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रि. जस्टिस पीएस राणा बने हिमाचल प्रदेश मनवाधिकार आयोग के अध्यक्ष, राज्यपाल ने लगाई मोहर - Chairman Human Rights Commission

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जस्टिस पीएस राणा को हिमाचल प्रदेश में मनवाधिकार आयोग के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है. साथ ही हिमाचल प्रदेश में मनवाधिकार आयोग के सदस्य के तौर पर सेवानिवृत्त भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी डॉ. अजय भंडारी को नियुक्ति किया गया है. राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय की तरफ से इन दोनों नियुक्तियों पर मोहर भी लगा दी गई है.

Retired Justice PS Rana
जस्टिस पीएस राणा
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Published : Jun 20, 2020, 6:26 PM IST

शिमला: करीब डेढ़ दशक के लंबे अंतराल के बाद राज्य में मनवाधिकार आयोग के अध्यक्ष पद पर हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जस्टिस पीएस राणा की नियुक्ति हुई है. इसी तरह सदस्य के पद पर सेवानिवृत्त भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी डॉ. अजय भंडारी को नियुक्ति दी गई है. साथ ही राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय की तरफ से इन दोनों नियुक्तियों पर मोहर भी लगा दी गई है.

अध्यक्ष व सदस्य की नियुक्तियां 3 साल की अवधि के लिए की गई हैं, लेकिन 70 साल की आयु पूरी होने पर पद से भारमुक्त होना पड़ेगा. इन नियुक्तियों के लिए मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी गठित की गई थी, जिसमें नेता प्रतिपक्ष व विधानसभा अध्यक्ष को भी शामिल किया गया था.

इसके लिए बीते नौ जून को बैठक हुई, बैठक में हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस पीएस राणा को अध्यक्ष और पूर्व प्रशासनिक अधिकारी डॉ. अजय भंडारी के नाम की सिफारिश सदस्य पद के लिए की गई थी.

हालांकि नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्रिहोत्री ने इस बारे राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय को पत्र लिखकर चयन प्रक्रिया को लेकर यह कहते हुए सवाल उठाए थे कि वह इस बैठक में शामिल नहीं हो पाए थे. ऐसे में पूर्व में अपनाई गई चयन प्रक्रिया को ध्यान में रखते हुए नए सिरे से चयन समिति की बैठक को बुलाया जाए, जिससे स्वस्थ वैधानिक मानदंड एवं लोकतांत्रिक मूल्यों में किसी तरह का टकराव न हो.

रि. जस्टिस पीएस राणा

13 अगस्त, 1955 में जन्में रि. जस्टिस पीएस राणा हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश रहे हैं. मौजूदा समय में वह हिमाचल प्रदेश राज्य उपभोक्ता निवारण आयोग के अध्यक्ष हैं. एमए एलएलबी उत्तीर्ण जस्टिस राणा ने जिला न्यायालय हमीरपुर से अपनी वकालत शुरू की थी.

इसके बाद उन्होंने अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश और जिला एवं सत्र न्यायाधीश के रुप में अलग-अलग स्थानों पर सेवाएं दीं. इसी तरह वह हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में रजिस्ट्रार इंस्पैक्शन, हाईकोर्ट के एडिशनल जज एवं जज के रुप में अलग-अलग समय पर अपनी सेवाएं देते रहे.

जस्टिस राणा ने विधि एवं न्याय के क्षेत्र में अनेक पद पर रहते हुए अपनी सेवाएं दी हैं. उनके लंबे अनुभव को देखते हुए अब उन्हें राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष पद जैसा अहम दायित्व सौंपा गया है.

डॉ. अजय भंडारी

15 फरवरी, 1954 को जन्में डा. अजय भंडारी भारतीय प्रशासनिक सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी हैं. उन्होंने सचिवालय स्तर पर करीब 11 साल सचिव जीएडी सचिवालय प्रशासन, संसदीय मामले एवं सैनिक कल्याण, गृह एवं सतर्कता, नवीकरणीय ऊर्जा और वित्तीय मामलों से संबंधित महकमें देखे हैं.

