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2100 करोड़ का इंडियन टैक्नोमेक घोटाला: प्रॉपर्टी नीलामी से जुड़े आदेश पर रोक लगाने से HC का इन्कार

अदालत को बताया गया था कि इंडियन टेक्नोमैक कंपनी की सम्पति की नीलामी अनुसूची तय कर दी गई है. इस पर हाईकोर्ट के न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान ने मामले में 2 अगस्त तक नीलामी का शेड्यूल अदालत के सामने प्रस्तुत करने के आदेश दिए.

HC Himachal
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Published : Jul 31, 2019, 8:48 PM IST

शिमला: सिरमौर जिला की इंडियन टैक्नोमेक कंपनी में 2100 करोड़ रुपए के घोटाले से जुड़े मामले में हाईकोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के एक आवेदन को खारिज कर दिया है. ईडी की तरफ से हाईकोर्ट के समक्ष आवेदन में मामले की जांच पूरी होने तक कंपनी की संपतियों की नीलामी से जुड़ा प्रस्तावित अदालती आदेश पर रोक लगाने का आग्रह किया गया था.


अदालत को बताया गया था कि इंडियन टेक्नोमैक कंपनी की सम्पति की नीलामी अनुसूची तय कर दी गई है. इस पर हाईकोर्ट के न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान ने मामले में 2 अगस्त तक नीलामी का शेड्यूल अदालत के सामने प्रस्तुत करने के आदेश दिए.


उल्लेखनीय है कि सिरमौर जिला के पांवटा साहिब में जगतपुर में स्थापित इंडियन टेक्नोमैक कंपनी को लगभग 2100 करोड रुपए टैक्स अदा न करने पर फैक्ट्री को आबकारी एवं कराधान विभाग ने सीज किया है. कंपनी की तरफ से जाली दस्तावेजों को तैयार करके व अधिक उत्पादन दिखा कर विभिन्न बैंकों से भारी-भरकम कर्ज लेने के लिए षडयंत्र रचा गया. इससे हिमाचल सरकार को भारी कर नुकसान हुआ है.


इसके अलावा इंडियन टैक्नोमैक कंपनी के प्रबंधन ने पांवटा साहिब स्थित आबकारी एवं कराधान विभाग व अन्य विभागों से मिलीभगत करके इस कंपनी के बंद होने के बाद भी कारखाने के अंदर रखे हुए सामान व स्क्रैप इत्यादि को चोरी-छिपे बाहर निकाला है. एक स्क्रैप ट्रक को पुलिस ने बरामद भी किया था.


कंपनी की संपत्ति को अटैच करने के उपरांत इस तरह कंपनी प्रबंधन द्वारा स्क्रैप बेचना कानूनन गलत है. तत्कालीन कंपनी प्रबंधन व आबकारी विभाग के कर्मचारियों ने ये गलती सुनियोजित तरीके से की. सीआईडी ने इस बड़े घोटाले को लेकर पुलिस स्टेशन भराड़ी में आईपीसी की धारा 420, 468, 471, 201, 217, 218, 120 बी व भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 13(2)डी व 5 तथा 7 के तहत दो साल से जांच कर रही है. ईडी की कार्रवाई अलग से जारी है.

शिमला: सिरमौर जिला की इंडियन टैक्नोमेक कंपनी में 2100 करोड़ रुपए के घोटाले से जुड़े मामले में हाईकोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के एक आवेदन को खारिज कर दिया है. ईडी की तरफ से हाईकोर्ट के समक्ष आवेदन में मामले की जांच पूरी होने तक कंपनी की संपतियों की नीलामी से जुड़ा प्रस्तावित अदालती आदेश पर रोक लगाने का आग्रह किया गया था.


अदालत को बताया गया था कि इंडियन टेक्नोमैक कंपनी की सम्पति की नीलामी अनुसूची तय कर दी गई है. इस पर हाईकोर्ट के न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान ने मामले में 2 अगस्त तक नीलामी का शेड्यूल अदालत के सामने प्रस्तुत करने के आदेश दिए.


