शिमला: हिमाचल प्रदेश में टूरिज्म सेक्टर को मजबूत करने और बड़ी संख्या में पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए प्रदेश सरकार प्रयास करती रही है. इसी कड़ी में अब एडवेंचर एक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए और ट्रेकिंग को और ज्यादा रोमांचक बनाने के लिए सुखविंदर सरकार ने नई पहल की है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में एडवेंचर टूरिज्म एक्टिविटी को बढ़ावा देने और ट्रेकिंग के शौकीनों को सेव एनवायरनमेंट देने के लिए प्रदेश सरकार ठोस कदम उठा रही है. ट्रेकर्स की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए वन विभाग को प्रदेश में ट्रेकिंग रूट्स नोटिफाइड करने के निर्देश दिए गए हैं.
ईको-टूरिज्म सोसाइटी के जरिए दिया जाएगा पैकेज: इसके तहत वन विभाग पहली बार मौसम और उस रूट पर ठहरने की व्यवस्था व अन्य आवश्यक सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए यह ट्रेकिंग रूट्स अधिसूचित करेगा. वन विभाग इन रूट्स को ईको-टूरिज्म सोसाइटी के जरिए से ट्रेकर्स को एक पैकेज के रूप में पेश करेगा, ताकि उन्हें किसी प्रकार की असुविधा न हो और उनकी सेफ्टी भी सुनिश्चित की जा सके. पैकेज में ट्रेकिंग रूट से संबंधित पूरी जानकारी दी जाएगी.
ट्रेकर्स की सेफ्टी के लिए पहल: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि ट्रेकर्स कई बार रूट पर जाकर भटक जाते हैं और उनके साथ कई अनहोनी की घटनाएं भी सामने आती रहती हैं. उन्हें ढूंढने के लिए प्रदेश सरकार को रेस्क्यू ऑपरेशन चलाने पड़ते हैं, जिसमें काफी संसाधन लगते हैं. ऐसे में वन विभाग ट्रेकर्स की सुविधा को देखते हुए इन रूट्स को अधिसूचित करेगा, जिससे ट्रेकर्स की सुरक्षा भी सुनिश्चित हो सकेगी.
ट्रेकिंग के लिए रजिस्ट्रेशन जरूरी: हिमाचल में ट्रेकिंग पर जाने से पहले इच्छुक व्यक्ति को रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा. जिसके बाद उन्हें ट्रेकिंग डिवाइस दिए जाएंगे, ताकि किसी भी आपात स्थिति में उनकी भौगोलिक स्थिति का पता लगाने लगाया जा सके और समय पर उन तक मदद पहुंचाई जा सके. वन विभाग ट्रेकर्स को गाइड की भी सुविधा उपलब्ध कराएगा. इन गाइड्स का भी रजिस्ट्रेशन किया जाएगा और वन विभाग उन्हें ट्रेनिंग भी देगा. जिससे स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलेगा.