शिमला: हिमाचल प्रदेश सरकार ने हड़ताल कर रहे जिला परिषद कैडर 167 जेई (जूनियर इंजीनियर) को टर्मिनेट करने के आदेश जारी किए हैं. पंचायती राज विभाग की ओर से सभी जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को इन कर्मचारियों को टर्मिनेट करने के आदेश दिए. इसके साथ ही इनके स्थान पर आउटसोर्स पर नियुक्तियां करने को भी कहा गया है. प्रदेश सरकार ने हड़ताल कर रहे जिला परिषद कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है, सरकार ने इन कर्मचारियों को नौकरी से निकालने के आदेश जारी किए हैं.
जिला परिषद कैडर के कर्मचारी पिछले 30 सितंबर से हड़ताल पर हैं. सरकार ने इन कर्मचारियों को ड्यूटी ज्वाइन करने के आदेश दिए थे, लेकिन कर्मचारी अपनी मांगों पर अड़े हैं. इसके बाद प्रदेश सरकार ने सभी जिलों से रिपोर्ट मांगी थी कि कितने कर्मचारी हड़ताल पर हैं, सभी जिलों से 18 अक्टूबर तक यह रिपोर्ट मांगी गई, इस रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई कर अब जिला परिषद कैडर के कर्मचारियों को नौकरी से निकालने के आदेश जारी किए गए हैं.सरकार ने कहा है कि कर्मचारियों की हड़ताल से राहत कार्य प्रभावित हो रहे हैं.
पंचायती राज विभाग के निदेशक की ओर से जारी इस बारे में निर्देश जारी किए हैं. कुल 167 जेई को टर्मिनेट करने के आदेश सभी जिला परिषदों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों यानी एडीसी को जारी किए गए हैं, एडीसी को कर्मचारियों की टर्मिनेशन प्रक्रिया पूरी करने के लिए कहा गया है, वहीं इनके स्थान पर आउटसोर्स के आधार पर तकनीकी कर्मचारियों की नियुक्तियां करने को कहा गया है. टर्मिनेशन प्रक्रिया पूरी होने के बाद खाली पड़े पदों को आउटसोर्स के आधार पर भरने के लिए इलेक्ट्रानिक कारपोरेशन के माध्यम से प्रक्रिया शुरू करने को भी कहा गया है.
विभाग में मर्ज करने की कर रहे मांग: जिला परिषद कैडर कर्मचारियों की प्रमुख मांग पंचायती राज विभाग मर्ज करने की है. इसके अलावा इनको सरकार ने अन्य सरकारी कर्मचारियों की तर्ज पर संशोधित वेतनमान भी नहीं दिया है. जिला परिषद कैडर के कर्मचारियों को अभी तक उनके वित्तीय लाभ भी नहीं दिए गए . एक ओर जहां सभी विभागों और अन्य कर्मचारियों को 2016 से छठा वेतनमान दे दिया जा रहा है, वहीं इन कर्मचारियों को पांचवें वेतन आयोग के आधार पर वेतन जारी किया जा रहा है.
कर्मचारियों का कहना है कि उनको हर माह हजारों रुपए का नुकसान उठाना पड़ रहा है. यही नहीं इन कर्मचारियों को सरकार ने डीए किस्त भी नहीं दी है जबकि अन्य सरकारी कर्मचारियों को बीते अप्रैल माह में डीए की 3 फीसदी किस्त दी गई थी. अपनी मांगों लेकर जिला परिषद कैडर कर्मचारियों बीते जून माह में एक दिन का सामूहिक अवकाश भी कर चुके हैं और हाल ही में विधानसभा सत्र के दौरान भी इन्होंने शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया था. लेकिन सरकार द्वारा मांगें न मानने पर कर्मचारियों ने हड़ताल करने का फैसला लिया है. इस तरह कर्मचारी 30 सितंबर से हड़ताल पर हैं.