शिमला: केंद्र सरकार की तरफ से राज्य सरकार को नेशनल हेल्थ मिशन के तहत जारी किए गए 387 करोड़ रुपये की रकम का राज्य सरकार सदुपयोग करने में नाकाम साबित हुई है.नेशनल हेल्थ मिशन की 'मासिक धर्म स्वच्छता योजना' लागू न किये जाने पर हाई कोर्ट ने कड़ा संज्ञान लिया है.
हिमाचल हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एल नारायण स्वामी और न्यायमूर्ति ज्योत्सना रेवाल दुआ की खंडपीठ ने राज्य सरकार को आदेश दिए कि वह सभी सरकारी विभागों और अन्य सार्वजानिक स्थानों पर सेनेटरी पैड मशीन लगाए और कोर्ट को ताजा स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करे.
मामले की आगामी सुनवाई दो मार्च 2020 को निर्धारित की गई है. इसी मामले में हिमाचल पथ परिवहन निगम ने शपथपत्र के माध्यम से कोर्ट को बताया कि सभी बस अड्डों की देख-रेख का जिम्मा सुलभ इंटरनेशनल कंपनी को दिया गया है, लेकिन चार बस अड्डों में निगम ने स्वयं मशीने लगाई हैं.वहीं, सुलभ इंटरनेशनल कंपनी ने प्रदेश के 34 बस अड्डो में “मासिक धर्म स्वच्छता योजना” के तहत मशीने लगाई हैं.बाकी के बस अड्डों में जल्दी ही ये मशीनें स्थापित की जाएंगी.