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ओलावृष्टि ने तबाह की सेब की फसल, पूर्व विधायक ने सरकार से की किसानों को मुआवजा देने की मांग

ऊपरी शिमला के कई क्षेत्र में ओलावृष्टि ने सेब की फसलें तबाह कर दी है. बागबानों की साल भर की मेहनत पर ओलावृष्टि ने कुछ ही मिनटों में ही पानी फेर दिया है. अभी सेबों में फूल खिल रहे हैं, लेकिन सेब लगने से पहले ही ओलावृष्टि ने फूल गिरा दिए हैं.

फाइल फोटो
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Published : Apr 25, 2019, 10:41 AM IST

शिमलाः अभी हाल ही में प्रदेश के कई क्षेत्रों में ओलावृष्टि ने जम कर कहर बरसाया है. जिसमे किसानों और बागवानों की फसलें तबाह हो गई है. कांग्रेस ने जयराम सरकार से जल्द प्रभावित बागवानों किसानो को राहत राशि देने की मांग की है. कांग्रेस के नेता और जुब्बल कोटखाई के पूर्व विधायक रोहित ठाकुर ने कहा कि पिछले दिनों जुब्बल की नावर की आठ पंचायतों में ओलावृष्टि ने सेब की पूरी फसल तबाह कर दी है, लेकिन सरकार द्वारा राहत देना तो दूर की बात है अभी तक नुकसान का आकलन तक नहीं करवाया है.

जानकारी देते कांग्रेस नेता रोहित ठाकुर


उन्होंने कहा कि ये सरकार की नाकामी को दर्शाता है. उन्होंने सरकार से प्रभावित बागवानों को प्राथमिकता के आधार पर राहत राशि देने की मांग की. उन्होंने कहा कि ओलावृष्टि से बचाने के लिए पूर्व की धूमल सरकार में एंटी हेल गन लगवाई गई थी, लेकिन ये ओलावृष्टि से बचाने से कम पोलटिकल गन ज्यादा साबित हुई है. अभी भी बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र में इन हेल गन और निजी हेल गन को अपने अधिकार में लेकर दोबारा से शुरू करने की बात कही थी, लेकिन अभी तक सरकार इस ओर कोई काम नहीं कर पाई है.


रोहित ठाकुर का मानना है कि इसके चलते हर साल बागवानों की फसलें ओलावृष्टि से तबाह हो रही है. कांग्रेस सरकार ने ओलावृष्टि से बचाने के लिए बागवानों को एंटी हेल नेट पर सब्सिडी 50 प्रतिशत से बड़ा कर 80 प्रतिशत की थी. अब जयराम सरकार को भी इस योजना को आगे बढ़ाना चाहिए ताकि बागवान ओलावृष्टि से अपने सेबों को बचा सके.


बता दें ऊपरी शिमला के कई क्षेत्र में ओलावृष्टि ने सेब की फसलें तबाह कर दी है. बागबानों की साल भर की मेहनत पर ओलावृष्टि ने कुछ ही मिनटों में ही पानी फेर दिया है. अभी सेबों में फूल खिल रहे हैं, लेकिन सेब लगने से पहले ही ओलावृष्टि ने फूल गिरा दिए हैं. ऊपरी शिमला में ज्यादातर लोग बागवानीं पर ही निर्भर रहते है. ऐसे में अब उनकी चिंता बढ़ गई है.

शिमलाः अभी हाल ही में प्रदेश के कई क्षेत्रों में ओलावृष्टि ने जम कर कहर बरसाया है. जिसमे किसानों और बागवानों की फसलें तबाह हो गई है. कांग्रेस ने जयराम सरकार से जल्द प्रभावित बागवानों किसानो को राहत राशि देने की मांग की है. कांग्रेस के नेता और जुब्बल कोटखाई के पूर्व विधायक रोहित ठाकुर ने कहा कि पिछले दिनों जुब्बल की नावर की आठ पंचायतों में ओलावृष्टि ने सेब की पूरी फसल तबाह कर दी है, लेकिन सरकार द्वारा राहत देना तो दूर की बात है अभी तक नुकसान का आकलन तक नहीं करवाया है.

