शिमला: वन मंत्री राकेश पठानिया ने विभाग के शोध एवं प्रशिक्षण प्रभाग को और अधिक प्रभावी ढंग से कार्य करने के निर्देश दिए. उन्होंने वानिकी क्षेत्र में शोध को धरातल पर क्रियान्वित करने पर अधिक ध्यान देने की भी बात कही.
वन विभाग प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध
वर्चुअल माध्यम से वन विभाग की समीक्षा के दौरान राकेश पठानिया ने अधिकारियों से कहा कि वन विभाग प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि हिमाचल एक पहाड़ी राज्य है और यहां वन विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है. वन विभाग द्वारा चलाई जा रही 'एक बूटा बेटी के नाम', सामुदायिक वन संवर्धन योजना, विद्यार्थी वन मित्र योजना और विशेष रूप से पर्वत धारा योजना पर विस्तृत चर्चा की गई.
वन रक्षकों के 311 पदों पर की जाएगी भर्ती
राकेश पठानिया ने कहा कि वनों में वर्षा के जल को लंबे समय के लिए अधिक से अधिक संग्रहित करने के लिए पर्वत धारा योजना के अंतर्गत तालाब, चैक डैम व अन्य जल संग्रह संरचनाओं का निर्माण किया जाना चाहिए, जिससे भू-जल स्तर को बढ़ाया जा सके. उन्होंने कहा कि इस समय कोरोना महामारी के कारण वन रक्षकों की भर्ती बाधित हुई है. महामारी का दौर समाप्त होते ही वन रक्षकों के 311 पदों पर भर्ती की जाएगी. उन्होंने यह भी कहा कि अन्य पदों पर भी कर्मचारियों की भर्ती के मामलों को मुख्यमंत्री के समक्ष उठाकर जल्द ही भरा जाएगा. समीक्षा बैठक में विभाग के शोध एवं प्रशिक्षण प्रभाग सुंदरनगर के अतिरिक्त वन वृत मंडी, कुल्लू एवं वन्य प्राणी वृत ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क के कार्यों की प्रगति पर चर्चा की गई.
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