इसके अलावा वह 8 साल तक विभिन्न निगम एवं बोर्ड में एमडी रहे हैं. ऊर्जा के क्षेत्र में उन्होंने विभिन्न पदों पर करीब छह साल तक अपनी सेवाएं दी. वह राज्य स्तरीय इन्वायरमैंट इ पैक्ट असैसमैंट अथॉरिटी (एसईआईएए) के अध्यक्ष भी रहे हैं. उनके पास प्रशासनिक क्षेत्र में काम करने का लंबा अनुभव है.

पढ़ें: मंत्रिमंडल विस्तार पर फिर सीएम ने नहीं खोले 'पत्ते', 3 सीटों पर हैं कई माननीयों की नजर

शिमला: करीब डेढ़ दशक के लंबे अंतराल के बाद राज्य में मनवाधिकार आयोग के अध्यक्ष पद पर हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जस्टिस पीएस राणा की नियुक्ति हुई है. इसी तरह सदस्य के पद पर सेवानिवृत्त भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी डॉ. अजय भंडारी को नियुक्ति दी गई है. साथ ही राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय की तरफ से इन दोनों नियुक्तियों पर मोहर भी लगा दी गई है.

अध्यक्ष व सदस्य की नियुक्तियां 3 साल की अवधि के लिए की गई हैं, लेकिन 70 साल की आयु पूरी होने पर पद से भारमुक्त होना पड़ेगा. इन नियुक्तियों के लिए मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी गठित की गई थी, जिसमें नेता प्रतिपक्ष व विधानसभा अध्यक्ष को भी शामिल किया गया था.

इसके लिए बीते नौ जून को बैठक हुई, बैठक में हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस पीएस राणा को अध्यक्ष और पूर्व प्रशासनिक अधिकारी डॉ. अजय भंडारी के नाम की सिफारिश सदस्य पद के लिए की गई थी.

हालांकि नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्रिहोत्री ने इस बारे राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय को पत्र लिखकर चयन प्रक्रिया को लेकर यह कहते हुए सवाल उठाए थे कि वह इस बैठक में शामिल नहीं हो पाए थे. ऐसे में पूर्व में अपनाई गई चयन प्रक्रिया को ध्यान में रखते हुए नए सिरे से चयन समिति की बैठक को बुलाया जाए, जिससे स्वस्थ वैधानिक मानदंड एवं लोकतांत्रिक मूल्यों में किसी तरह का टकराव न हो.

रि. जस्टिस पीएस राणा

13 अगस्त, 1955 में जन्में रि. जस्टिस पीएस राणा हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश रहे हैं. मौजूदा समय में वह हिमाचल प्रदेश राज्य उपभोक्ता निवारण आयोग के अध्यक्ष हैं. एमए एलएलबी उत्तीर्ण जस्टिस राणा ने जिला न्यायालय हमीरपुर से अपनी वकालत शुरू की थी.

इसके बाद उन्होंने अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश और जिला एवं सत्र न्यायाधीश के रुप में अलग-अलग स्थानों पर सेवाएं दीं. इसी तरह वह हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में रजिस्ट्रार इंस्पैक्शन, हाईकोर्ट के एडिशनल जज एवं जज के रुप में अलग-अलग समय पर अपनी सेवाएं देते रहे.

जस्टिस राणा ने विधि एवं न्याय के क्षेत्र में अनेक पद पर रहते हुए अपनी सेवाएं दी हैं. उनके लंबे अनुभव को देखते हुए अब उन्हें राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष पद जैसा अहम दायित्व सौंपा गया है.

डॉ. अजय भंडारी

15 फरवरी, 1954 को जन्में डा. अजय भंडारी भारतीय प्रशासनिक सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी हैं. उन्होंने सचिवालय स्तर पर करीब 11 साल सचिव जीएडी सचिवालय प्रशासन, संसदीय मामले एवं सैनिक कल्याण, गृह एवं सतर्कता, नवीकरणीय ऊर्जा और वित्तीय मामलों से संबंधित महकमें देखे हैं.

इसके अलावा वह 8 साल तक विभिन्न निगम एवं बोर्ड में एमडी रहे हैं. ऊर्जा के क्षेत्र में उन्होंने विभिन्न पदों पर करीब छह साल तक अपनी सेवाएं दी. वह राज्य स्तरीय इन्वायरमैंट इ पैक्ट असैसमैंट अथॉरिटी (एसईआईएए) के अध्यक्ष भी रहे हैं. उनके पास प्रशासनिक क्षेत्र में काम करने का लंबा अनुभव है.

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