शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने जूनियर ऑफिस असिस्टेंट पोस्ट कोड 556 के पदों को आयोग द्वारा तैयार की गई मेरिट के आधार पर भरने के लिए राज्य सरकार को हरी झंडी दे दी है.
प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिए कि वह दो सप्ताह के भीतर तीन से पांच सदसीय कमेटी का गठन करे जो कम्प्यूटर शिक्षा में उच्च डिग्रियां व डिप्लोमा धारकों और भर्ती व पदोन्नति नियमों के तहत योग्यता प्राप्त उम्मीदवारों की समानता के बारे में निर्णय लेगी. खंडपीठ ने अपने आदेशो में ये भी स्पष्ट किया कि सामानांतर योग्यता रखने वाले उम्मीदवार भी जूनियर ऑफिस असिस्टेंट के पदों के लिए योग्य माने जाएंगे इस बारे में उचित समय पर निर्णय लिया जाएगा.
पढ़ें- किसान-बागवानों को नहीं मिल रहा उचित मुआवजा, फसल बीमा के नाम पर हो रही भारी लूट- राकेश सिंघा
गौर हो कि हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग ने शनिवार 23 फरवरी को जूनियर ऑफिस असिस्टेंट पोस्ट कोड 556 का अंतिम परिणाम करीब ढाई सालों बाद घोषित किया था. आयोग ने 1156 पदों के लिए ली गई इस परीक्षा में 596 अभ्यर्थियों को सफल घोषित किया था जबकि शेष अभ्यर्थियों को अयोग्य घोषित कर दिया गया. अयोग्य घोषित उम्मीदवारों ने प्रशासनिक ट्रिब्यूनल के समक्ष आवेदय दायर कर आरोप लगाया था कि आयोग ने परिणाम बनाते समय न्यूनतम योग्यता की आड़ में कम्प्यूटर शिक्षा में उच्च डिग्रियां व डिप्लोमा प्राप्त अभ्यर्थियों को अयोग्य घोषित कर दिया. आयोग ने विभिन्न संस्थाओं से मान्यता प्राप्त डिग्री व डिप्लोमा धारकों को भी बिना कारण अयोग्य घोषित कर दिया है.
अयोग्य घोषित उम्मीदवारों की शिकायत के परिणामस्वरूप लिखित व टाइपिंग परीक्षा में उनसे कम अंक हासिल करने वाले अभ्यर्थियों का चयन कर लिया गया. ट्रिब्यूनल ने याचिका का निपटारा करते हुए आदेश दिए थे कि जूनियर ऑफिस असिस्टेंट के पदों को भर्ती व पदोन्नति नियमों के तहत ही भरा जाए. ट्रिब्यूनल द्वारा पारित इस निर्णय को हाईकोर्ट के समक्ष चुनौती दी गई. हाई कोर्ट ने प्रतिवादियों को नोटिस जारी करते हुए ट्रिब्यूनल द्वारा पारित निर्णय पर अंतरिम रोक लगा दी थी.
पढ़ें- HPU ने नहीं बढ़ाई बीएड के एंट्री फॉर्म भरने की तारीख, इस दिन होगा एग्जाम