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भाजपा में हर्ष, कांग्रेस में हताशा, 45 साल तक कांग्रेस में रहे हर्ष महाजन के जाने से हिमाचल में बदलेंगे समीकरण

हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले (Himachal assembly election 2022) प्रदेश कांग्रेस को एक और झटका लगा है. हिमाचल में कांग्रेस का चर्चित चेहरे रहे हर्ष महाजन भाजपा (Harsh Mahajan Joins BJP) में शामिल हो गए हैं. इससे जहां कांग्रेस में निश्चित तौर पर हताशा होगी. वहीं, हिमाचल भाजपा को जरूर हर्ष होगा. पवन काजल के बाद ये दूसरे कार्यकारी अध्यक्ष हैं, जो भाजपा में शामिल हुए हैं. पढ़ें पूरी खबर...

हर्ष महाजन भाजपा में शामिल
हर्ष महाजन भाजपा में शामिल
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Published : Sep 28, 2022, 1:55 PM IST

शिमला: चुनावी साल (Himachal assembly election 2022) में हिमाचल कांग्रेस को एक और झटका लगा है. साढ़े चार दशक से हिमाचल में कांग्रेस के चर्चित चेहरे रहे हर्ष महाजन के भाजपा में शामिल होने से कांग्रेस में निश्चित तौर पर हताशा होगी. वहीं, हिमाचल भाजपा (Harsh Mahajan Joins BJP) को जरूर हर्ष होगा. कारण ये है कि पार्टी में शामिल होते ही हर्ष महाजन ने दावा किया कि हिमाचल में मिशन रिपीट सफल (Mission repeat in Himachal) होगा. हर्ष महाजन वीरभद्र सिंह के सबसे करीबियों में शुमार रहे हैं. उन्हें वीरभद्र सिंह का दाहिना हाथ भी कहा जाता था.

हर्ष महाजन ने लगातार तीन चुनाव जीते. वे कैबिनेट मंत्री रहे. उनके पिता देसराज महाजन कांग्रेस के बड़े नेता थे. वे विधानसभा अध्यक्ष रहे और कैबिनेट मंत्री भी. हर्ष महाजन ने करीब 15 साल तक वीरभद्र सिंह के निर्देश के अनुसार पार्टी का चुनाव प्रबंधन देखा था. वे अभी भी कांग्रेस का चुनाव प्रबंधन देख रहे थे. ऐसे में अप्रत्याशित तौर पर हर्ष महाजन का भाजपा में शामिल होना सभी को अचंभित कर रहा है. इससे न केवल प्रतिभा सिंह को निजी तौर पर नुकसान होगा, बल्कि पार्टी के चुनाव प्रबंधन को भी झटका लगेगा.

हर्ष महाजन एनएसयूआई से लेकर युवा कांग्रेस और फिर चुनावी राजनीति से लेकर मंत्री तक रहे. इस समय भी कांग्रेस में चुनाव का सारा प्रबंध वही देख रहे थे. हर्ष महाजन का कहना है कि पीएम नरेंद्र मोदी का नेतृत्व दूरदर्शी है. वे आगे बढक़र नेतृत्व करते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश का नाम वैश्विक मंच पर बढ़ाया है. हर्ष महाजन के जाने के बाद कांग्रेस का चुनाव प्रबंधन निश्चित रूप से प्रभावित होगा. अब उनके भाजपा में जाने पर कांग्रेस की अब प्रत्याशियों की सूची भी लेट हो जाएगी.

कारण ये है कि कई टिकटों पर पेंच फंसा हुआ है. महाजन के जाने के बाद पार्टी को अवश्य ही करारा धक्का लगेगा. भाजपा को हर्ष के आगमन से लाभ होगा. कारण ये है कि हर्ष महाजन को कांग्रेस की रणनीतियों का सारा पता है. वे कांग्रेस के चुनावी पैंतरों को लागू करवाते रहे हैं. इसका लाभ भाजपा को मिलेगा. जिस तरीके से हर्ष महाजन ने कांग्रेस पर आरोप लगाए हैं, उसके निश्चित रूप से पार्टी की फजीहत हुई है. चुनावी साल में पहले पवन काजल (Pawan Kajal Joins BJP) के रूप में पहला कार्यकारी अध्यक्ष भाजपा में शामिल हो गया और अब हर्ष महाजन के तौर पर दूसरा अध्यक्ष भी पाला बदल गया है. विडंबना ये है कि जो कांग्रेस देश में भारत जोड़ो यात्रा निकाल रही है, वो खुद भीतर से टूट रही है.