उल्लेखनीय है कि सिरमौर जिला के पांवटा साहिब में जगतपुर में स्थापित इंडियन टेक्नोमैक कंपनी को लगभग 2100 करोड रुपए टैक्स अदा न करने पर फैक्ट्री को आबकारी एवं कराधान विभाग ने सीज किया है. कंपनी की तरफ से जाली दस्तावेजों को तैयार करके व अधिक उत्पादन दिखा कर विभिन्न बैंकों से भारी-भरकम कर्ज लेने के लिए षडयंत्र रचा गया. इससे हिमाचल सरकार को भारी कर नुकसान हुआ है.


इसके अलावा इंडियन टैक्नोमैक कंपनी के प्रबंधन ने पांवटा साहिब स्थित आबकारी एवं कराधान विभाग व अन्य विभागों से मिलीभगत करके इस कंपनी के बंद होने के बाद भी कारखाने के अंदर रखे हुए सामान व स्क्रैप इत्यादि को चोरी-छिपे बाहर निकाला है. एक स्क्रैप ट्रक को पुलिस ने बरामद भी किया था.


कंपनी की संपत्ति को अटैच करने के उपरांत इस तरह कंपनी प्रबंधन द्वारा स्क्रैप बेचना कानूनन गलत है. तत्कालीन कंपनी प्रबंधन व आबकारी विभाग के कर्मचारियों ने ये गलती सुनियोजित तरीके से की. सीआईडी ने इस बड़े घोटाले को लेकर पुलिस स्टेशन भराड़ी में आईपीसी की धारा 420, 468, 471, 201, 217, 218, 120 बी व भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 13(2)डी व 5 तथा 7 के तहत दो साल से जांच कर रही है. ईडी की कार्रवाई अलग से जारी है.

2100 करोड़ का इंडियन टैक्नोमेक घोटाला: प्रापर्टी नीलामी से जुड़े आदेश पर रोक लगाने से एचसी का इन्कार
शिमला। सिरमौर जिला की इंडियन टैक्नोमेक कंपनी में 2100 करोड़ रुपए के घोटाले से जुड़े मामले में हाईकोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी)के एक आवेदन को खारिज कर दिया है। ईडी की तरफ से हाईकोर्ट के समक्ष आवेदन में मामले की जांच पूरी होने तक कंपनी की संपतियों की नीलामी से जुड़ा प्रस्तावित अदालती आदेश पर रोक लगाने का आग्रह किया गया था। अदालत को बताया गया था कि इंडियन टेक्नोमैक कंपनी की सम्पति की नीलामी अनुसूची तय कर दी गई है। इस पर हाईकोर्ट के न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान ने मामले में 2 अगस्त तक नीलामी का शेड्यूल अदालक के सामने प्रस्तुत करने के आदेश दिए। उल्लेखनीय है कि सिरमौर जिला के पांवटा साहिब में जगतपुर में स्थापित इंडियन टेक्नोमैक कंपनी को लगभग 2100 करोड रुपए टैक्स अदा न करने पर फैक्ट्री को आबकारी एवं कराधान विभाग ने सीज किया है। कंपनी की तरफ से जाली दस्तावेजों को तैयार करके व अधिक उत्पादन दिखा कर विभिन्न बैंकों से भारी-भरकम कर्ज लेने के लिए षडयंत्र रचा गया। इससे हिमाचल सरकार को भारी कर नुकसान हुआ है। इसके अलावा इंडियन टैक्नोमैक कंपनी के प्रबंधन ने पांवटा साहिब स्थित आबकारी एवं कराधान विभाग व अन्य विभागों से मिलीभगत करके इस कंपनी के बंद होने के बाद भी कारखाने के अंदर रखे हुए सामान व स्क्रैप इत्यादि को चोरी-छिपे बाहर निकाला है। एक स्क्रैप ट्रक को पुलिस ने बरामद भी किया था। कंपनी की संपत्ति को अटैच करने के उपरांत इस तरह कंपनी प्रबंधन द्वारा स्क्रैप बेचना कानूनन गलत है। तत्कालीन कंपनी प्रबंधन व आबकारी विभाग के कर्मचारियों ने ये गलती सुनियोजित तरीके से की। सीआईडी ने इस बड़े घोटाले को लेकर पुलिस स्टेशन भराड़ी में आईपीसी की धारा 420, 468, 471, 201, 217, 218, 120 बी व भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 13(2)डी व 5 तथा 7 के तहत दो साल से जांच कर रही है। ईडी की कार्रवाई अलग से जारी है। 
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