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स्वयं सहायता समूह 'मेरा गांव-मेरा समाज' की भावना से करें काम: राज्यपाल

अंतरराष्ट्रीय सहकारिता दिवस के मौके पर स्वयं सहायता समूहों के कर्मचारी प्रदेश के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय से मिलने पहुंचे. इस दौरान राज्यपाल ने उन्हें कई टिप्स भी दिए. जिसकी मदद से वह आत्मनिर्भर भारत में अपना योगदान दे सकें.

Governor gave tips to self-help groups on International Cooperative Day
राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय
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Published : Jul 5, 2020, 7:45 AM IST

शिमला: अंतरराष्ट्रीय सहकारिता दिवस पर प्रदेश के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने सहायता समूह के सदस्यों, ग्रामीण विकास विभाग और सहकारिता विभाग के कर्मचारियों के साथ बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूहों और संयुक्त देनदारी समूहों को अपने उत्पादों की ब्रांडिंग के लिए काम करना चाहिए, जिससे भारत को आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलेगी.

राज्यपाल ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत का उद्देश्य लोकल फॉर वोकल बनना है. इसके तहत स्थानीय उत्पादों को दुनिया में पहचान दिलाने के लिए उन्हें ब्रांड की तरह प्रोत्साहित किया जाना चाहिए. मांग के अनुसार उत्पादन पर बल देते हुए राज्यपाल ने कहा कि जब उत्पादन मांग के अनुसार होगा तो आपूर्ति भी मांग के मुताबिक ही होगी. उन्होंने संबंधित विभागों और स्वयं सहायता समूह को इस दिशा में आपसी तालमेल बनाकर काम करने के निर्देश दिए.

Governor gave tips to self-help groups on International Cooperative Day
स्वयं सहायता समूहों से मिलते राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय

राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने स्वयं सहायता समूहों को स्थानीय उत्पादों के विक्रय के लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण देने की बात कही. उन्होंने कहा कि ऐसे समूह को नाबार्ड और खादी ग्रामोद्योग के द्वारा अधिक वित्तीय सहायता प्रदान की जानी चाहिए. राज्यपाल ने समूहों के सदस्यों से सोशल नेटवर्क का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग करने का भी आग्रह किया.

राज्यपाल ने समूहों से संबंधित लोगों को व्यक्तिगत रूप से काम न करते हुए 'मेरा गांव और मेरा समाज' की भावना से कार्य करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि संबंधित विभाग को पिछड़ी श्रेणी और जनजातीय क्षेत्र के लोगों के उत्पादों का विपणन करना चाहिए. जिसके लिए उन्हें पर्यटन के क्षेत्रों में मौजूद दुकानों के माध्यम से उत्पादों को बेचने की सम्भावनाएं तलाशनी चाहिए.

राज्यपाल ने कहा कि मौजूदा वक्त में जैविक उत्पादों की मांग काफी ज्यादा है. जिसके लिए परिवहन सुविधा और विपणन के लिए मुख्य स्थानों पर दुकाने भी उपलब्ध करवाई जा सकती हैं. उन्होंने कुटीर उद्योगों के श्रमिकों को खादी और ग्रामीण उद्योगों के साथ जोड़ने पर भी बल दिया.

राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने सम्बन्धित विभागों को अधिक से अधिक प्रस्ताव और परियोजना रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए ताकि इन समूह को अधिक से अधिक अनुदान प्राप्त हो सके. उन्होंने विभिन्न स्वयं सहायता समूह द्वारा कोरोना महामारी के दौरान 18 लाख से अधिक मास्क तैयार करने पर खुशी व्यक्त की. वहीं, राज्यपाल से मिलने पहुंचे समूह के सदस्यों ने उनसे अपने अनुभव सांझा किए और राज्यपाल को अपनी समस्याओं से भी अवगत करवाया.

ये भी पढ़ें: कोठी की वादियों में पिकनिक मनाने पहुंची कंगना, भांजे संग की खूब मस्ती

शिमला: अंतरराष्ट्रीय सहकारिता दिवस पर प्रदेश के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने सहायता समूह के सदस्यों, ग्रामीण विकास विभाग और सहकारिता विभाग के कर्मचारियों के साथ बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूहों और संयुक्त देनदारी समूहों को अपने उत्पादों की ब्रांडिंग के लिए काम करना चाहिए, जिससे भारत को आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलेगी.

राज्यपाल ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत का उद्देश्य लोकल फॉर वोकल बनना है. इसके तहत स्थानीय उत्पादों को दुनिया में पहचान दिलाने के लिए उन्हें ब्रांड की तरह प्रोत्साहित किया जाना चाहिए. मांग के अनुसार उत्पादन पर बल देते हुए राज्यपाल ने कहा कि जब उत्पादन मांग के अनुसार होगा तो आपूर्ति भी मांग के मुताबिक ही होगी. उन्होंने संबंधित विभागों और स्वयं सहायता समूह को इस दिशा में आपसी तालमेल बनाकर काम करने के निर्देश दिए.

Governor gave tips to self-help groups on International Cooperative Day
स्वयं सहायता समूहों से मिलते राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय

राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने स्वयं सहायता समूहों को स्थानीय उत्पादों के विक्रय के लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण देने की बात कही. उन्होंने कहा कि ऐसे समूह को नाबार्ड और खादी ग्रामोद्योग के द्वारा अधिक वित्तीय सहायता प्रदान की जानी चाहिए. राज्यपाल ने समूहों के सदस्यों से सोशल नेटवर्क का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग करने का भी आग्रह किया.

राज्यपाल ने समूहों से संबंधित लोगों को व्यक्तिगत रूप से काम न करते हुए 'मेरा गांव और मेरा समाज' की भावना से कार्य करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि संबंधित विभाग को पिछड़ी श्रेणी और जनजातीय क्षेत्र के लोगों के उत्पादों का विपणन करना चाहिए. जिसके लिए उन्हें पर्यटन के क्षेत्रों में मौजूद दुकानों के माध्यम से उत्पादों को बेचने की सम्भावनाएं तलाशनी चाहिए.

राज्यपाल ने कहा कि मौजूदा वक्त में जैविक उत्पादों की मांग काफी ज्यादा है. जिसके लिए परिवहन सुविधा और विपणन के लिए मुख्य स्थानों पर दुकाने भी उपलब्ध करवाई जा सकती हैं. उन्होंने कुटीर उद्योगों के श्रमिकों को खादी और ग्रामीण उद्योगों के साथ जोड़ने पर भी बल दिया.

राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने सम्बन्धित विभागों को अधिक से अधिक प्रस्ताव और परियोजना रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए ताकि इन समूह को अधिक से अधिक अनुदान प्राप्त हो सके. उन्होंने विभिन्न स्वयं सहायता समूह द्वारा कोरोना महामारी के दौरान 18 लाख से अधिक मास्क तैयार करने पर खुशी व्यक्त की. वहीं, राज्यपाल से मिलने पहुंचे समूह के सदस्यों ने उनसे अपने अनुभव सांझा किए और राज्यपाल को अपनी समस्याओं से भी अवगत करवाया.

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