शिमला: वन विभाग से स्वीकृति मिलने के बाद से अब आदि हिमानी चामुंडा रोप-वे बनने का रास्ता साफ हो गया है. इस रोप-वे को बनाने में 289 करोड़ रुपए की लागत आएगी. रोप-वे बनने से श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधा मिलेगी साथ ही पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा.
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि राज्य में बढ़ती यातायात समस्या और सड़कों पर बढ़ती निर्भरता को कम करने के लिए राज्य सरकार रज्जू मार्गों और अन्य ‘रैपिड ट्रांसपोर्टेशन’ परियोजनाओं के निर्माण की संभावनाओं का पता लगा रही है. राज्य में मौजूदा परिवहन व्यवस्था को और अधिक सुचारू बनाने के लिए रज्जू मार्गों, मोनो रेल, पॉड कार, एसक्लेटर आदि आधुनिक परिवहन विकल्पों की पहचान करने के लिए परिवहन विभाग के अन्तर्गत रोप-वे एंड रैपिड ट्रांसपोर्ट डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन का गठन किया है. यह निगम इस सम्बन्ध में एक नोडल एंजेंसी के रूप में कार्य कर रही है.
सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि पहले चरण में शिमला, मनाली और धर्मशाला जैसे पर्यटन स्थलों में यातायात की वैकल्पिक व्यवस्थाओं की संभावनाओं का पता लगाया जाएगा. उन्होंने कहा कि रज्जू मार्ग एक सशक्त व्यापक परिवहन प्रणाली होने के साथ कुशल और पर्यावरण मित्र और कम लागत वाली परिवहन प्रणाली भी है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार के उपक्रम ‘वैपकोस’ लिमिटेड पर्यटन की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण शिमला, मनाली और धर्मशाला शहरों के लिए प्रारम्भिक योजना तैयार की है. उन्होंने कहा कि इसके अनुसार डीपीआर बनाई जाएगी और इस वर्ष नवम्बर माह तक निविदाएं आमंत्रित की जाएंगी.