शिमला: जापान के टोक्यो में पैरालंपिक खेलों में ऊंची कूद में भारत को रजत पदक दिलाने वाले ऊना के निषाद कुमार को सरकार की ओर से एक करोड़ रुपए दिए जाने की घोषणा का उमंग फाउंडेशन ने स्वागत किया है. उमंग फाउंडेशन का कहना है कि इससे दिव्यांग खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ेगा, लेकिन सरकार को दिव्यांग खिलाड़ियों की कोचिंग एवं अन्य सुविधाओं पर भी ध्यान देना चाहिए.
हिमाचल प्रदेश राज्य विकलांगता सलाहकार बोर्ड के विशेषज्ञ सदस्य और उमंग फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रो. अजय श्रीवास्तव ने कहा कि मुख्यमंत्री ने एक नई शुरुआत की है. अभी तक सरकारी योजनाओं में दिव्यांग खिलाड़ियों को प्रोत्साहन राशि देने का कोई प्रावधान ही नहीं है. प्रस्तावित प्रदेश खेल नीति में इसे शामिल किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि प्रदेश में दिव्यांगता के क्षेत्र में बहुत कुछ किए जाने की जरूरत है. अभी स्कूल और कॉलेज स्तर पर दिव्यांग विद्यार्थियों को पढ़ाई की बुनियादी सुविधाएं ही नहीं दी जा रही हैं. उन्हें खेलों के लिए प्रोत्साहन और सुविधाएं देना तो एक सपना है.
बता दें कि हिमाचल के निषाद कुमार ने रजत पदक जीतकर इस ओर समाज और सरकार का ध्यान खींचा है. प्रदेश में अनेक दिव्यांग खिलाड़ी हैं जो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतियोगिताओं में अपना लोहा मनवाते रहे हैं, लेकिन सरकारी तंत्र उन्हें हमेशा उपेक्षित करता रहा है. प्रो. श्रीवास्तव ने कहा कि मुख्यमंत्री ने निषाद को एक करोड़ रुपए देने का फैसला करके बहुत बड़ा कदम उठाया है.
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