शिमला: हिमाचल के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने भारतीय उन्नत अध्ययन संस्थान (आईआईएएस) शिमला की अकादमिक और अनुसंधान उपलब्धियों के साथ अपनी एक अलग पहचान बनाने के लिए उसकी सराहना की. शुक्ला ने कहा किसी भी संस्था की असली पहचान न तो उसकी इमारत होती है और न ही उसकी दीवारें, बल्कि उसके काम होते हैं.
आईआईएएस के साथियों को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा यह संस्थान भारत में ज्ञान और सीखने की प्राचीन परंपरा को बहाल करने के पूर्व राष्ट्रपति डॉ एस राधाकृष्णन के सपने को साकार कर रहा है.
राज्यपाल ने कहा यह हमारे देश पर गर्व करने का अवसर प्रदान कर रहा है. लंबे समय से विषय अनुसंधान और महत्वपूर्ण सोच को बढ़ावा देने में सबसे आगे रहा है और नवाचार के लिए उत्प्रेरक रहा है. उन्होंने कहा संस्थान मानविकी और सामाजिक विज्ञान में गहन सैद्धांतिक शोध के लिए समर्पित है.
राज्यपाल शुकला ने कहा संस्थान ने बौद्धिक जिज्ञासा और अकादमिक जांच की भावना को बढ़ावा दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अनुसंधान को बढ़ावा देने के सपने को साकार करने की दिशा में सक्रिय रूप से काम कर रहा है. उन्होंने कहा लगभग दो लाख प्रतिष्ठित विद्वानों द्वारा पुस्तकों से सुसज्जित संस्थान का पुस्तकालय एक खजाना है.
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