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शिक्षा निदेशालय में तैनात शिक्षकों की सरकार ने मांगी रिपोर्ट, स्कूल-कॉलेजों में होगी वापिसी

हिमाचल प्रदेश उच्च और प्रारंभिक शिक्षा निदेशालयों में अब शिक्षक सेवाएं नही दे पाएंगे. शिक्षकों को अब स्कूलों और कॉलेजों में पढ़ना होगा. राजनीतिक पहुंच के चलते शिक्षकों ने अपने लिए ऐसे पद सृजित करवा लिए हैं. अब शिक्षा विभाग ऐसे शिक्षकों को वापस भेजने की तैयारी में है. इसके बावजूद कई शिक्षकों ने स्कूल और कॉलेजों में सेवाएं देने की जगह निदेशालय में नियुक्ति ली हुई है.

शिक्षा निदेशालय
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Published : Dec 23, 2020, 9:40 AM IST

Updated : Dec 23, 2020, 10:19 AM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश उच्च और प्रारंभिक शिक्षा निदेशालयों में अब शिक्षक सेवाएं नही दे पाएंगे. शिक्षकों को अब स्कूलों और कॉलेजों में पढ़ना होगा. सरकार ने दोनों शिक्षा निदेशालयों के शिक्षकों का रिकॉर्ड तलब किया है, जो निदेशालय में सेवाएं दे रहे है. शिक्षा निदेशालय में लंबे समय से ओएसडी और अन्य पदों पर करीब 50 शिक्षक नियुक्त हैं.

ओएसडी का पद नहीं सृजित

निदेशालय में नियमों के अनुसार ओएसडी का पद सृजित ही नहीं है. राजनीतिक पहुंच के चलते शिक्षकों ने अपने लिए ऐसे पद सृजित करवा लिए हैं. अब शिक्षा विभाग ऐसे शिक्षकों को वापस भेजने की तैयारी में है. स्कूल से लेकर कॉलेज स्तर के शिक्षक प्रतिनियुक्ति पर सेवाएं दे रहे हैं. प्रतिनियुक्ति पर डटे इन शिक्षकों में कई प्रधानाचार्य, टीजीटी, लेक्चरर हैं.

छात्रों की पढ़ाई हुई प्रभावित

शिक्षा सचिव की ओर से दोनों शिक्षा निदेशकों को इस बाबत पत्र जारी किया गया है. प्रदेश के सरकारी स्कूलों और कॉलेजों में शिक्षकों के कई पद खाली पड़े हुए रिक्त हैं. शिक्षकों की कमी के चलते छात्रों की पढ़ाई प्रभावित होती रही है. इसके बावजूद कई शिक्षकों ने स्कूल और कॉलेजों में सेवाएं देने की जगह निदेशालय में नियुक्ति ली हुई है.

गैर शिक्षक कर्मचारी कर रहे विरोध

इन शिक्षकों को निदेशालय में नियुक्ति देने के लिए ओएसडी सहित कई अन्य नए पद सृजित किए गए हैं. वहीं, गैर शिक्षक कर्मचारी इसका विरोध कर रहे थे, जिसके बाद अब सरकार ने ऐसे शिक्षकों की सूची तलब की है जोकि स्कूलों में पढ़ने के बाजय निदेशालय में लंबे समय से डटे हुए है.

शिमला: हिमाचल प्रदेश उच्च और प्रारंभिक शिक्षा निदेशालयों में अब शिक्षक सेवाएं नही दे पाएंगे. शिक्षकों को अब स्कूलों और कॉलेजों में पढ़ना होगा. सरकार ने दोनों शिक्षा निदेशालयों के शिक्षकों का रिकॉर्ड तलब किया है, जो निदेशालय में सेवाएं दे रहे है. शिक्षा निदेशालय में लंबे समय से ओएसडी और अन्य पदों पर करीब 50 शिक्षक नियुक्त हैं.

ओएसडी का पद नहीं सृजित

निदेशालय में नियमों के अनुसार ओएसडी का पद सृजित ही नहीं है. राजनीतिक पहुंच के चलते शिक्षकों ने अपने लिए ऐसे पद सृजित करवा लिए हैं. अब शिक्षा विभाग ऐसे शिक्षकों को वापस भेजने की तैयारी में है. स्कूल से लेकर कॉलेज स्तर के शिक्षक प्रतिनियुक्ति पर सेवाएं दे रहे हैं. प्रतिनियुक्ति पर डटे इन शिक्षकों में कई प्रधानाचार्य, टीजीटी, लेक्चरर हैं.

छात्रों की पढ़ाई हुई प्रभावित

शिक्षा सचिव की ओर से दोनों शिक्षा निदेशकों को इस बाबत पत्र जारी किया गया है. प्रदेश के सरकारी स्कूलों और कॉलेजों में शिक्षकों के कई पद खाली पड़े हुए रिक्त हैं. शिक्षकों की कमी के चलते छात्रों की पढ़ाई प्रभावित होती रही है. इसके बावजूद कई शिक्षकों ने स्कूल और कॉलेजों में सेवाएं देने की जगह निदेशालय में नियुक्ति ली हुई है.

गैर शिक्षक कर्मचारी कर रहे विरोध

इन शिक्षकों को निदेशालय में नियुक्ति देने के लिए ओएसडी सहित कई अन्य नए पद सृजित किए गए हैं. वहीं, गैर शिक्षक कर्मचारी इसका विरोध कर रहे थे, जिसके बाद अब सरकार ने ऐसे शिक्षकों की सूची तलब की है जोकि स्कूलों में पढ़ने के बाजय निदेशालय में लंबे समय से डटे हुए है.

Last Updated : Dec 23, 2020, 10:19 AM IST
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