शिमला: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में एक अध्यापिका द्वारा 7 वर्षीय मासूम को पीटने का कथित मामला सामने आया. जानकारी के मुताबिक शिमला के फागली स्कूल में दूसरी कक्षा में पढ़ने वाले छात्र की स्कूल की अध्यापिका ने पिटाई कर दी, जिससे बच्चे के कान में चोटें आ गई है. पीड़ित छात्र के माता-पिता ने शिमला पुलिस के पास अध्यापिका के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है. उन्होंने पुलिस प्रशासन से मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की है.
माता-पिता का आरोप: वहीं, 7 वर्षीय मासूम पीड़ित छात्र का कहना है कि उसे तो यह तक नहीं पता की आखिर उसकी अध्यापिका ने उसे मारा क्यों. बच्चे का कहना है कि वह तो अपने दोस्तों के साथ सिर्फ खेल रहा था. इस दौरान अध्यापिका ने उसकी पिटाई करना शुरू कर दी. जिससे उसके कान में चोट आ गई. पीड़ित छात्र के माता-पिता ने आरोप लगाते हुए कहा कि अध्यापिका ने बहुत बेरहमी के साथ उनके बच्चे की पिटाई की है. जिससे उसके कान में बुरी तरह से चोट आई है.
माता-पिता की मांग: पीड़ित छात्र के माता-पिता ने कहा कि इससे पहले भी यह अध्यापिका कई बार उनके बच्चे के साथ मारपीट कर चुकी हैं और इसके साथ ही उनके बच्चे को करीब 4 महीनों से क्लास से अलग स्टाफ रूम में बिठाया जा रहा है, लेकिन उसे पढ़ाया नहीं जा रहा है. पीड़ित छात्र की माता ने कहा कि आज उन्होंने मजबूर होकर इस मामले में एफआईआर दर्ज करवाई है. बच्चे का मेडिकल करवा लिया गया है. उन्होंने प्रशासन से स्कूल अध्यापिका के खिलाफ सख्त कार्रवाई और उसे यहां से ट्रांसफर करने की मांग की है.
अध्यापिका का आरोपों से इनकार: वहीं, अध्यापिका आशा कुमारी ने अपने बचाव में कहा कि उन पर लगाए गए सभी आरोप झूठे हैं. उन्होंने पूर्व प्रधान पर आरोप लगाते हुए कहा कि पूर्व प्रधान द्वारा गलत तरीके से उसका और स्कूल का नाम उछाला जा रहा है, जो कि बेहद शर्मनाक है. अध्यापिका ने कहा कि पूर्व एसएमसी प्रधान निलंबित होने के बाद से ही अध्यापकों, छात्रों और स्कूल स्टाफ को परेशान कर रहा है. अध्यापिका का कहना है कि उन्होंने बच्चे को हाथ भी नहीं लगाया है. बच्चा को यह चोट खेलते हुए लगी है. उस पर लगे सभी आरोप झूठे हैं. वहीं, मामले की पुष्टि करते हुए एसपी संजीव गांधी ने कहा कि मामले में शिकायत आई है और जांच की जा रही है.
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