शिमला: हिमाचल में विधानसभा चुनाव से पूर्व कांग्रेस के चर्चित नेता हर्ष महाजन भाजपा में शामिल हुए थे. अब पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने हर्ष महाजन को भाजपा के अहम समूह कोर ग्रुप में सदस्य के तौर पर शामिल किया है. हर्ष महाजन को भाजपा कोर ग्रुप में शामिल करने से जुड़ा पत्र प्रदेश अध्यक्ष राजीव बिंदल ने जारी किया था. सदस्य के तौर पर कोर ग्रुप में नियुक्ति से संबंधित पत्र में लिखा गया है कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के आदेश के अनुसार उन्हें कोर ग्रुप में शामिल किया गया है.
साढ़े चार दशक तक कांग्रेस में सक्रिय रहे चंबा जिला से संबंधित हर्ष महाजन को इस अहम पद पर नियुक्ति देने से प्रदेश की राजनीति में हलचल मच गई है. सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि भाजपा में कोर ग्रुप ही सभी बड़े फैसले लेता है. ऐसे में कोर ग्रुप पार्टी की सुप्रीम बॉडी भी कही जाती है. सवाल ये है कि भाजपा के लिए निरंतर काम करने वाले नेताओं की जगह इस ग्रुप में कांग्रेस से आए हर्ष महाजन को क्यों शामिल किया गया है ?
इसका जवाब तलाशने से पहले ये दर्ज करना जरूरी है कि हर्ष महाजन कांग्रेस दिग्गज और पूर्व सीएम स्व. वीरभद्र सिंह के करीबी रहे हैं. विधानसभा चुनाव से पूर्व जब हर्ष भाजपा में आए थे तो, ये कहा जा रहा था कि चंबा जिला में भाजपा मजबूत होगी. साथ ही ये भी माना जा रहा था कि चूंकि हर्ष महाजन कांग्रेस की रणनीति तैयार करने वालों में अहम स्थान रखते थे, लिहाजा भाजपा को उनके आने से लाभ होगा. इसका परिणाम क्या निकला ये अलग बात है, लेकिन हर्ष महाजन को अब कोर ग्रुप में सदस्य के तौर पर शामिल करना सबको चौंका रहा है.
सियासत में रुचि रखने वाले मानते हैं कि भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व में ये फैसला सोच-समझ कर लिया है. जेपी नड्डा ने इस फैसले से पहले शीर्ष के नेताओं से चर्चा की होगी. पार्टी में ऊंचे स्तर पर ये माना गया होगा कि अभी भी हिमाचल में हर्ष महाजन भाजपा के लिए तुरुप का इक्का साबित हो सकते हैं. लिहाजा, उन्हें कोर ग्रुप में शामिल किया जाना चाहिए. ये अलग बात है कि अंदर खाने भाजपा में इस फैसले से कई नेता असहज भी हैं. ये भी चर्चा चल रही है कि हर्ष महाजन को आने वाले लोकसभा चुनाव में कांगड़ा से प्रत्याशी बनाया जा सकता है.
हिमाचल की राजनीति को करीब से देख रहे वरिष्ठ मीडिया कर्मी उदय सिंह मानते हैं कि हर्ष की नियुक्ति के कई अर्थ हैं. हर्ष महाजन पूर्व में वीरभद्र सिंह के करीबी रहे हैं. इस समय हिमाचल में कांग्रेस सुखविंदर सिंह सुक्खू के इर्द-गिर्द घूम रही है. भविष्य में कुछ नई संभावनाएं बनीं तो हर्ष महाजन भाजपा के लिए एसेट साबित होंगे. तर्क चाहे कोई भी हो, लेकिन ये तय है कि हर्ष महाजन की नियुक्ति के पीछे भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व ने जरूर कोई बड़ी बात जहन में रखी है.
कोर ग्रुप जैसी बॉडी में कांग्रेस से आए नेता को शामिल करना कोई अचानक से लिया गया फैसला नहीं हो सकता है. चूंकि हर्ष महाजन की नियुक्ति से जुड़े पत्र में जेपी नड्डा के आदेश वाली बात लिखी गई है, लिहाजा ये साबित होता है कि पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व ने सोच-समझकर ही ये फैसला लिया है. साथ ही ये भी तय है कि हर्ष महाजन को किसी बड़ी रणनीति मुहिम में जोड़ा जाएगा.
यहां बता दें कि 2022 विधानसभा चुनाव से ऐन पहले हर्ष महाजन ने कांग्रेस छोड़ दी थी और दिल्ली में भाजपा का दामन थाम लिया था. उन्होंने विधानसभा चुनाव में चंबा जिला में और जिला से बाहर भी भाजपा के लिए प्रचार किया, लेकिन उसका कोई खास लाभ भाजपा को नहीं मिला था. खैर, अब सभी की नजरें भाजपा कोर ग्रुप में होने वाले फैसलों पर लग गई हैं.
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