ETV Bharat / state

Fungal Infection: बरसात में बढ़ा फंगल इंन्फेक्शन का खतरा, IGMC और रिपन अस्पताल में रोजाना आ रहे 60 से ज्यादा मामले - फंगल इन्फेक्शन के कारण

बरसात का मौसम अपने साथ कई बीमारियों को लेकर आता है. बारिश के मौसम में फंगल इंन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है. यह एक संक्रमित रोग है जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है. आईजीएमसी शिमला में ही फंगल इंन्फेक्शन के लगभग 40 मरीज रोजाना आते हैं. (Fungal Infection Cases in Ripon Hospital and IGMC Shimla)

Fungal Infection Cases in Ripon Hospital and IGMC Shimla.
हिमाचल में मानसून में बढ़ रहा फंगल इंन्फेक्शन का खतरा.
author img

By

Published : Jul 16, 2023, 12:46 PM IST

शिमला: बारिश का मौसम हर बार अपने साथ कई तरह की बीमारियां लेकर आता है. बरसात शुरू होते ही जल जनित रोगों के साथ कई अन्य रोग भी सक्रिय हो जाते हैं. उसी तरह आजकल फंगल इन्फेक्शन का खतरा भी बढ़ गया है और अस्पतालों में इसके मामले आने शुरू हो गए हैं. बताया जा रहा है कि आईजीएमसी शिमला और रिपन हॉस्पिटल में फंगल इन्फेक्शन के मरीजों की संख्या बढ़ गई है. पूरे प्रदेश से रोजाना चेकअप के लिए आने वाले 50 से 60 लोगों में फंगल इंफेक्शन पाया जा रहा है. अकेले आईजीएमसी में दिन के इसके 40 मामले आ रहे हैं. इसके अलावा डीडीयू हॉस्पिटल में भी 15 से 20 केस फंगल इन्फेक्शन के पहुंच रहे हैं. यह एक संक्रमित रोग है जो एक व्यक्ति से दूसरे में फैलता है. इसका शिकार हर उम्र के लोग होते हैं.

Fungal Infection in Monsoon.
फंगल इन्फेक्शन के कारण.

फंगल इन्फेक्शन के कारण: बरसात के मौसम में फंगल इन्फेक्शन का खतरा ज्यादा होता है. आईजीएमसी की स्किन एक्सपर्ट शिखा शर्मा ने बताया कि इसके कई कारण हैं जैसे कि, कमजोर इम्यूनिटी सिस्टम के कारण भी फंगल इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है. शरीर में जरूरत से ज्यादा पसीना आने से भी फंगल इन्फेक्शन होता है. फंगस वायरस गर्म और नम टेंपरेचर में ज्यादा बढ़ते हैं, यही कारण है कि पसीने से भीगे हुए या गीले कपड़े पहनने से मना किया जाता है, क्योंकि इससे इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है. वहीं, तंग कपड़े और जूते पहनने से भी फंगल इन्फेक्शन होने का खतरा रहता है.

Fungal Infection in Monsoon.
फंगल इन्फेक्शन के लक्षण.

फंगल इन्फेक्शन के लक्षण: आईजीएमसी की स्किन एक्सपर्ट शिखा शर्मा ने बताया कि फंगल इन्फेक्शन का समय से इलाज होना जरूरी है, वरना समस्या और गंभीर हो जाती है. उन्होंने बताया कि इसके लक्षण दिखते ही व्यक्ति को तुरंत अस्पताल जाना चाहिए. फंगल इन्फेक्शन के लक्षण में सबसे खास हैं, शरीर में त्वचा पर लाल रंग के गोलाकार चकत्ते या निशान पड़ना. त्वचा की खाल उतरने लगना. लाल निशानों की जगह पर दर्द और खुजली होना या फिर स्किन का कुछ हिस्सा सफेद और नरम हो जाना. इसके अलावा कई बार इन्फेक्शन वाली जगह पर पस पड़ने के साथ दाने भी हो जाते हैं.

6 से 8 हफ्तों तक चलता है इलाज: आईजीएमसी शिमला की स्किन एक्सपर्ट शिखा शर्मा बताती हैं कि फंगल इन्फेक्शन का इलाज 6 से 8 हफ्तों तक चलता है. इसमें एंटी फंगल क्रीम, लेप, खाने के लिए दवाइयां और स्किन पर लगाए जाने वाले लोशन दिए जाते हैं. डॉक्टरों की लोगों को सलाह है कि बरसात में कपड़ों को अच्छी तरह से सुखाकर पहनना चाहिए. वहीं, डॉक्टर की सलाह के बगैर कोई भी दवाई न लें, इससे ज्यादा खतरा बढ़ता है, क्योंकि फंगल इंफेक्शन एक ऐसी बीमारी होती है जो पूरे शरीर में फैल सकती है और इससे अन्य बीमारी होने का खतरा भी बना रहता है.

बीच में ट्रीटमेंट छोड़ने से दोबारा होता है इन्फेक्शन: आईजीएमसी शिमला की स्किन एक्सपर्ट शिखा शर्मा ने बताया कि बरसात में स्किन से जुड़ी कई तरह की परेशानियां लोगों को झेलनी पड़ती हैं. आईजीएमसी में रोजाना 40 के करीब लोग इन समस्याओं के आते हैं. उन्होंने कहा कि सभी को सलाह दी जाती है कि शरीर को लेकर कोई लापरवाही न बरतें. छोटी सी अनदेखी बाद में भारी पड़ सकती है. फंगल इंफेक्शन का पूरा ट्रीटमेंट करना जरूरी है. कई लोग बीच में ही उपचार छोड़ देते हैं जिससे यह इंफेक्शन दोबारा हो सकता है.

