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रिकांगपिओ अस्पताल में गायनेकोलॉजिस्ट का पद खाली, महिलाओं को इलाज करवाने में आ रही है दिक्कत - महिलाओं को दिक्कत

काफी दिनों सिविल अस्पताल रिकांगपिओ में गायनेकोलॉजिस्ट का पद खाली है. ऐसे में महिलाओं को अपने गर्भावस्था, प्रसव व दूसरे इलाज के लिए भारी समस्याओं से गुजरना पड़ रहा है. जनजातीय जिला किन्नौर में एकमात्र क्षेत्रीय अस्पताल रिकांगपिओ में ही स्थित है. महिलाओं को अपने इलाज के लिए बाहरी क्षेत्रों के अस्पतालों में अब प्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामले के कारण संक्रमण के खतरे का डर भी लगा रहता है.

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रिकांगपिओ अस्पताल में गायनेकोलॉजिस्ट का पद खाली
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Published : May 14, 2020, 8:29 PM IST

Updated : May 15, 2020, 11:02 AM IST

किन्नौरः जनजातीय जिला किन्नौर में एकमात्र क्षेत्रीय चिकित्सालय रिकांगपिओ में स्थित है. जहां रोजाना सैकड़ों लोग अपने इलाज के लिए जाते हैं. ऐसे में महिलाओं को अपने गर्भावस्था, प्रसव व दूसरे इलाज के लिए भारी समस्याओं से गुजरना पड़ रहा है क्योंकि पिछले काफी दिनों से सिविल अस्पताल रिकांगपिओ में गायनेकोलॉजिस्ट का पद खाली है.

जिला किन्नौर कांग्रेस कमेटी के जिला प्रवक्ता सूर्या बोरस ने कहा कि क्षेत्रीय अस्पताल रिकांगपिओ में इन दिनों गायनेकोलॉजिस्ट का पदखाली हो चुका है. इससे पूर्व अधिकारी चिकित्सालय में डॉक्टर ललित नेगी विशेषज्ञ थे, जिन्हें अपने एसआर शिप के लिए जाना पड़ा, जिससे जिला की महिलाओं को अपने स्त्री रोग, प्रसव, गर्भावस्था व दूसरे इलाज के लिए 90 किलोमीटर दूर रामपुर या 300 किलोमीटर दूर शिमला जाना पड़ रहा है.

वीडियो

ऐसे में महिलाओं को दूरदराज इलाकों में आवाजाही के साथ ठहरने की भी समस्याएं आ रही हैं क्योंकि इन दिनों बाहरी क्षेत्रों में होटल, रेस्ट हाउस बंद हैं साथ ही महिलाओं को अपने इलाज के लिए बाहरी क्षेत्रों के अस्पतालों में अब प्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामले के कारण संक्रमण के खतरे का डर भी लगा रहता है.

डीसी किन्नौर गोपालचन्द ने कहा कि क्षेत्रीय चिकित्सालय रिकांगपिओ में गायनेकोलॉजिस्ट का पद खाली हुआ है. इस विषय में प्रदेश सरकार को पत्राचार के माध्यम से जिला में एक गायनेकोलॉजिस्ट विशषज्ञ डॉक्टर के पद को भरने की मांग करेंगे, जिससे जिला के महिलाओं को अपने इलाज के लिए बाहरी क्षेत्रों में न जाना पड़े.

पढ़ेंः प्रवासियों ने अपने निजी खर्चे से किया घर की ओर पलायन, बिहार सरकार को सुनाई खरी खोटी

किन्नौरः जनजातीय जिला किन्नौर में एकमात्र क्षेत्रीय चिकित्सालय रिकांगपिओ में स्थित है. जहां रोजाना सैकड़ों लोग अपने इलाज के लिए जाते हैं. ऐसे में महिलाओं को अपने गर्भावस्था, प्रसव व दूसरे इलाज के लिए भारी समस्याओं से गुजरना पड़ रहा है क्योंकि पिछले काफी दिनों से सिविल अस्पताल रिकांगपिओ में गायनेकोलॉजिस्ट का पद खाली है.

जिला किन्नौर कांग्रेस कमेटी के जिला प्रवक्ता सूर्या बोरस ने कहा कि क्षेत्रीय अस्पताल रिकांगपिओ में इन दिनों गायनेकोलॉजिस्ट का पदखाली हो चुका है. इससे पूर्व अधिकारी चिकित्सालय में डॉक्टर ललित नेगी विशेषज्ञ थे, जिन्हें अपने एसआर शिप के लिए जाना पड़ा, जिससे जिला की महिलाओं को अपने स्त्री रोग, प्रसव, गर्भावस्था व दूसरे इलाज के लिए 90 किलोमीटर दूर रामपुर या 300 किलोमीटर दूर शिमला जाना पड़ रहा है.

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ऐसे में महिलाओं को दूरदराज इलाकों में आवाजाही के साथ ठहरने की भी समस्याएं आ रही हैं क्योंकि इन दिनों बाहरी क्षेत्रों में होटल, रेस्ट हाउस बंद हैं साथ ही महिलाओं को अपने इलाज के लिए बाहरी क्षेत्रों के अस्पतालों में अब प्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामले के कारण संक्रमण के खतरे का डर भी लगा रहता है.

डीसी किन्नौर गोपालचन्द ने कहा कि क्षेत्रीय चिकित्सालय रिकांगपिओ में गायनेकोलॉजिस्ट का पद खाली हुआ है. इस विषय में प्रदेश सरकार को पत्राचार के माध्यम से जिला में एक गायनेकोलॉजिस्ट विशषज्ञ डॉक्टर के पद को भरने की मांग करेंगे, जिससे जिला के महिलाओं को अपने इलाज के लिए बाहरी क्षेत्रों में न जाना पड़े.

पढ़ेंः प्रवासियों ने अपने निजी खर्चे से किया घर की ओर पलायन, बिहार सरकार को सुनाई खरी खोटी

Last Updated : May 15, 2020, 11:02 AM IST
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