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राज्यपाल ने की HPU वार्षिक कोर्ट मीटिंग की अध्यक्षता, विश्वविद्यालय को अपनी आय बढ़ाने की दी सलाह - एचपी यूनिवर्सिटी प्रेजेंट पास्ट एंड फ्यूचर

HPU में बुधवार को 32 वें वार्षिक कोर्ट की बैठक का आयोजन किया गया. बैठक में राज्यपाल ने विश्वविद्यालय के 50 वर्ष पूरे होने पर एचपी यूनिवर्सिटी प्रेजेंट पास्ट एंड फ्यूचर नामक वृतचित्र का विमोचन किया. इस अवसर पर कुलपति प्रोफेसर सिकंदर कुमार ने राज्यपाल का स्वागत किया और पिछले वर्ष की गतिविधियों की विस्तृत रिपोर्ट भी प्रस्तुत की.

governor at HPU shimla
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Published : Feb 17, 2021, 10:45 PM IST

शिमला: HPU में बुधवार को 32 वें वार्षिक कोर्ट की बैठक का आयोजन किया गया. इस बैठक की अध्यक्षता राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने की. बैठक में राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने वर्ष 2016 -17 के वार्षिक खातों और वर्ष 2018-19 की वार्षिक रिपोर्ट को भी मंजूरी दी.

वृतचित्र का किया विमोचन

बैठक में राज्यपाल ने विश्वविद्यालय के 50 वर्ष पूरे होने पर एचपी यूनिवर्सिटी प्रेजेंट पास्ट एंड फ्यूचर नामक वृतचित्र का विमोचन किया. इस अवसर पर कुलपति प्रोफेसर सिकंदर कुमार ने राज्यपाल का स्वागत किया और पिछले वर्ष की गतिविधियों की विस्तृत रिपोर्ट भी प्रस्तुत की. उन्होंने विश्वविद्यालय की उपलब्धियों से भी राज्यपाल को अवगत करवाया. वहीं, विश्वविद्यालय कोर्ट की बैठक में आने से पहले छात्र संगठनों ने अपनी मांगों को लेकर राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा, जिन पर राज्यपाल ने छात्रों को आश्वासन दिया कि उनकी मांगों को जल्द से जल्द पूरा किया जाएगा.

चुनौतियों का सामना करें युवा

राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने छात्रों की शैक्षणिक आवश्यकताओं की पूर्ति को सुनिश्चित करने के लिए विश्वविद्यालय के अधिकारियों के साथ चर्चा की और वर्तमान की चुनौतियों का सामना करने के लिए युवाओं में साहस और क्षमता का निर्माण करने की बात कही. इस दौरान बैठक में बहुत से कोर्ट सदस्य अनुपस्थित भी रहे, जिस पर राज्यपाल ने नाराजगी भी व्यक्त की और कहा कि आगामी बैठक में इस तरह की बात ना दोहराई जाए. राज्यपाल ने अगली बैठक में सभी सदस्यों को उपस्थित होने के आदेश दिए. राज्यपाल ने इस तरह के सदस्यों को जबावदेही और जिम्मेदारी बढ़ाने के भी निर्देश जारी किए.

'पारदर्शिता और आय बढ़ाएं'

राज्यपाल ने HPU की आंतरिक प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग किए जाने की सलाह इस बैठक में दी. साथ ही वार्षिक लेखा और वार्षिक रिपोर्ट को समयबद्ध तरीके से तैयार करने की आवश्यकता पर भी बल दिया.

राज्यपाल ने विश्वविद्यालय के खर्चों के मुकाबले आय के कम होने पर भी चिंता जाहिर की और विश्वविद्यालय को अपनी आय बढ़ाने और अनुसंधान और विकास पर जोर देने को कहा. राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय की कुल आय की तुलना में खर्चा बहुत अधिक है जिसका असर अनुसंधान, नवाचार और नई परियोजनाओं पर पड़ता है.

पढ़ें: लाहौल-स्पीति में भी स्विट्जरलैंड की तर्ज पर होगा विंटर कार्निवल, सुविधाएं जुटाने में जुटी सरकार

शिमला: HPU में बुधवार को 32 वें वार्षिक कोर्ट की बैठक का आयोजन किया गया. इस बैठक की अध्यक्षता राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने की. बैठक में राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने वर्ष 2016 -17 के वार्षिक खातों और वर्ष 2018-19 की वार्षिक रिपोर्ट को भी मंजूरी दी.

वृतचित्र का किया विमोचन

बैठक में राज्यपाल ने विश्वविद्यालय के 50 वर्ष पूरे होने पर एचपी यूनिवर्सिटी प्रेजेंट पास्ट एंड फ्यूचर नामक वृतचित्र का विमोचन किया. इस अवसर पर कुलपति प्रोफेसर सिकंदर कुमार ने राज्यपाल का स्वागत किया और पिछले वर्ष की गतिविधियों की विस्तृत रिपोर्ट भी प्रस्तुत की. उन्होंने विश्वविद्यालय की उपलब्धियों से भी राज्यपाल को अवगत करवाया. वहीं, विश्वविद्यालय कोर्ट की बैठक में आने से पहले छात्र संगठनों ने अपनी मांगों को लेकर राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा, जिन पर राज्यपाल ने छात्रों को आश्वासन दिया कि उनकी मांगों को जल्द से जल्द पूरा किया जाएगा.

चुनौतियों का सामना करें युवा

राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने छात्रों की शैक्षणिक आवश्यकताओं की पूर्ति को सुनिश्चित करने के लिए विश्वविद्यालय के अधिकारियों के साथ चर्चा की और वर्तमान की चुनौतियों का सामना करने के लिए युवाओं में साहस और क्षमता का निर्माण करने की बात कही. इस दौरान बैठक में बहुत से कोर्ट सदस्य अनुपस्थित भी रहे, जिस पर राज्यपाल ने नाराजगी भी व्यक्त की और कहा कि आगामी बैठक में इस तरह की बात ना दोहराई जाए. राज्यपाल ने अगली बैठक में सभी सदस्यों को उपस्थित होने के आदेश दिए. राज्यपाल ने इस तरह के सदस्यों को जबावदेही और जिम्मेदारी बढ़ाने के भी निर्देश जारी किए.

'पारदर्शिता और आय बढ़ाएं'

राज्यपाल ने HPU की आंतरिक प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग किए जाने की सलाह इस बैठक में दी. साथ ही वार्षिक लेखा और वार्षिक रिपोर्ट को समयबद्ध तरीके से तैयार करने की आवश्यकता पर भी बल दिया.

राज्यपाल ने विश्वविद्यालय के खर्चों के मुकाबले आय के कम होने पर भी चिंता जाहिर की और विश्वविद्यालय को अपनी आय बढ़ाने और अनुसंधान और विकास पर जोर देने को कहा. राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय की कुल आय की तुलना में खर्चा बहुत अधिक है जिसका असर अनुसंधान, नवाचार और नई परियोजनाओं पर पड़ता है.

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