शिमला: राज्य के विभिन्न जलाशयों में फ्लोटिंग (तैरते) सोलर पावर प्लांट स्थापित करने और ग्राउंड माउंटेड सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित करने की संभावनाएं तलाशी जाएंगी. यह काम ऑयल इंडिया लिमिटेड (ओआईएल) करेगी. राज्य में नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों (एनआरईएस) के दोहन और विकास में सहयोग की रूपरेखा स्थापित करने के लिए प्रदेश सरकार और ऑयल इंडिया लिमिटेड (ओआईएल) के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की उपस्थिति में निदेशक ऊर्जा हरिकेश मीणा ने राज्य सरकार की ओर से और निदेशक (संचालन) पंकज कुमार गोस्वामी ने कंपनी की ओर से समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए.
इस अवसर पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने कहा कि कंपनी द्वारा राज्य के विभिन्न जलाशयों में फ्लोटिंग (तैरते) सोलर पावर प्लांट स्थापित करने और ग्राउंड माउंटेड सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित करने की संभावनाएं तलाशी जाएंगी. उन्होंने कहा कि ओआईएल पायलट आधार पर ग्रीन हाइड्रोजन और ग्रीन अमोनिया के उत्पादन के लिए एक संयंत्र भी स्थापित कर सकता है. उन्होंने कहा कि हिमाचल में ग्रीन एनर्जी उत्पादन की अधिकता के साथ हरित हाइड्रोजन के उत्पादन के अपार अवसर मौजूद है और सरकार ने इस क्षमता का दोहन करने के लिए अनेक कदम उठाए हैं.
एक माह बाद समीक्षा बैठक करेगी सरकारमुख्यमंत्री ने कंपनी के अधिकारियों को अगले सप्ताह विशेषज्ञों की एक टीम भेजकर इन परियोजनाओं को लागू करने के लिए स्थलों का निरीक्षण करने को कहा. उन्होंने कहा कि प्रस्तावित परियोजनाओं की प्रगति पर चर्चा के लिए 26 मई को एक समीक्षा बैठक आयोजित की जाएगी. उन्होंने कंपनी से यह परियोजनाएं स्थापित करने में अनावश्यक देरी से बचने को कहा. उन्होंने कहा कि यह समझौता 31 मार्च, 2026 तक हिमाचल को भारत का पहला ग्रीन स्टेट बनाने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा.
सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार और ऑयल इंडिया लिमिटेड के बीच सहयोग से सौर ऊर्जा, ग्रीन हाइड्रोजन, संपीड़ित (कम्प्रैस्ड) बायो-गैस, भूतापीय ऊर्जा और पवन ऊर्जा सहित विभिन्न नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत (एनआरईएस) प्रौद्योगिकी को विकसित करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि यह साझेदारी राज्य में नई परियोजनाओं की स्थापना में भी मदद करेगी और इससे रोजगार के अवसर सृजित होंगे और क्षेत्र के समग्र आर्थिक विकास में बहुमूल्य योगदान मिलेगा.
मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि यह समझौता ज्ञापन राज्य के ऊर्जा क्षेत्र के विकास को विशेष तौर पर बढ़ावा देगा और राज्य के ऊर्जा लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहायक होगा. उन्होंने एक स्वच्छ और ग्रीन स्टेट की स्थापना में सरकार के दृष्टिकोण का समर्थन करने के लिए ऑयल इंडिया लिमिटेड के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि यह साझेदारी आपसी सहयोग की दृष्टि से एक बेहतर अवसर है. इससे राज्य में नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा प्रौद्योगिकी को लागू करने, अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने और एक स्थायी और लचीली ऊर्जा प्रणाली बनाने में सहायता मिलेगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह समझौता हिमाचल में सतत विकास को बढ़ावा देने और इसे देश का पहला हरित ऊर्जा राज्य बनाने के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. यह प्रदेश के विकास और प्रगति का मार्ग प्रशस्त करेगा. इस अवसर पर उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान, मुख्य संसदीय सचिव सुंदर सिंह ठाकुर, ऑयल इंडिया लिमिटेड के मुख्य प्रबंध निदेशक डॉ. रंजीत रथ, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार राम सुभग सिंह, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा, सचिव एमपीपी एंड पावर राजीव शर्मा, मुख्यमंत्री के ओएसडी गोपाल शर्मा, निदेशक कार्मिक एवं वित्त, एचपीपीसीएल डॉ. अमित कुमार शर्मा, सीईओ हिमऊर्जा शुभ करण सिंह और ऑयल इंडिया लिमिटेड के अन्य अधिकारी उपस्थित रहे.
Read Also- नगर निगम शिमला के चुनाव लड़ रहे 22 प्रत्याशी करोड़पति, सिमी नंदा सबसे अमीर प्रत्याशी