जानकारी देते कांग्रेस नेता रोहित ठाकुर


उन्होंने कहा कि ये सरकार की नाकामी को दर्शाता है. उन्होंने सरकार से प्रभावित बागवानों को प्राथमिकता के आधार पर राहत राशि देने की मांग की. उन्होंने कहा कि ओलावृष्टि से बचाने के लिए पूर्व की धूमल सरकार में एंटी हेल गन लगवाई गई थी, लेकिन ये ओलावृष्टि से बचाने से कम पोलटिकल गन ज्यादा साबित हुई है. अभी भी बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र में इन हेल गन और निजी हेल गन को अपने अधिकार में लेकर दोबारा से शुरू करने की बात कही थी, लेकिन अभी तक सरकार इस ओर कोई काम नहीं कर पाई है.


रोहित ठाकुर का मानना है कि इसके चलते हर साल बागवानों की फसलें ओलावृष्टि से तबाह हो रही है. कांग्रेस सरकार ने ओलावृष्टि से बचाने के लिए बागवानों को एंटी हेल नेट पर सब्सिडी 50 प्रतिशत से बड़ा कर 80 प्रतिशत की थी. अब जयराम सरकार को भी इस योजना को आगे बढ़ाना चाहिए ताकि बागवान ओलावृष्टि से अपने सेबों को बचा सके.


बता दें ऊपरी शिमला के कई क्षेत्र में ओलावृष्टि ने सेब की फसलें तबाह कर दी है. बागबानों की साल भर की मेहनत पर ओलावृष्टि ने कुछ ही मिनटों में ही पानी फेर दिया है. अभी सेबों में फूल खिल रहे हैं, लेकिन सेब लगने से पहले ही ओलावृष्टि ने फूल गिरा दिए हैं. ऊपरी शिमला में ज्यादातर लोग बागवानीं पर ही निर्भर रहते है. ऐसे में अब उनकी चिंता बढ़ गई है.

Intro:अभी हाल ही में प्रदेश के कई क्षेत्रों में ओलो ने जम कर कहर बरसाया जिसमे किसानों ओर बागवानों की फसलें तबाह हो गई है। कांग्रेस ने जयराम सरकार से जल्द प्रभावित बागवानों किसानो को राहत राशि देने की मांग की है। कांग्रेस के नेता और जुब्बल कोटखाई के पूर्व विधायक ने कहा कि पिछले दिनों जुब्बल की नावर की आठ पंचायतों में ओलो ने सेब की पूरी फसल तबाह कर दी है । लेकिन सरकार द्वारा राहत देना तो दूर की बात है अभी तक नुकसान का आंकलन तक नही करवाया है। ये सरकार की नाकामी को दर्शाता है। उन्होंने सरकार से प्रभावित बागवानों को प्राथमिकता के आधार पर राहत राशि देने की मांग की।


Body:उन्होंने कहा कि ओलो से बचाने के लिए पूर्व की धूमल सरकार में एंटी हेल गन लगवाई गई थी लेकिन ये ओलो से बचाने से कम पोलटिकल गन ज्यादा साबित हुई है। अभी भी बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र में इन हेल गन ओर निजी हेल गन को अपने अधिकार में लेकर दोबारा से शुरू करने की बात कही थी लेकिन अभी तक सरकार इस ओर कोई काम नही कर पाई है जिसके चलते हर साल बागवानों की फसलें ओलो से तबाह हो रही है। उनोहने कहा कि कांग्रेस सरकार ने ओलो से बचाने के लिए बागवानों को एंटी हेल नेट पर सब्सिडी 50 प्रतिशत से बड़ा कर 80 प्रतिशत की थी और जयराम सरकार को भी इस योजना को आगे बढ़ाना चाहिए ताकि बागवान ओलो से अपने सेबों को बचा सके।


Conclusion:बता दे ऊपरी शिमला के कई क्षेत्र में ओलो ने सेब की फसलें तबाह कर दी है। बागबानों की साल भर की मेहनत पर ओलो ने कुछ मिनटों में ही ओलो ने पानी फेर दिया । अभी सेबों में फूल खिल रहे है लेकिन सेब लगने से पहले ही ओलो ने फूल गिरा दिए। ऊपरी शिमला में ज्यादातर लोग बागवानी पर ही निर्भर रहते है। ऐसे में अब उनकी चिंता बढ़ गई है।
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