शिमला: कोरोना महामारी के दौरान आर्थिक संकट के चलते कई क्षेत्रों में जहां कर्मियों को नौकरी से निकाला गया तो कहीं पर कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं मिला, लेकिन शिमला नगर निगम ने कोरोना संकट के दौरान भी सफाई कर्मियों को वेतन देने के साथ भी बोनस और राशन सहित अन्य सुविधाएं भी मुहैया करवाईं.
नगर निगम में ढाई सौ के करीब सफाई कर्मी हैं, जबकि एक हजार के करीब सैहब सोसाइटी डोर टू डोर कूड़ा उठाने का काम कर रहे हैं. लॉकडाउन के दौरान भी जब लोग घरों में कैद हो गए थे तो हर रोज शहर में इन सफाई कर्मी सफाई करने में जुटे रहते थे.
वेतन के साथ बोनस और राशन भी मुहैया करवाया
नगर निगम की ओर से भी इन कर्मचारियों को समय पर वेतन तो नहीं ही साथ ही वेतन के साथ बोनस और राशन भी मुहैया करवाया. कई संस्थानों ने भी नगर निगम के सफाई कर्मियों के लिए राशन देने के साथ ही अन्य जरूरी सामान दिया गया.
'सफाई कर्मियों का बहुत बड़ा योगदान रहा'
कोरोना काल मे भले ही नगर निगम आर्थिक संकट से जूझता रहा लेकिन नगर निगम की ओर से किसी भी कर्मी को नौकरी से निकाला गया और न ही किसी भी कर्मी का वेतन रोका गया. नगर निगम के आयुक्त आशीष कोहली ने कहा कि कोरोना काल मे शहर में सफाई व्यवस्था को बनाए रखने में सफाई कर्मियों का बहुत बड़ा योगदान रहा है.
हर रोज शहर में सफाई की गई और नगर निगम की ओर से सभी कर्मियों को समय पर वेतन देने के साथ ही बोनस भी दिया गया और सफाई कर्मियों को जहा राशन दिया गया. वहीं, डोर टू डोर कूड़ा उठाने वाले कर्मियों को वेतन में दस फीसदी का इजाफा भी किया गया और तीन हजार का बोनस भी दिया गया है.
'कर्मचारियों का पूरा ख्याल रखा गया'
वहीं, सफाई कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष नागेश ने कहा कि कोरोना काल के दौरान नगर निगम द्वारा कर्मचारियों को वेतन देने के साथ ही बोनस भी दिया और कर्मचारियों का पूरा ख्याल रखा गया. इस दौरान कई संस्थानों ने भी कर्मचारियों को राशन मुहैया करवाया.
उन्होंने कहा कि शहर में कोविड के दौरान सुबह से लेकर शाम तक सफाई कर्मी अपना कार्य करते रहे और नगर निगम ने हर सुविधा भी मुहैया करवाई गई और किसी भी कर्मचारी का ना तो नगर निगम ने वेतन रोका और ना ही किसी कर्मचारी को नौकरी से निकाला गया है.
शहर में 220 स्थायी सफाई कर्मी, 800 सैहब कर्मी
शिमला शहर में नगर निगम के पास मौजूदा समय में 220 स्थायी सफाई कर्मचारी हैं जबकि 800 के करीब सहकर्मी है जो कि शहर में डोर टू डोर कूड़ा उठाने का काम कर रहे हैं.
डोर टू डोर कूड़ा उठाने वाले कर्मी सोसाइटी के तहत कार्य कर रहे हैं. फिलहाल किसी भी कर्मी को निगम कि ओर से नहीं निकाला गया है. हालांकि लोगों द्वारा कूड़ा शुल्क समय पर नहीं दिया गया. बावजूद इसके नगर निगम ने अपने खजाने में से सैहब कर्मियों को वेतन दिया.
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