजना के तहत 78,365 नए कार्ड बने हैं, जबकि 30,199 लाभार्थी वित्तीय सहायता के लिए सहारा योजना के अंतर्गत रजिस्टर हैं.

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शिमला: हिमाचल प्रदेश में मरीजों के लिए आयुष्मान व हिम केयर कार्ड वरदान साबित हो रहा है. इसके जरिए सैकड़ों लोग निशुल्क इलाज करवा रहे हैं. प्रदेश में आयुष्मान भारत- प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत 287 अस्पताल और मुख्यमंत्री हिम केयर योजना के तहत 278 अस्पताल इलाज की सुविधा प्रदान करने के लिए रजिस्टर हैं. ये जानकारी स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल ने विधानसभा सत्र के दौरान भाजपा विधायक विपिन सिंह परमार और रणधीर शर्मा द्वारा पूछे गए प्रश्न के उत्तर दी.

आयुष्मान-हिम केयर योजना पर खर्च राशि: स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल ने बताया कि गत तीन सालों से 15 नवंबर 2023 तक आयुष्मान भारत योजना और हिम केयर योजना के जरिए इलाज पर करीब 811.25 करोड़ रुपये की धनराशि खर्च की गई है. इसके तहत साल 2021-22 में आयुष्मान भारत योजना पर 71.03 करोड़ रुपए और हिम केयर पर 96.73 करोड़ रुपए की राशि खर्च की गई है. साल 2022-23 में आयुष्मान भारत कार्ड पर 80.84 करोड़ रुपए, जबकि हिम केयर कार्ड पर 262.54 करोड़ रुपए का खर्च आया है. वहीं, 2023-24 में (15 नवंबर 2023 तक) आयुष्मान भारत योजना पर 54.10 करोड़ रुपए, जबकि हिम केयर पर 246.01 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं.

स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल ने बताया कि पिछले तीन सालों में 15 नंवबर 2023 तक आयुषमान कार्ड पर कुल 205.97 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं, जबकि हिम केयर कार्ड पर 605.28 करोड़ रुपए का खर्च आया है. वहीं, दिसंबर 2022 से 15 नवंबर 2023 तक 430.56 करोड़ रुपए की धनराशि विभिन्न बीमारियों के इलाज पर खर्च की गई. जिसमें आयुष्मान भारत योजना के तहत 79.12 करोड़ रुपए और मुख्यमंत्री हिम केयर योजना के तहत 351.44 करोड़ खर्च किए गए हैंं. दोनों योजनाओं के तहत विभिन्न बीमारियों के इलाज के लिए 430.56 करोड़ खर्च किया गया है.

योजनाओं के तहत विभाग की लंबित देनदारियां: स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि आयुष्मान भारत योजना और मुख्यमंत्री हिम केयर योजना के तहत स्वास्थ्य विभाग की 218.34 करोड़ रुपए की देनदारियां सूचीबद्ध अस्पतालों में लंबित हैं. जानकारी के अनुसार आयुष्मान भारत योजना की 28.02 करोड़ रुपए और मुख्यमंत्री हिम केयर की 190.32 करोड़ रुपए की कुल 218.34 करोड़ की देनदारियां अभी लंबित हैं. गौरतलब है कि इन योजनाओं के तहत रजिस्टर अस्पतालों द्वारा निशुल्क इलाज करना और स्वास्थ्य विभाग द्वारा इन क्लेमों की अदायगी करना एक निरंतर प्रक्रिया है.

हिम केयर-सहारा योजना का बजट और खर्च: स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल ने इस दौरान वित्तीय वर्ष 2023-24 में (15 नवंबर 2023 तक) हिम केयर और मुख्यमंत्री सहारा योजना के लिए बजट का प्रावधान व खर्च की गई राशि का ब्यौरा सामने रखा. जिसके अनुसार मुख्यमंत्री हिम केयर योजना के तहत प्रदेश सरकार द्वारा 111.86 करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान रखा गया था, जबकि अभी तक हिम केयर योजना के तहत 149.00 करोड़ रुपए की राशि खर्च की जा चुकी है. वहीं, मुख्यमंत्री सहारा योजना के तहत बजट का प्रावधान 62.22 करोड़ रुपए रखा गया था, जिसमें से विभिन्न बीमारियों के इलाज में 37.53 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं. इस साल 15 नवंबर 2023 तक हिम केयर योजना के तहत 78,365 नए कार्ड बने हैं, जबकि 30,199 लाभार्थी वित्तीय सहायता के लिए सहारा योजना के अंतर्गत रजिस्टर हैं.

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