शिमला: सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो विजिलेंस ने पूर्व स्वास्थ्य निदेशक डॉ. अजय कुमार गुप्ता को गिरफ्तार किया है. दरअसल उन्हें कोविड-19 के दौरान साल 2020 में आवश्यक उपकरणों की खरीद-फरोख्त में हेराफेरी के मामले में दोषी पाया गया है. आज उन्हें कोर्ट में पेश किया गया था. अदालत के द्वारा दोषी स्वास्थ्य विभाग के पूर्व निदेशक डॉ. अजय कुमार गुप्ता को 4 फरवरी तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया है. बता दें, कोरोनाकाल के दौरान गुप्ता पर स्वास्थ्य निदेशक रहते एबीजी मशीनों की खरीद के लिए 4.25 लाख रुपये की रिश्वत लेने का आरोप लगे हैं.
2020 में हुआ था हिमाचल में सैनिटाइजर घोटाला- वर्ष 2020 में हिमाचल में सैनिटाइजर घोटाला सामने आया था. इस दौरान एक ऑडियो भी वायरल हुई थी. ऑडियो के अनुसार, इसमें दो लोगों के बीतचीत हुई थी. जिसमें 4.25 लाख रुपए लेने की बात की जा रही थी. साथ ही कहा गया कि बैंक वाले सहयोग नहीं कर रहे हैं. 43 सेकंड के इस ऑडियो के अंत में पांच लाख रुपए देने की बात कही गई.
विजिलेंस की एसआईयू को सौंपी था मामला- पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने भी मामले की जांच के आदेश दिए थे. इस मामले की जांच विजिलेंस की एसआईयू को सौंपी गई. इससे जुड़े सभी पहलुओं पर गहनता से जांच की गई. तो हिमाचल प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग के पूर्व निदेशक डॉ. अजय कुमार गुप्ता को दोषी पाया गया. जिन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है. लेकिन उन्हें अभी कोर्ट से जमानत मिल गई है. अब कोर्ट से जमानत अर्जी रद्द होने के बाद फिर से उन्हें गिरफ्तार किया गया है.
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