ये भी पढ़ें: हिमाचल कांग्रेस को बड़ा झटका, कार्यकारी अध्यक्ष हर्ष महाजन भाजपा में शामिल

शिमला: चुनावी साल (Himachal assembly election 2022) में हिमाचल कांग्रेस को एक और झटका लगा है. साढ़े चार दशक से हिमाचल में कांग्रेस के चर्चित चेहरे रहे हर्ष महाजन के भाजपा में शामिल होने से कांग्रेस में निश्चित तौर पर हताशा होगी. वहीं, हिमाचल भाजपा (Harsh Mahajan Joins BJP) को जरूर हर्ष होगा. कारण ये है कि पार्टी में शामिल होते ही हर्ष महाजन ने दावा किया कि हिमाचल में मिशन रिपीट सफल (Mission repeat in Himachal) होगा. हर्ष महाजन वीरभद्र सिंह के सबसे करीबियों में शुमार रहे हैं. उन्हें वीरभद्र सिंह का दाहिना हाथ भी कहा जाता था.

हर्ष महाजन ने लगातार तीन चुनाव जीते. वे कैबिनेट मंत्री रहे. उनके पिता देसराज महाजन कांग्रेस के बड़े नेता थे. वे विधानसभा अध्यक्ष रहे और कैबिनेट मंत्री भी. हर्ष महाजन ने करीब 15 साल तक वीरभद्र सिंह के निर्देश के अनुसार पार्टी का चुनाव प्रबंधन देखा था. वे अभी भी कांग्रेस का चुनाव प्रबंधन देख रहे थे. ऐसे में अप्रत्याशित तौर पर हर्ष महाजन का भाजपा में शामिल होना सभी को अचंभित कर रहा है. इससे न केवल प्रतिभा सिंह को निजी तौर पर नुकसान होगा, बल्कि पार्टी के चुनाव प्रबंधन को भी झटका लगेगा.

हर्ष महाजन एनएसयूआई से लेकर युवा कांग्रेस और फिर चुनावी राजनीति से लेकर मंत्री तक रहे. इस समय भी कांग्रेस में चुनाव का सारा प्रबंध वही देख रहे थे. हर्ष महाजन का कहना है कि पीएम नरेंद्र मोदी का नेतृत्व दूरदर्शी है. वे आगे बढक़र नेतृत्व करते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश का नाम वैश्विक मंच पर बढ़ाया है. हर्ष महाजन के जाने के बाद कांग्रेस का चुनाव प्रबंधन निश्चित रूप से प्रभावित होगा. अब उनके भाजपा में जाने पर कांग्रेस की अब प्रत्याशियों की सूची भी लेट हो जाएगी.

कारण ये है कि कई टिकटों पर पेंच फंसा हुआ है. महाजन के जाने के बाद पार्टी को अवश्य ही करारा धक्का लगेगा. भाजपा को हर्ष के आगमन से लाभ होगा. कारण ये है कि हर्ष महाजन को कांग्रेस की रणनीतियों का सारा पता है. वे कांग्रेस के चुनावी पैंतरों को लागू करवाते रहे हैं. इसका लाभ भाजपा को मिलेगा. जिस तरीके से हर्ष महाजन ने कांग्रेस पर आरोप लगाए हैं, उसके निश्चित रूप से पार्टी की फजीहत हुई है. चुनावी साल में पहले पवन काजल (Pawan Kajal Joins BJP) के रूप में पहला कार्यकारी अध्यक्ष भाजपा में शामिल हो गया और अब हर्ष महाजन के तौर पर दूसरा अध्यक्ष भी पाला बदल गया है. विडंबना ये है कि जो कांग्रेस देश में भारत जोड़ो यात्रा निकाल रही है, वो खुद भीतर से टूट रही है.

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