ये भी पढे़ं: मानसून में रहें फंगल इंफेक्शन से सावधान!

शिमला: बारिश का मौसम हर बार अपने साथ कई तरह की बीमारियां लेकर आता है. बरसात शुरू होते ही जल जनित रोगों के साथ कई अन्य रोग भी सक्रिय हो जाते हैं. उसी तरह आजकल फंगल इन्फेक्शन का खतरा भी बढ़ गया है और अस्पतालों में इसके मामले आने शुरू हो गए हैं. बताया जा रहा है कि आईजीएमसी शिमला और रिपन हॉस्पिटल में फंगल इन्फेक्शन के मरीजों की संख्या बढ़ गई है. पूरे प्रदेश से रोजाना चेकअप के लिए आने वाले 50 से 60 लोगों में फंगल इंफेक्शन पाया जा रहा है. अकेले आईजीएमसी में दिन के इसके 40 मामले आ रहे हैं. इसके अलावा डीडीयू हॉस्पिटल में भी 15 से 20 केस फंगल इन्फेक्शन के पहुंच रहे हैं. यह एक संक्रमित रोग है जो एक व्यक्ति से दूसरे में फैलता है. इसका शिकार हर उम्र के लोग होते हैं.

Fungal Infection in Monsoon.
फंगल इन्फेक्शन के कारण.

फंगल इन्फेक्शन के कारण: बरसात के मौसम में फंगल इन्फेक्शन का खतरा ज्यादा होता है. आईजीएमसी की स्किन एक्सपर्ट शिखा शर्मा ने बताया कि इसके कई कारण हैं जैसे कि, कमजोर इम्यूनिटी सिस्टम के कारण भी फंगल इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है. शरीर में जरूरत से ज्यादा पसीना आने से भी फंगल इन्फेक्शन होता है. फंगस वायरस गर्म और नम टेंपरेचर में ज्यादा बढ़ते हैं, यही कारण है कि पसीने से भीगे हुए या गीले कपड़े पहनने से मना किया जाता है, क्योंकि इससे इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है. वहीं, तंग कपड़े और जूते पहनने से भी फंगल इन्फेक्शन होने का खतरा रहता है.

Fungal Infection in Monsoon.
फंगल इन्फेक्शन के लक्षण.

फंगल इन्फेक्शन के लक्षण: आईजीएमसी की स्किन एक्सपर्ट शिखा शर्मा ने बताया कि फंगल इन्फेक्शन का समय से इलाज होना जरूरी है, वरना समस्या और गंभीर हो जाती है. उन्होंने बताया कि इसके लक्षण दिखते ही व्यक्ति को तुरंत अस्पताल जाना चाहिए. फंगल इन्फेक्शन के लक्षण में सबसे खास हैं, शरीर में त्वचा पर लाल रंग के गोलाकार चकत्ते या निशान पड़ना. त्वचा की खाल उतरने लगना. लाल निशानों की जगह पर दर्द और खुजली होना या फिर स्किन का कुछ हिस्सा सफेद और नरम हो जाना. इसके अलावा कई बार इन्फेक्शन वाली जगह पर पस पड़ने के साथ दाने भी हो जाते हैं.

6 से 8 हफ्तों तक चलता है इलाज: आईजीएमसी शिमला की स्किन एक्सपर्ट शिखा शर्मा बताती हैं कि फंगल इन्फेक्शन का इलाज 6 से 8 हफ्तों तक चलता है. इसमें एंटी फंगल क्रीम, लेप, खाने के लिए दवाइयां और स्किन पर लगाए जाने वाले लोशन दिए जाते हैं. डॉक्टरों की लोगों को सलाह है कि बरसात में कपड़ों को अच्छी तरह से सुखाकर पहनना चाहिए. वहीं, डॉक्टर की सलाह के बगैर कोई भी दवाई न लें, इससे ज्यादा खतरा बढ़ता है, क्योंकि फंगल इंफेक्शन एक ऐसी बीमारी होती है जो पूरे शरीर में फैल सकती है और इससे अन्य बीमारी होने का खतरा भी बना रहता है.

बीच में ट्रीटमेंट छोड़ने से दोबारा होता है इन्फेक्शन: आईजीएमसी शिमला की स्किन एक्सपर्ट शिखा शर्मा ने बताया कि बरसात में स्किन से जुड़ी कई तरह की परेशानियां लोगों को झेलनी पड़ती हैं. आईजीएमसी में रोजाना 40 के करीब लोग इन समस्याओं के आते हैं. उन्होंने कहा कि सभी को सलाह दी जाती है कि शरीर को लेकर कोई लापरवाही न बरतें. छोटी सी अनदेखी बाद में भारी पड़ सकती है. फंगल इंफेक्शन का पूरा ट्रीटमेंट करना जरूरी है. कई लोग बीच में ही उपचार छोड़ देते हैं जिससे यह इंफेक्शन दोबारा हो सकता है.

ये भी पढे़ं: मानसून में रहें फंगल इंफेक्शन से सावधान!

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.