रामपुर: शिमला जिला के रामपुर व आसपास के मध्यवर्ती क्षेत्र में स्टोन फ्रूट चेरी तैयार होने वाली है. यह चेरी एक से दो सप्ताह में मार्केट में दस्तक देने वाली है, लेकिन कोरोना के चलते बागवानों की चिंता बढ़ती जा रही है.
ऐसे में बागवानों का कहना है कि चेरी तैयार होने के कगार पर है, लेकिन उनके पास इसे बेचने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है. चेरी की पैकिंग के लिए उनके पास बॉक्स और मंडियों तक पहुंचाने के लिए वाहनों की व्यवस्था नहीं हैं.
बता दें कि कई बागवानों की आर्थिकी फलों पर ही निर्भर करती है, लेकिन लॉकडाउन के कारण बागवान अपने फलों को मंडियों तक कैसे पहुंचाएंगे. उनकी सालभर की महेनत पर पानी फीरता हुआ नजर आ रहा है.
ऐसे में रामपुर, ननखड़ी व कोटगड़ के बागवानों ने सरकार से मांग की है कि उन्हें चेरी की पैकिंग के लिए बॉक्स मुहैया करवाए जाए और मंडियों तक फलों को भेजने के लिए भी वाहनों की व्यवस्था की जाए.
गौरतलब है कि चेरी के फल को बागवान हिमाचल से लेकर दिल्ली की मंडियों तक पहुंचाते थे, जिसके उन्हें 150 से 300 रुपये तक पर बाक्सा बिकता था. कई खरीदार बागवानों के बगिचों में पहुंच कर चेरी लेते थे, जिससे बागवानों को कोई परेशानी नहीं होती थी.