शिमला: हिमाचल में आर्थिक संकट से घिरी सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार ने प्रदेश में आय बढ़ाने के लिए सर्किट हाउस और रेस्ट हाउस मंहगे कर दिए हैं. सरकार ने इनके रेंट में दो से तीन गुणा बढ़ोतरी की है. इसका असर कर्मचारियों पर भी पड़ रहा था. ऐसे में अब सरकार ने कर्मचारियों को इसका रीइंबर्समेंट करने का फैसला लिया है. वे कर्मचारी जो ड्यूटी के दौरान रेस्टहाउस या सर्किट हाउस में ठहरेंगे, उनको इसका रेंट के बराबर का पैसा वापस मिलेगा.
कर्मचारियों का सर्किट-रेस्ट हाउस का रेंट होगा रीइंबर्स: हिमाचल के कर्मचारियों के लिए यह राहत भरी खबर है. वे कर्मचारी जो ऑन ड्यूटी सर्किट हाउस या गेस्ट हाउस में ठहरेंगे, उनको इसके रेंट के बराबर की राशि रीइंबर्समेंट की जाएगी. सरकार ने इस बारे में नोटिफिकेशन भी जारी की है. इसके मुताबिक अब ऑन ड्यूटी इनमें ठहरने वाले कर्मचारियों को रेंट रीइंबर्स किया जाएगा. इसके लिए इन कर्मचारियों को सेल्फ डिक्लेरेशन देनी होगी. सभी सर्किट हाउस और रेस्ट हाउस का इन कर्मचारियों को ठहरने का रिकार्ड रखना होगा.
कर्मचारियों के लिए राहत: सरकार के इस फैसले से कर्मचारियों ने राहत की सांस ली है, क्योंकि कर्मचारी और अधिकारी अक्सर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में ड्यूटियां देने के लिए एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाते हैं. ऐसे में उनको सरकारी सर्किट हाउस और रेस्टहाउस में ठहरना होता है. हालांकि पहले इनका रेंट कम था, जिससे कर्मचारियों को मिलने वाले दैनिक भत्ते से इसकी भरपाई हो जाती थी, लेकिन रेंट बढ़ाने से कर्मचारियों की मुश्किलें बढ़ गई थीं. इसके बाद अब सरकार ने कर्मचारियों को रूम रेंट रीइंबर्समेंट करने का फैसला लिया है.
सरकार ने दो से तीन गुणा बढ़ाया रेंट: प्रदेश सरकार ने सभी सर्किट हाउस और रेस्ट हाउस का रेंट हाल ही में बढ़ाया है. सरकार ने सर्किट हाउस में ठहरने के लिए 600 रुपए, जबकि रेस्ट हाउस में 500 रुपए रूम रेंट फिक्स किया है. इस तरह सभी हिमाचलियों को अब सर्किट हाउस में ठहरने के लिए प्रतिदिन 600 रुपए व रेस्ट हाउस के लिए 500 रुपए देने पड़ रहे हैं.
इन्हें देना होगा तीन गुणा रेंट: मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष, विधानसभा उपाध्यक्ष, मंत्री, हाईकोर्ट के न्यायाधीशों, सांसद, विधायक, निगम-बोर्ड के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष को सर्किट हाउस में 600 रुपए और रेस्ट हाउस में ठहरने के लिए 500 रुपए देने होंगे. इसी तरह गवर्नमेंट ऑफिसर व कर्मचारियों, पूर्व सीएम, पूर्व मंत्री, हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश, पूर्व एमएलए, निगम-बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष उपाध्यक्ष को भी 500 और 600 रुपए रेंट ही देना होगा. इस कैटेगरी के परिवार के सदस्यों से भी यही रेंट लिया जाएगा. इसके साथ ही राष्ट्रीय समाचार पत्रों के संपादक व प्रदेश सरकार की ओर से मान्यता प्राप्त पत्रकारों नगर निकायों के प्रतिनिधियों और पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों से यही रेंट लिया जाएगा. हालांकि गैर हिमाचलियों को इनमें रहने के लिए 1,100 रुपए का रेंट तय किया गया है. इससे पहले सरकारी सर्किट हाउस और रेस्ट हाउस में कम रेंट था. अधिकांश में रेस्ट हाउस रेंट 150 से 180 रुपए था. सर्किट हाउस में भी 200 से लेकर 400 रुपए तक रेंट था.
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