शिमला: कर्ज के बोझ तले डूबी और आर्थिक संकट से घिरी हिमाचल सरकार को जीएसटी यानी वस्तु एवं सेवा कर के संग्रह में बढ़ोतरी से राहत मिल रही है. हिमाचल सरकार को इस वित्त वर्ष में अभी तक यानी फरवरी माह के अंत तक जीएसटी संग्रह से 4933 करोड़ रुपए हासिल हुए हैं. राज्य में इस वित्त वर्ष में 5130 करोड़ रुपए से अधिक का जीएसटी जुटाने का लक्ष्य तय किया है. अभी तक की संग्रह की रफ्तार से ये आसार हैं कि 5130 करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य पूरा हो जाएगा.
अकेले फरवरी महीने में ही हिमाचल प्रदेश स्टेट टैक्स एंड एक्साइज डिपार्टमेंट ने 377 करोड़ रुपए जुटाए हैं. ये पिछले महीने के मुकाबले 25 प्रतिशत अधिक है. हिमाचल प्रदेश स्टेट टैक्स एंड एक्साइज कमिश्नर युनूस के अनुसार 25 फीसदी बढ़ोतरी के साथ फरवरी माह तक विभाग ने 4933 करोड़ रुपए का जीएसटी संग्रह किया है. यदि अभी तक के आंकड़े देखे जाएं तो पिछले वित्त वर्ष में इसी अवधि के मुकाबले इस वित्त वर्ष में जीएसटी संग्रह में 21 फीसदी बढ़ोतरी हुई है. यानी पिछले साल फरवरी महीने तक के आंकड़ों के मुकाबले इस वित्त वर्ष में फरवरी तक 21 प्रतिशत बढ़ोतरी दर्ज की गई है.
हिमाचल में अब तक का सबसे अधिक जीएसटी कलेक्शन अप्रैल 2022 में रहा था. तब राज्य सरकार को 497 करोड़ रुपए जीएसटी कलेक्शन से मिले थे. वस्तु एवं सेवा कर आयुक्त युनूस के अनुसार विभाग ने टैक्स अधिकारियों के प्रशिक्षण की विशेष व्यवस्था की है. हाल ही में विभाग ने 450 टैक्स अधिकारियों को ट्रेनिंग दी है. उन्होंने कहा कि विभाग ने वर्तमान वित्त वर्ष में 12 लाख ई-वे बिल सत्यापित किए हैं. युनूस के अनुसार नियमित आधार पर की गई जांच में ई-वे बिलों की अवमानना पर संबंधित दोषियों से विभाग ने 8.18 करोड़ रुपए वसूल किए हैं.
स्टेट टैक्स एंड एक्साइज कमिश्नर युनूस ने कहा कि रिटर्न फाइलिंग में निरंतर सुधार, रिटर्न की समय पर छंटनी, जीएसटी ऑडिट को समयबद्ध तरीके से पूरा करने और विजिलेंट होकर काम करने पर ध्यान दिया जा रहा है. उल्लेखनीय है कि हिमाचल में राज्य सरकार बेशक जीएसटी संग्रह में बढ़ोतरी करने में सफल हुए है, लेकिन केंद्र से जीएसटी कंपनसेशन जून 2022 से मिलना बंद हो गई है. इससे मौजूदा वित्त वर्ष में सरकार को 558.37 करोड़ रुपए का नुकसान होगा. यदि ये राशि भी मिल जाती तो राज्य को और लाभ होता.
ये भी पढ़ें: हिमाचल में विभिन्न विभागों में पदों को भरने को मंजूरी, जानें सुक्खू कैबिनेट के कई अहम फैसले