शिमला: स्वाइन फ्लू के बढ़ते मामलों को लेकर स्वास्थ्य विभाग सर्तकता बरत रहा है. विभाग ने इस बीमारी से निपटने के लिए विभिन्न स्तरों पर तैयारियां की हुई है. स्वाइन फ्लू एच1एन1 एक वायरस और संक्रमणकारी बीमारी है. सामान्य तौर पर इसका सक्रंमण संक्रमित व्यक्ति की छीक या खांसी के संपर्क में आने के कारण होता है.
स्वाइन फ्लू का संक्रमण जुलाई से फरवरी महीने में ज्यादा सक्रिय होता है. स्वाइन फ्लू से बचने का उपचार बचाव ही है. इसलिए इस बीमारी में एहतियात बरतने की आवश्यकता है.
स्वाइन फ्लू को लेकर मुख्य चिकित्सा अधिकारी शिमला डॉ. जितेंद्र चौहान ने बताया कि यह सर्दियों के दौरान अधिक होता है. उन्होंने बताया कि पिछले साल 2019 से अभी तक शिमला जिले में 103 मामले सामने आए हैं. जिसमे चार लोगों की मृत्यु हो चुकी है. उन्होंने बताया कि अभी हाल ही में रोहडू के 6 वर्षीय लड़के की भी मृत्यु हुई है. उन्होंने कहा इस बीमारी से बचने के लिए जागरूक होना पड़ेगा.
डॉ. जितेंद्र चौहान ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से स्वाइन फ्लू का इलाज मुफ्त किया जाता है और मुफ्त में दवाइयां दी जाती हैं. इसके अलावा मरीज से करीब 1 मीटर की दूरी बना कर रखना जरूरी होता है. कमजोर व्यक्ति जैसे बुजुर्ग, छोटे बच्चे, गर्भवती महिलाएं और अन्य रोगों से ग्रसित व्यक्तियों को यह ज्यादा जल्दी प्रभवित करता है.
स्वाइन फ्लू के लक्षण
संक्रमित होने के बाद 1 से 7 दिन के अंदर ही मरीज में इसके लक्षण उत्पन्न हो जाते हैं. रोगी व्यक्ति मुंह या नाक पर हाथ रखने के बाद जिस भी वस्तु को छूता है, उस संक्रमित वस्तु को स्वस्थ व्यक्ति द्वारा छूने से रोग का संक्रमण हो जाता है.
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